कितना मुश्किल है हिंदू और मुसलमान का जीवनसाथी बनना
आदित्य शर्मा
५ नवम्बर २०२०
जूलरी ब्रैंड तनिष्क के एक विज्ञापन पर पिछले दिनों विरोध से पता चलता है कि भारतीय समाज किस कदर बंट चुका है. ऐसे में उन लोगों के लिए परेशानियां बहुत बढ़ गई हैं जिन्होंने अपने धर्म से बाहर जाकर जीवनसाथी चुना है.
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तीन साल हो गए, सदफ की अपने पिता के साथ ठीक से बात नहीं हुई है. सदफ के पिता उनसे बात नहीं करना चाहते. वह एक गैर मुस्लिम लड़के से शादी करने की कीमत चुका रही हैं. दिल्ली में रहने वाली सदफ पेशे से वकील हैं. वह लखनऊ में अपने मायके जाती हैं. उन्हें अब भी उम्मीद है कि उनके पिता एक ना एक दिन उनके हिंदू पति को स्वीकार कर लेंगे.
भारतीय समाज में अंतरधार्मिक विवाहों को लेकर हमेशा विवाद रहा है, खास तौर से जब वो हिंदू और मुसलमान के बीच हो. पिछले दिनों तनिष्क के विज्ञापन पर बहुत विवाद हुआ. इसमें दिखाया गया कि मुसलमान परिवार में शादी करने वाली एक हिंदू लड़की की धार्मिक रस्मों को कैसे उसका ससुराल मान सम्मान देता है. लेकिन विज्ञापन का इतना विरोध हुआ है कि तनिष्क को इसे वापस लेना पड़ा.
कंपनी ने कहा कि वह "लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचने और अपने कर्मचारियों, साझीदारों और स्टोर्स की सुरक्षा" को ध्यान में रखते हुए विज्ञापन वापस ले रही है. यह इस तरह का पहला विवाद नहीं है. लेकिन इसने अंतरधार्मिक विवाहों की स्वीकार्यता के सवाल को फिर खड़ा किया है, खास कर ऐसे देश में जहां हाल के सालों में धार्मिक तनाव लगातार बढ़ा है.
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भारत की मशहूर हिंदू-मुस्लिम जोड़ियां
लव जिहाद जैसे जुमले भी भले ही सियासत में उछाले जाते हों, लेकिन अंतर धार्मिक शादियां धर्मों के बीच बढ़ रही दूरी को पाटने का एक अच्छा तरीका है. चलिए डालते नजर कुछ ऐसी ही जोड़ियों पर.
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शाहरुख खान-गौरी खान
बॉलीवुड के किंग कहे जाने वाले शाहरुख खान ने पंजाबी परिवार में जन्मी गौरी छिब्बर से 1991 में शादी की, जिसके बाद वह गौरी खान बन गईं. दोनों के तीन बच्चे हैं.
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ऋतिक रोशन-सुजैन खान
अभिनेता ऋतिक रोशन और सुजैन खान ने 2000 में शादी की. लेकिन 2014 में दोनों नो अलग होने का फैसला किया. सुजैन खान अभिनेता संजय खान की बेटी हैं. यहां उन्हें अभिनेत्री पूजा हेगड़े के साथ देखा जा सकता है.
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सलमान खान का परिवार
सलमान खान ने तो अब तक शादी नहीं की है. लेकिन उनके परिवार में कई शादियां ऐसी हैं जिनमें अलग अलग धर्म के लोग मिले. इसमें सलीम खान-सुशीला चरक, हेलेन, अलवीरा-अतुल अग्निहोत्री, अरबाज-मलाइका, सोहेल खान-सीमा सचदेव जैसी कई जोड़ियां शामिल हैं.
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सैफ अली खान-अमृता सिंह-करीना कपूर
अभिनेता सैफ अली खान और अमृता सिंह की शादी लगभग 13 साल चली. 2004 में वे अलग हो गए. इसके बाद उन्होंने 2012 में करीना कपूर से शादी की.
