आईएनएस सिंधुवीर म्यांमार की नौसेना में शामिल होने वाली पहली सबमरीन बन गई है. इसे भारत द्वारा उसके पड़ोस में चीन की उपस्थिति का मुकाबला करने के एक कदम के रूप में देखा जा रहा है.
तस्वीर प्रतीकात्मक है.तस्वीर: Reuters/S. Andrade
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मीडिया में भारत द्वारा म्यांमार को सबमरीन देने की खबरें दिसंबर 2019 में ही आ गई थीं, लेकिन भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसकी आधिकारिक घोषणा गुरूवार को की. आईएनएस सिंधुवीर 3000 टन की डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन है. यह रूसी मूल की है और 31 साल पुरानी है. पिछले साल विशाखापत्तनम के 'हिंदुस्तान शिपयार्ड' में इसका व्यापक रूप से आधुनिकीकरण किया गया था, और इसमें कई नए उपकरण लगाए गए थे.
म्यांमार में इसे "यूएमएस मिन ये थाइन खा थू" नाम दे कर देश की नौ सेना में शामिल कर लिया गया है. सबमरीन ने हाल ही में हुई म्यांमार के जहाजी बेड़े के "बंडूला" अभ्यास में भाग भी लिया था. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने पत्रकारों को बताया कि "समुद्री क्षेत्र में सहयोग भारत के म्यांमार के साथ विविध और विस्तृत सहयोग का एक हिस्सा है. ये हमारी सागर (सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन) परिकल्पना और हमारे सभी पड़ोसी देशों में क्षमताएं और आत्म-निर्भरता बढ़ाने की प्रतिबद्धता के भी अनुकूल है."
यह नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों में अपना प्रभाव बढ़ाने की चीन की कोशिशों के बीच भारत द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है. भारत लगातार म्यांमार के साथ सहयोग बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. इससे पहले अक्टूबर की शुरुआत में थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे और विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला दो दिन की यात्रा पर म्यांमार गए थे. यात्रा के दौरान वे म्यांमार के शीर्ष नेताओं से मिले और उनके साथ कई महत्वपूर्ण साझा कार्यक्रमों पर चर्चा की.
मीडिया में आई खबरों के अनुसार भारत इससे पहले म्यांमार को कई तरह के सैन्य हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दे चुका है, जिनमें आइलैंडर समुद्री गश्त विमान, नेवल गन-बोट और हलके टॉरपीडो से ले कर रडार, 105 एमएम की आर्टिलरी बंदूकें, मोर्टार, नाइट विजन उपकरण, ग्रेनेड लॉन्चर और राइफल तक शामिल हैं.
आसियान देशों के समूह में म्यांमार एकलौता ऐसा देश है जिसके साथ भारत के 1,600 किलोमीटर से भी लंबी जमीन पर सीमा भी है और समुद्री सीमा भी. दोनों देश अब नियमित रूप से अभ्यास, साझा समुद्री गश्त के कार्यक्रम और सैन्य स्तर पर विमर्श करते हैं. भारतीय नौसेना म्यांमार के नौसैनिकों को प्रशिक्षण भी देती है. दोनों देशों की थल सेनाओं ने मिल कर सीमा पर चरमपंथी समूहों के खिलाफ भी कार्रवाई की है.
पड़ोसी देश मतलब वो देश जिनसे किसी देश की सीमा लगती है. भारत की सीमा सात देशों से लगती है. ये पड़ोसी देश बांग्लादेश, चीन, पाकिस्तान, नेपाल, म्यांमार, भूटान और अफगानिस्तान हैं. देखिए सबसे ज्यादा पड़ोसी किन देशों के हैं.
जाम्बिया
अफ्रीकी देश जाम्बिया 11वां सबसे ज्यादा पड़ोसियों वाला देश है. जाम्बिया की सीमा डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो, अंगोला, मलावी, मोजांबिक, तंजानिया, नामीबिया, जिम्बाब्वे और बोतस्वाना से मिलती है.
तस्वीर: DW/C.Mwakideu
तुर्की
तुर्की 10वां सबसे ज्यादा पड़ोसियों वाला देश है. तुर्की की सीमा अर्मेनिया, जॉर्जिया, ईरान, इराक, सीरिया, अजरबैजान, बुल्गारिया और ग्रीस से लगती है. तुर्की के आठ पड़ोसी देश हैं जिनके साथ 2,648 किलोमीटर की सीमा लगती है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/A. Altan
तंजानिया
अफ्रीकी देश तंजानिया नवां सबसे ज्यादा पड़ोसियों वाला देश है. तंजानिया की सीमा केन्या, बुरुंडी, युगांडा, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो, जांबिया, मलावी, मोजांबिक और रवांडा से लगती है. आठ पड़ोसी देशों से तंजानिया की 3,861 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है.
