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भारत पहुंचा चीनी वायरस का आतंक

प्रभाकर मणि तिवारी
२१ जनवरी २०२०

चीन में फैले रहस्यमय वायरस से कम से कम चार लोगों की मौत के बाद भारत ने इस नोवेल कोरोना वायरस (एनसीओवी) से बचाव के लिए एहतियाती कदम उठाए हैं और चीन से आने वाले यात्रियों की थर्मल जांच शुरू कर दी है.

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तस्वीर: Getty Images/AFP/Chen Chi-Chuan

कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर यात्रियों की जांच की खास व्यवस्था की गई है. इसकी वजह यह है कि कोलकाता से चीन की दूरी ज्यादा नहीं हैं और कारोबारी संबंधों की वजह से लोगों का आना-जाना लगा रहता है. यहां से चीन के तीन शहरों के लिए सीधी उड़ानें हैं. दक्षिण-पश्चिम चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ वायरस अब राजधानी बीजिंग तक पहुंच गया है. कोलकाता के अलावा दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट पर भी जांच की व्यवस्था की गई है.

चीन के अलावा जापान और थाईलैंड में भी इस वायरस के फैलने की खबरें सामने आने के बाद सरकार ने यात्रियों के लिए एक ट्रैवल एडवायजरी भी जारी कर दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन ने सोमवार को एक उच्च-स्तरीय बैठक में कोरोना वायरस की वजह से उपजी परिस्थिति की समीक्षा की. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक नोवेल कोरोना वायरस (एनसीओवी) की गहन समीक्षा की जा रही है. इस रहस्यमय वायरस के फैलाव को ध्यान में रखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस पर विचार करने के लिए 22 जनवरी को एक बैठक बुलाई है.

स्वास्थ्य जांच

चीनी नववर्ष करीब होने की वजह से अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है. इस दौरान चीन से लाखों लोग न सिर्फ अपने घरों को जाते हैं बल्कि दुनिया के विभिन्न देशों में अपने परिजनों से मिलने जाते हैं. कोलकाता में बसे चाइना टाउन में चीन से सैकड़ों लोग आ रहे हैं. इस वजह से सरकार ने कोलकाता एयरपोर्ट पर एहतियाती उपाय शुरू किया है. इसके तहत बीते शुक्रवार से ही चीन से आने वाले यात्रियों, चाहे वह चीनी हों या भारतीय, की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है. इमीग्रेशन काउंटर के पास ही एक स्वास्थ्य जांच शिविर भी खोला गया है. चीन से आने वाले तमाम यात्रियों के लिए वहां जांच अनिवार्य कर दी गई है.

तस्वीर: Getty Images/AFP/N. Asfouri

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर किसी संक्रमित व्यक्ति के जरिए निमोनिया जैसे लक्षणों वाला उक्त वायरस कोलकाता पहुंच गया तो सघन आबादी की वजह से यहां महामारी जैसे हालात पैदा हो जाएंगे. यही वजह है कि केंद्र सरकार कोलकाता पर खास ध्यान दे रही है. कोलकाता एयरपोर्ट के निदेशक कौशिक भट्टाचार्य बताते हैं, "हमने चीन औऱ थाईलैंड से आने वाले तमाम यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी है. वायरस का शिकार होने के लक्षण नजर आते ही संबंधित यात्री को अलग-थलग कर दिया जाता है ताकि महानगर में कोरोना का फैलाव को रोका जा सके." वह बताते हैं कि चीन से आने वाली उड़ानों के चालक दल के सदस्यों की भी थर्मल स्कैनिंग की जा रही है ताकि शरीर के तापमान में आने वाला बदलाव नजर में आ सके. अगर किसी यात्री में बुखार के लक्षण नजर आते हैं तो उसे फौरन संक्रामक रोगों के अस्पताल में भेज दिया जाता है.