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इमरान हाशमी-परवीन साहनी
बॉलीवुड में अपने किसिंग सीन के लिए मशहूर इमरान हाश्मी ने 2006 में परवीन साहनी से शादी की. यह तस्वीर "डर्टी पिक्चर" की प्रमोशन के वक्त है जिसमें वह अभिनेत्री विद्या बालन के साथ दिख रहे हैं.
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मुमताज-मयूर माधवानी
गुजरे जमाने की सबसे हिट अभिनेत्रियों में से एक मुमताज का संबंध एक मुस्लिम परिवार से रहा है. 1974 में उन्होंने कारोबारी मयूर माधवानी से शादी कर अपना घर बसाया.
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नरगिस दत्त-सुनील दत्त
नरगिस का नाम पहले फातिमा राशिद था. पर्दे पर तो उनकी जोड़ी राजकपूर के साथ हिट थी लेकिन असल जिंदगी में उन्होंने सुनील दत्त को अपना हमसफर बनाया.
हरफनमौला गायक और अभिनेता किशोर कुमार ने मशहूर अभिनेत्री मधुबाला से शादी की. मधुबाला का नाम पहले मुमताज जहान देहलवी था और उन्हें हिंदी सिनेमा की सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों में गिना जाता है. मुगले आजम में अनारकली के किरदार में उन्होंने बखूबी जान डाली.
साठ और सत्तर के दशक की ग्लैमरस अभिनेत्री शर्मिला टैगोर ने भी भारतीय क्रिकेट के कप्तान मंसूर अली खान पटौदी को अपने जीवन साथी के रूप में चुना. पटौदी ने 70 साल की उम्र में 2011 में दुनिया को अलविदा कह दिया.
अपनी मुस्कान और शानदार अभिनय के लिए मशहूर वहीदा रहमान ने 1974 में अभिनेता शशि रेखी से शादी की जो बतौर अभिनेता कमलजीत के नाम से जाने जाते थे. लंबी बीमारी के बाद 2000 में उनके पति का निधन हो गया.
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उस्ताद अमजद अली खान- शुभालक्ष्मी
सरोद के सुरों से जादू करने वाले उस्ताद अमजद अली खान ने 1976 में भारतनाट्यम नृत्यांगना शुभलक्ष्मी बरुआ से शादी की. उनके दो बेटे अमान और अयान भी सरोद बजाते हैं.
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जरीना वहाब-आदित्य पंचोली
1980 के दशक की एक जानी मानी अभिनेत्री जरीना वहाब ने फिल्म अभिनेता आदित्य पंचोली के साथ विवाह रचाया. उनके बेटे सूरज पंचोली ने हीरो के साथ बॉलीवुड में कदम रखा.
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फराह खान-शिरीष कुंदर
कोरियोग्राफर से निर्देशन में उतरीं फराह खान ने 2004 में शिरीष कुंदर से शादी की. अपने बयानों से कई विवादों में रहे कुंदर की मुलाकात फराह से उनकी फिल्म मैं हूं ना पर काम करने के दौरान हुई.
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सुनील शेट्टी-माना शेट्टी
अभिनेता सुनील शेट्टी की पत्नी माना शेट्टी मुस्लिम पिता और हिंदू मां की संतान हैं. शादी से पहले उनका नाम माना कादरी था. 1991 में दोनों एक दूसरे के हो गए.
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मनोज बाजपेयी-शबाना रजा
सत्या, शूल, कौन, वीर-जारा, अलीगढ़ और राजनीति जैसी फिल्मों में अपने जौहर दिखाने वाले अभिनेता मनोज बाजपेयी ने 2006 में शबाना रजा से शादी की, जिसके बाद उन्होंने अपना नाम नेहा रख लिया.
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सचिन पायलट-सारा पायलट
कांग्रेस के युवा नेता सचिन पायलट की पत्नी का नाम सारा पायलट हैं. सारा कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला की बेटी हैं. दोनों के दो बेटे आरान और विहान हैं.
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उमर अब्दुल्ला-पायल नाथ
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने 1994 में पायल नाथ से शादी की. लेकिन 2011 में वे अलग हो गए.
