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भारत ने 142 आतंकवादियों के नाम काली सूची से हटाए

Priya Esselborn१५ मई २०११

एक अहम फैसले के तहत भारत सरकार ने 142 वॉन्टेड आतंकवादियों के नाम काली सूची से हटा दिए हैं. इनमें सिख चरमपंथी संगठनों के कई प्रमुख और उनके सहयोगी शामिल हैं.

तस्वीर: UNI

माना जाता है कि जिन वॉन्टेड आतंकियों के नाम सूची से हटाए गए हैं उनमें से ज्यादातर इस वक्त पाकिस्तान, अमेरिका, कनाडा, नॉर्वे, फ्रांस और जर्मनी में रह रहे हैं. सरकार का यह कदम उन्हें बिना किसी डर के दुनिया भर में घूमने और घर लौटने की आजादी देगा.

ये नाम दो चरणों में हटाए गए हैं. 169 मामलों की समीक्षा के बाद यह कदम उठाया गया है. इसके लिए पंजाब सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की सलाह ली गई. गृह मंत्रालय के मुताबिक 25 नामों को पिछले साल अगस्त में हटाया गया जबकि 117 नाम पिछले महीने निकाल दिए गए.

कौन कौन आजाद हुआ

जिन आतंकवादियों के नाम सूची से हटाए गए हैं उनमें दुर्दांत आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरांवाले का भतीजा लखबीर सिंह रोड भी शामिल है जो इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन का प्रमुख है.

खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के प्रमुख रंजीत सिंह उर्फ नीटा, बब्बर खालसा इंटरनेशनल के प्रमुख वाधवा सिंह और खालिस्तान कमांडो फोर्स के प्रमुख परमजीत सिंह पंजवार का नाम भी सूची में है.

ब्रिटिश कोलंबिया में रहने वाला बब्बर खालसा का कार्यकर्ता रिपुदमन सिंह मलिक 1985 कनिष्क विमान बम कांड का आरोपी था.

क्यों हुआ फैसला

गृह मंत्रालय का यह फैसला दिल्ली हाई कोर्ट के 9 फरवरी को दिए गए एक निर्णय के बाद आया है. कोर्ट ने कहा था कि 169 मामलों की समीक्षा की जाए क्योंकि इनकी वजह से अलग अलग हवाई अड्डों पर लोगों को फिजूल की परेशानी हो रही है. और क्योंकि भारत सरकार ने इन लोगों के पासपोर्ट को रिन्यू नहीं किया है इसलिए विभिन्न देशों में दूतावासों को भी समस्याएं आ रही थीं.

दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को धन्यवाद दिया और कहा कि इससे विदेशों में रह रहे उन सिख भारतीयों के लिए भी उम्मीद की किरण जगी है जिनके नाम काली सूची में हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

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