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भारत ने किया पीएसएलवी का सफल प्रक्षेपण

२० अप्रैल २०११

भारत ने बुधवार को पीएसएलवी सी 16 रॉकेट को अंतरिक्ष में भेजने में कामयाबी पाई है. ये रॉकेट अपने साथ रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट रिसोर्ससैट-2 साथ ले गया है. इसके साथ दो और छोटे उपग्रह भी हैं. लगातार दो नाकामियों के बाद सफलता.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

चेन्नई के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी सी 16 रॉकेट ने ठीक 10 बज कर 12 मिनट पर उड़ान भरी. उड़ान भरने के 18 मिनट बाद इसने रिसोर्ससैट 2, यूथसैट और एक्ससैट को उनकी कक्षा में स्थापित कर दिया. पृथ्वी से करीब 822 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद कक्षा में तीनों उपग्रहों के पहुंच जाने के बाद खुशी से चहकते इसरो के चेयरमैन के राधाकृष्णन ने कहा, "पीएसएलवी सी 16 रिसोर्ससैट 2 मिशन सफल रहा" इसके साथ ही मिशन कंट्रोल सेंटर में मौजूद वैज्ञानिकों ने राहत की सांस ली. पिछले साल लगातार दो प्रक्षेपणों के नाकाम होने के बाद इस बार यह कामयाबी नसीब हुई है.

तस्वीर: AP

1206 किलोग्राम का रिसोर्ससैट-2 रिसोर्ससैट-1 की जगह लेगा जिसे 2003 में अंतरिक्ष में भेजा गया था. अंतरिक्ष में इसकी उम्र पांच साल होगी और ये प्राकृतिक संसाधनों के बारे में जानकारी मुहैया कराएगा.

पिछले साल दिसंबर में जीएसएलवी मिशन नाकाम हो गया. भारत में तैयार जीएसएलवीएफ 06 रॉकेट जीसैट-5पी उपग्रह को ले कर जा रहा था लेकिन उड़ान भरने के एक मिनट के भीतर ही वह हवा में फट गया और फिर बंगाल की खाड़ी में जा गिरा. जीसैट-5पी के साथ 24 सी बैंड और 12 एक्सटेंडेड सी बैंड ट्रांसपोंडर्स सागर में जा गिरे. इससे पहले अप्रैल 2010 में भी जीएसएलवी-डी3 मिशन नाकाम हो गया था. इसके साथ जीसैट-4 को भेजा जा रहा था. इन दो घटनाओं ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के माथे पर धब्बा लगा दिया. बहरहाल बुधवार को पूरा हुआ पीएसएलवी का 17 वां सफल मिशन था. 1993 में पीएसएलवी का पहला मिशन नाकामी के साथ ही शुरू हुआ.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनःउभ

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