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मुख्तार अब्बास नकवी-सीमा नकवी
मुख्तार अब्बास नकवी बीजेपी नेता और पार्टी का एक अहम मुस्लिम चेहरा हैं. उनकी पत्नी का नाम सीमा नकवी है, जिनका संबंध एक हिंदू परिवार से रहा है.
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जहीर खान-सागरिका घटके
मशहूर क्रिकेटर जहीर खान ने अभिनेत्री सागरिका घटके के साथ शादी की है. सागरिका घटके चक दे, रश और जी भर के जी ले जैसी कई फिल्मों में काम कर चुकी हैं.
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महिलाओं की मुश्किल
सदफ ने अपने साथी वकील यतिन के साथ फरवरी 2018 में शादी की. लेकिन शादी से पहले कई महीने दोनों में से किसी के लिए भी आसान नहीं थे. सदफ कहती हैं, "मेरी तरफ तो ज्यादा ही मुश्किलें थीं. ऐसे मामलों में लड़की के परिवार को मनाना हमेशा ही मुश्किल होता है." वह बताती हैं कि भारत में बहुत से परिवार अपनी बेटी दूसरे धर्म के लोगों में नहीं देना चाहते.
वहीं यतिन का कहना है कि जब उन्होंने अपने परिवार को सदफ के बारे में बताया तो उन्हें एकदम से धक्का लगा. वह कहते हैं, "मेरी मां तो बातों ही बातों में अक्सर मुझसे कहा करती थी, जिससे चाहे शादी कर लेना, बस लड़की मुसलमान ना हो." लेकिन कई महीनों तक मनाने के बाद यतिन का परिवार मान गया.
यतिन भी इस बात को स्वीकारते हैं कि सदफ के लिए हालात उनसे कहीं ज्यादा मुश्किल थे. वह कहते हैं, "अगर मेरी बहन कहती कि उसे किसी मुसलमान लड़के से शादी करनी है तो मुझे नहीं लगता कि मेरे माता-पिता इस बात के लिए राजी होते. लड़की वाले ऐसी बातों पर आक्रामक हो जाते हैं."
सदफ के पिता ने तो उनकी शादी में आने से भी मना कर दिया. उनकी तरफ से सिर्फ उनकी मां और भाई शादी में शामिल हुए.
"लव जिहाद"
भारत में अंतरधार्मिक शादी करने वाले बहुत से जोड़ों की तरह सदफ और यतिन को भी काफी कुछ झेलना पड़ा. दोनों ही शिक्षित परिवारों से आते हैं , दोनों के परिवार बड़े शहरों में रहते हैं. साथ ही दोनों वित्तीय रूप से किसी पर निर्भर नहीं हैं.
सदफ कहती हैं, "अगर यतिन मुसलमान होता और मैं हिंदू, तो हमारी शादी लव जिहाद कहलाती." कई हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों का आरोप है कि मुसलमान पुरूष हिंदू महिलाओं का धर्मांतरण कराने के लिए उनसे शादी करते हैं और यह उनकी नजर में "लव जिहाद" है.
सदफ कहती हैं कि मौजूदा राजनीतिक माहौल ने "लव जिहाद" की अवधारणा को मजबूत किया है. आलोचकों का कहना है कि सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी अंतरधार्मिक शादियों करने वाले लोगों को डराने-धमकाने वाले धुर दक्षिणपंथी गुटों को सहारा देती है.
सदफ कहती हैं कि ऐसे गुटों के डर के कारण उन्होंने अपनी शादी बहुत ही सादे तरीके से की थी. वह बताती हैं, "हम बहुत डरे हुए थे. पता नहीं था कि कौन चला आए और शादी में बाधा डाले. कोई भी आ सकता था जो इस पर राजनीति करना चाहे." वह कहती हैं कि समय के साथ हालात खराब ही हुए हैं. "अगर हम लोग अब शादी कर रहे होते, तो और भी ज्यादा मुश्किलें आतीं."