कैसे फैलता है वायरस

कोरोना वायरस के लक्षण भी निमोनिया जैसे ही हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस बेहद संक्रामक है. मिसाल के तौर पर अगर विमान में एक यात्री भी इसकी चपेट में है तो कुछ मिनटों में ही सैकड़ों यात्री इसकी चपेट में आ सकते हैं. संक्रामक रोगों के विशेषज्ञ डा. निर्मल पात्रा कहते हैं, "यह वायरस बेहद खतरनाक है. इसके लक्षण तो निमोनिया जैसे ही हैं, लेकिन यह बेहद तेजी से फैलता है और जानलेवा साबित हो सकता है. वह बताते हैं कि यह वायरस खांसी और छींक के जरिए फैलता है. इस संक्रमण की वजह से बाद में निमोनिया हो सकता है जो घातक है."

एक अन्य विशेषज्ञ डा. सुब्रत मल्लिक कहते हैं, "अब तक इस वायरस के बारे में पूरी जानकारी नहीं मिली है. इस वजह से इसका टीका भी नहीं बनाया जा सका है. एहतियात ही इससे बचाव का एकमात्र उपाय है." वह कहते हैं कि अगर कोलकाता जैसे सघन आबादी वाले महानगर में किसी तरह उक्त वायरस पहुंच गया तो इसके नतीजे बेहद गंभीर होंगे. इसका असर खासकर कम प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों और बुजुर्गों पर ज्यादा होगा. विशेषज्ञों का कहना है कि इस वायरस से बचने के लिए किसी भी जानवर या संक्रमित व्यक्ति के करीब जाने से बचना एक बेहतर तरीका है. फिलहाल फ्लू, निमोनिया और खांसी या जुकाम जैसे लक्षणों वाले व्यक्ति से दूरी बरतना ही बुद्धिमानी है.

तस्वीर: Getty Images/AFP/STR

कहां से निकला वायरस

यह वायरस ठीक किसी जगह से और कैसे फैला, इस बारे में कोई पुष्टि तो नहीं हो सकी है, लेकिन कहा जा रहा है कि वुहान प्रांत में सी-फूड के एक बाजार से ही यह वायरस फैला था. बाजार पहली जनवरी को बंद था. डब्ल्यूएचओ की प्राथमिक जांच से मिली जानकारी के मुताबिक, कोरोना वायरस सार्स विषाणुओं के परिवार का है और इससे लोग बीमार पड़ रहे हैं. यह वायरस ऊंट, बिल्ली व चमगादड़ सहित कई पशुओं में भी प्रवेश कर रहा है. दुर्लभ स्थिति में पशु मनुष्यों को भी संक्रमित कर सकते हैं. ताजा रिपोर्टों में इस बात की पुष्टि हुई है कि वायरस इंसान से इंसान में भी फैल सकता है.

कोरोना वायरस से उपजे हालात को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने तमाम राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिख कर किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रयोगशाला जांच, निगरानी, संक्रमण रोकथाम व नियंत्रण और जोखिम संचार पर सभी संबंधितों विभागों को आवश्यक दिशानिर्देश जारी किए हैं. एनआईवी पुणे और आईसीएमआर प्रयोगशाला देश में एनसीओवी के नमूने की जांच में सहयोग कर रहे हैं. उच्चस्तरीय बैठकों में अस्पतालों में प्रबंधन और संक्रमण रोकथाम नियंत्रण सुविधाओं के बारे में तैयारी की समीक्षा की गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय से 31 दिसंबर के बाद वुहान से भारत के दौरे पर आने वाले लोगों का ब्योरा मांगा है. सरकारी अस्पताल में वरिष्ठ माइक्रोबायोलाजिस्ट डा. रचना गुप्ता कहती हैं, "कोरोना वायरस बेहद संक्रामक हैं और अब तक इसके रवैए के बारे में ठोस जानकारी नहीं है. श्वासनली का संक्रमण होने की वजह से यह वायरस तेजी से फैलने में सक्षम है. लेकिन भारत को फिलहाल आतंकित होने की जरूरत नहीं है."

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