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एक मार्च से आम लोगों को लगेगा कोविड टीका

२५ फ़रवरी २०२१

एक करोड़ से ज्यादा अग्रिम पंक्ति के कर्मियों को टीका लगने के बाद अब टीकाकरण का दूसरा चरण शुरू होने जा रहा है. एक मार्च से 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को भी कोविड का टीका लगेगा.  

Indien Patna Impfung Covid-19
तस्वीर: Manish Kumar/DW

इस चरण में सरकारी अस्पतालों से भी ज्यादा निजी अस्पतालों में टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध कराने की तैयारी की जा रही है. करीब 10,000 सरकारी अस्पताल इस चरण में शामिल होंगे और उनमें टीका मुफ्त में लगेगा. लोग उनसे दोगुना ज्यादा संख्या में यानी 20,000 निजी अस्पतालों में भी टीका लगवा सकेंगे.

निजी अस्पतालों में टीका मुफ्त उपलब्ध नहीं होगा. केंद्र सरकार ने कहा है कि इसका दाम तय करने के लिए अस्पतालों से बातचीत चल रही है और जल्द ही आगे की घोषणा की जाएगी. इस चरण में 10 करोड़ से भी ज्यादा लोगों को टीका लगाए जाने का अनुमान है.

टीके के लिए पंजीकरण करवाने के तरीके की अभी घोषणा नहीं हुई है. पहले चरण में इसके लिए कोविन नाम के एक सरकारी ऐप का इस्तेमाल किया गया था, जिसके जरिए टीका लेने वाले सभी कर्मियों का रिकॉर्ड रखा गया और एसएमएस के जरिए उन्हें टीका लगने के स्थान और समय की जानकारी दी गई. दूसरे चरण के लिए भी इसी ऐप का इस्तेमाल किया जाएगा या नहीं यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है.

पटना में एक स्वास्थ्यकर्मी कोविड-19 का टीका लेते हुए.तस्वीर: Manish Kumar/DW

मीडिया में आई कुछ खबरों में दावा किया गया है कि इसके लिए सरकार कोविन 2.0 ऐप शुरू करेगी. कई जानकारों ने सरकार से मांग की है कि इस चरण को ऐप के जरिए संयोजित करने की जगह लोगों को अपने निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में कभी भी जाकर टीका लगवाने की सुविधा दी जानी चाहिए. यह भी कहा जा रहा है कि इस चरण में भी कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों ही टीके उपलब्ध होंगे लेकिन उनमें से किसी एक को चुनने का विकल्प लोगों को नहीं मिलेगा.

कोवैक्सीन को लेकर कई तरह के संशय पहले ही व्यक्त किए जा चुके हैं. अभी इसका तीसरे और अंतिम चरण का परीक्षण ही चल रहा है और टीके की सफलता को लेकर जरूरी डाटा अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है. टीकाकरण कार्यक्रम के दूसरे चरण की घोषणा ऐसे समय पर हुई है जब देश के कई राज्यों में एक बार फिर संक्रमण के ताजा मामले बढ़ रहे हैं. केरला, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, पंजाब और छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्य विशेष रूप से चिंता का कारण बने हुए हैं.

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