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कहां किस उम्र में कर सकते हैं शादी
दुनिया के हर देश में शादी को लेकर अपने अलग नियम कानून हैं. भारत में शादी की न्यूनतम उम्र पुरूषों के लिए 21 और महिलाओं के लिए 18 तय की गई है लेकिन दुनिया के अन्य देशों में यह अलग है. एक नजर.
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चीन
शादी की न्यूनतम उम्र चीन में पुरूषों के लिए 22 साल और महिलाओं के लिए 20 साल तय की गई है.
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पाकिस्तान
न्यूनतम उम्र पुरूषों के लिए 18 साल और महिलाओं के लिए 16 साल है. लेकिन तमाम कानूनों के बावजूद बाल विवाह एक बड़ी समस्या है.
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बांग्लादेश
यहां कानूनन शादी की न्यूनतम उम्र महिलाओं के लिए 18 वर्ष और पुरूषों के लिए 21 साल है, लेकिन बाल विवाह इस देश की बड़ी समस्या है.
तस्वीर: bdnews24.com
अफगानिस्तान
यहां शादी के लिए महिलाओं की न्यूनतम उम्र 16 साल और पुरूषों की न्यूनतम आयु 18 साल तय की गई है.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo
भूटान
भारत के पड़ोसी देश में लड़के और लड़कियों दोनों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल तय की गई है.
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म्यांमार
यहां भी कानून मुताबिक शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल तय की गई है. लेकिन यहां बाल विवाह बहुत होते हैं.
तस्वीर: Reuters/Soe Zeya Tun
इंडोनेशिया
इस देश में महिलाओं के लिए न्यूनतम उम्र 16 साल है और लड़कों के लिए 19 साल. लेकिन लड़कियों की यहां जल्द शादी कर दी जाती है.
तस्वीर: picture-alliance/AA/M. Hendratmo
मलेशिया
मलेशिया में शादी की न्यूनतम उम्र पुरूषों के लिए 18 साल और महिलाओं के लिए 16 साल तय की गई है. शरिया कोर्ट की इजाजत से लड़कियों की शादी जल्द भी की जा सकती है.
तस्वीर: REUTERS/Ahim Rani
उत्तर कोरिया
अलग-थलग रहने वाले उत्तर कोरिया में शादी की न्यूनतम उम्र पुरूषों के लिए 18 साल और महिलाओं के लिए 17 साल तय की गई है.
तस्वीर: Reuters/KCNA
ईरान
इस्लामी गणतंत्र में महिलाओं के लिए विवाह की न्यूनतम आयु 13 साल है. लेकिन अदालत और लड़की के पिता की अनुमति होती है तो नौ साल में भी लड़कियों की शादी कर दी जाती है.
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इराक
कानूनन देश में शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल तय की गई है. लेकिन अगर मां-बाप की इजाजत हो तो शादी 15 साल की उम्र में भी हो सकती है.
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इस्राएल
इस देश में शादी की न्यूनतम आयु 18 साल रखी गई है लेकिन इसमें कुछ रियायतें भी हैं.
तस्वीर: AP
जापान
यहां पुरूषों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल और लड़कियों के लिए 16 साल तय की गई है.
तस्वीर: AP
ऑस्ट्रेलिया
यहां पुरूष और महिलाओं दोनों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल निर्धारित की गई है.
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ऑस्ट्रिया
इस यूरोपीय देश में शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल तय की गई है.
तस्वीर: Getty Images/C. Koall
बोलिविया
यहां शादी की न्यूनतम उम्र महिलाओं के लिए 14 साल और लड़कों के लिए 16 साल है.
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ब्राजील
इस देश में यूं तो शादी की उम्र कानूनन 18 साल है लेकिन यूनिसेफ के आंकड़े जल्दी शादी को बड़ी समस्या बताते हैं.
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कनाडा
उत्तरी अमेरिका के इस देश में शादी की न्यूनतम उम्र 16 साल रखी गई है.
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क्यूबा
अमेरिका के करीब स्थित इस समाजवादी देश में शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल रखी गई है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/A. Ernesto
फ्रांस
यहां कानूनन शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल है. लेकिन यहां बसे एशियाई और अफ्रीकी समुदाय के बीच बाल विवाह प्रचलित है.