तस्वीर: DW/N. Quarmyne
सर्बिया
सर्बिया की सीमा रोमानिया, हंगरी, क्रोएशिया, बोस्निया और हरजेगोवनिया, मेसेडोनिया, बुल्गारिया, कोसोवो, और मॉन्टेनेग्रो से लगती है. नौ पड़ोसी देशों वाले सर्बिया की सीमा 2,027 किलोमीटर लंबी है. सबसे ज्यादा पड़ोसियों के मामले में ये आठवें नंबर पर है.
तस्वीर: Reuters/M. Djurica
फ्रांस
फ्रांस के पड़ोसी देशों में बेल्जियम, जर्मनी, स्विटजरलैंड, इटली, स्पेन, अंडोरा, लक्जमबर्ग, मोनाको और ब्रिटेन में शामिल हैं. इन आठ पड़ोसी देशों के साथ फ्रांस की 623 किलोमीटर लंबी सीमा है. ब्रिटेन के साथ फ्रांस की जल सीमा है. सबसे ज्यादा पड़ोसियों के मामले में ये सातवें नंबर पर है.
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ऑस्ट्रिया
ऑस्ट्रिया के भी आठ पड़ोसी देश हैं. इनमें हंगरी, स्लोवाकिया, चेक रिपब्लिक, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, इटली, लिश्टेनश्टाइन और स्लोवेनिया शामिल हैं. ऑस्ट्रिया की सीमा 2,562 किलोमीटर की है. सबसे ज्यादा पड़ोसियों के मामले में ये छठे नंबर पर है.
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जर्मनी
जर्मनी के सभी नौ पड़ोसी देशों के नाम नीदरलैंड्स, बेल्जियम, फ्रांस, स्विटजरलैंड, ऑस्ट्रिया, चेक रिपब्लिक, पोलैंड, डेनमार्क और लक्जमबर्ग हैं. जर्मनी की सबसे सीमा चेक रिपब्लिक के साथ लगी है, जो 815 किलोमीटर लंबी है.
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डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो
सबसे ज्यादा पड़ोसी देशों के मामले में चौथे स्थान पर डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो है. इसके पड़ोसी बुरुंडी, रवांडा, युगांडा, दक्षिण सूडान, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, कॉन्गो रिपब्लिक, अंगोला, जाम्बिया और तंजानिया हैं. इसकी सीमा की लंबाई 2410 किलोमीटर है.
तस्वीर: AFP
ब्राजील
सबसे ज्यादा पड़ोसियों के मामले में ब्राजील तीसरे स्थान पर है. ब्राजील के 10 पड़ोसी देश हैं जिनमें सूरीनाम, गुएना, फ्रेंच गुएना, वेनेजुएला, कोलंबिया, पेरू, बोलिविया, उरुग्वे, पैराग्वे और अर्जेंटीना शामिल हैं. ब्राजील की सीमा 14,691 किलोमीटर लंबी है.
तस्वीर: AFP/D. Ramalho
रूस
रूस के कुल 14 पड़ोसी हैं. इनमें 12 रूस की मुख्यभूमि और दो पड़ोसी मुख्यभूमि के दूर के एक इलाके के हैं. मुख्यभूमि के पड़ोसी फिनलैंड, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया, बेलारूस, यूक्रेन, जॉर्जिया, अजरबैजान, कजाखस्तान, चीन, मंगोलिया, उत्तरी कोरिया और नॉर्वे हैं. वहीं दो और पड़ोसियों लिथुआनिया और पोलैंड के बीच रूस का कलिनिन्ग्राद का इलाका है. रूस की सीमा 20,241 किलोमीटर लंबी है.
तस्वीर: Reuters/S. Zhumatov
चीन
सबसे ज्यादा पड़ोसी देश चीन के हैं. चीन की सीमा 14 देशों से लगती है. इनमें भारत, मंगोलिया, कजाखस्तान, उत्तरी कोरिया, रूस, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, म्यांमार, लाओस और वियतनाम शामिल हैं. इसके अलावा चीन के दो स्वायत्त इलाके हांगकांग और मकाउ भी उसके पड़ोसी हैं. चीन की थल सीमा की कुल लंबाई 22,117 किलोमीटर है.