भारत ने परमाणु रिएक्टरों की जांच के आदेश दिए
१४ मार्च २०११![](https://static.dw.com/image/6315757_800.webp)
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है की जापान में भूकंप और सूनामी के बाद वहां के फुकुशिमा परमाणु संयंत्र पर असर को देखते हुए भारत में सभी परमाणु रिएक्टरों की पूरी जांच की जाएगी. प्रधानमंत्री ने संसद में कहा कि परमाणु ऊर्जा विभाग को कड़े आदेश दिए गए हैं कि वो देश के सभी परमाणु संयंत्रों के सुरक्षा पैमानों की जांच करें और जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट पेश करें. मनमोहन सिंह ने कहा, "जांच में इस बात को सुनिश्चित किया जाएगा कि रिएक्टर भूकंप और सुनामी जैसी बड़ी आपदाओं का सामना कर सकेंगे." सांसदों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "मैं सभी सदस्यों को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि परमाणु सुरक्षा को सरकार प्राथमिकता दे रही है."
जर्मनी में बंद हो सकते हैं रिएक्टर
जर्मनी में चांसलर मैर्केल ने शनिवार को ही जांच के आदेश दे दिए थे. यहां विपक्ष सरकार पर दबाव बना रही है कि परमाणु रिएक्टरों के काम करने की समय सीमा को और ना बढाया जाए. जर्मनी के विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले ने सोमवार को कहा कि जापान में हुए हादसे को ध्यान में रखते हुए ऐसा हो सकता है कि सरकार परमाणु रिएक्टर की समय सीमा बढाने के फैसले को टाल दे. इस से पहले यूरोपीय ऊर्जा अधिकारी गुएंथर ओएटिंगर ने कहा था कि सभी रिएक्टरों की पूरी जांच तो होनी चाहिए, लेकिन रिएक्टर बंद किए जाने के संभावना से उन्होंने इनकार कर दिया था. शनिवार को जर्मनी के श्टुटगार्ट शहर में करीब 40,000 लोगों ने समय सीमा बढ़ने के खिलाफ प्रदर्शन किए.
स्विटजरलैंड ने लाइसेंस देना बंद किया
स्विटजरलैंड में भी सरकार ने कहा है कि जब तक रिएक्टरों की सुरक्षा की पूरी तरह जांच नहीं हो जाती तब तक सरकार और लाइंसेंस जारी नहीं करेगी. सरकार ने कहा कि पुराने रिएक्टरों की जगह नए रिएक्टर तब तक नहीं लगाए जाएंगे जब तक सुरक्षा के पैमानों का पूरी तरह पता नहीं चल जाता. स्विटजरलैंड में चार परमाणु संयंत्र हैं जहां देश का 40 प्रतिशत ऊर्जा उत्पादन होता है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया
संपादन: एन रंजन