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जर्मनी
जर्मनी में शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल है. जबरन विवाह कराना यहां एक कानूनी अपराध है जिसके लिए पांच साल की सजा है.
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ग्रीस
शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल है. आधिकारिक आंकड़ों मुताबिक बाल विवाह यहां बसे रोमानियाई मूल के लोगों के बीच प्रचलित है.
शीत युद्ध की समाप्ति से पहले समाजवादी रहे इस देश में शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/A.Kurucz
स्पेन
स्पेन सरकार ने साल 2015 में शादी की न्यूनतम उम्र को 14 साल से बढ़ाकर 16 साल किया है.
तस्वीर: Getty Images/David Ramos
एस्टोनिया
यूरोप में शादी की न्यूनतम उम्र इस देश में सबसे कम है. अभिभावकों की अनुमति से यहां किशोर 15 साल की उम्र में शादी कर सकते हैं.
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भारत में हिंदू-मुसलमान शादियों को सामाजिक तौर पर कभी नहीं स्वीकारा गया. लेकिन हाल के समय में यह एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है. सामाजिक कार्यकर्ता आसिफ इकबाल कहते हैं कि अंतरधार्मिक जोड़े अब ज्यादा सावधान हो गए हैं, ताकि धर्मांतरण के आरोपों से बचा जा सके.
डीडब्ल्यू के साथ बातचीत में इकबाल ने कहा, "पहले जब दो अलग-अलग धर्मों के लोग शादी करते थे तो इसे उनका निजी मामला समझा जाता था. इस मामले में ज्यादा राजनीतिक दखल नहीं दिया जाता था. लेकिन अब सब कुछ बदल गया है."
इकबाल दिल्ली में काम करने वाले एक गैर सरकारी संगठन धनक के सह-संस्थापक हैं. यह एनजीओ अंतरधार्मिक और अंतरजातीय विवाह करने वाले लोगों को काउंसलिंग के साथ साथ कानूनी और वित्तीय मदद भी देता है. 2010 में स्थापित यह संगठन हर साल लगभग एक हजार जोड़ों की मदद करता है. इनमें से आधे मामले अंतरधार्मिक शादियों के होते हैं.
इकबाल कहते हैं, "हमारे पास आने वाले ज्यादातर लोगों को डर होता है कि उनकी शादी के दौरान हिंसा हो सकती है. हिंसा कई तरह की होती है. कुछ मामलों में जोड़े को पीटा जाता है तो कभी उन्हें घर में बंद कर दिया जाता है. कई बार उन्हें किसी से बात नहीं करने दी जाती."
इकबाल की संस्था ऐसे लोगों को बताती है कि उनके अधिकार क्या हैं. उनके मुताबिक, "हम उन्हें बताते हैं कि वे जो कुछ भी कर रहे हैं, उसमें नैतिक और कानूनी रूप से कुछ गलत नहीं है. एक बार उनमें आत्मविश्वास आ जाता है तो फिर स्थिति को संभालना उनके लिए आसान हो जाता है."
सामाजिक कलंक
तमाम मुश्किलों और परेशानियों के बावजूद कई जोड़े साथ रहते हैं. लेकिन उन्हें एक तरह से सामाजिक भेदभाव झेलना पड़ता है. इसकी मुख्य वजह हिंदू और मुसलमानों के बीच तनाव है. इकबाल कहते हैं, "वैसे तो लोग शांति से रहते हैं, लेकिन जब एक ही परिवार में दो धर्मों के लोग हों तो मामला विवादित हो जाता है."
इकबाल कहते हैं कि समस्या सिर्फ धुर दक्षिणपंथी हिंदू धार्मिक संगठन नहीं हैं. "हिंदू संगठनों की गतिविधियों पर हमारा ध्यान इसलिए जाता है क्योंकि उनके पास अभी ऐसा करने के लिए एक राजनीतिक जमीन है. लेकिन मुझे लगता है कि अगर मुसलमान समूहों को इस तरह की राजनीतिक जमीन दे दी जाए तो उनकी प्रतिक्रिया भी इसी तरह की होगी."