भारत में अब स्पष्ट होने लगा है कि कोरोना वायरस संक्रमण की ताजा लहर पिछले सारी लहरों से ज्यादा खतरनाक है. देश में अब रोजाना डेढ़ लाख से भी ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं और अब कोविड-19 से मृत्यु के मामले भी बढ़ रहे हैं.
विज्ञापन
पिछले 24 घंटों में देश में करीब 1,69,000 नए मामले सामने आए और 904 लोगों की मौत हो गई. यह पिछले साल हुई महामारी की शुरुआत से पहली बार है जब एक दिन में इतने मामले सामने आ रहे हैं. महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत कई राज्यों का बुरा हाल है. कुछ दिनों पहले तक सिर्फ नए मामले बढ़ रहे थे जबकि अस्पताल में भर्ती होने की दर और मृत्यु दर कम ही थी.
लेकिन अब धीरे धीरे इन दोनों दरों में बढ़ोतरी हो रही है और अस्पतालों पर दबाव बढ़ रहा है. महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों में 63,000 से भी ज्यादा नए मामले सामने आए और 349 लोगों की मृत्यु हो गई. राज्य में सप्ताहांत पर तालाबंदी लागू है. राज्य सरकार संपूर्ण तालाबंदी लगाने पर भी विचार कर रही है, लेकिन इस पर अभी फैसला नहीं लिया गया है.
दिल्ली में एक दिन में नए मामलों का ताजा आंकड़ा 10,000 पार कर गया है. राष्ट्रीय राजधानी में रात का कर्फ्यू लागू है और कई तरह की बैठकों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. शादियों में सिर्फ 50 और अंत्येष्टि पर अधिकतम 20 लोगों की उपस्थिति की सीमा तय कर दी गई है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि अभी तो तालाबंदी की आवश्यकता नहीं है लेकिन अगर अस्पतालों में दबाव ज्यादा बढ़ गया तो तालाबंदी भी लगानी पड़ सकती है.
आर्थिक रूप से कमजोर परिवार महामारी के साथ तालाबंदी के असर के भी डर में जी रहे हैं. पिछले साल की तालाबंदी ने करोड़ों लोगों की आजीविका छीन ली थी और बड़ी संख्या में परिवारों को आर्थिक धक्का पहुंचाया था. अगर तालाबंदी दोबारा लागू होती है तो इन परिवारों का बुरा हाल हो जाएगा. इस बीच देश में वैक्सीन और दवा दोनों की कमी की खबरें भी आ रही हैं.
कई राज्य सरकारों ने वैक्सीन की कमी के बारे में बताया है, लेकिन केंद्र सरकार का कहना है कि वैक्सीन का पर्याप्त स्टॉक देश में उपलब्ध है. हालांकि कोरोना के इलाज में कारगर साबित हुई दवा रेमदेसिविर की कमी की बात केंद्र सरकार ने भी स्वीकार की है. हालात को देखते हुए इस दवा के निर्यात पर रोक लगा दी गई है. महामारी की इतनी चिंताजनक स्थिति के बावजूद हरिद्वार में कुंभ मेला और पश्चिम बंगाल में चुनाव के चलते रहने पर स्वास्थ्य विशेषज्ञ चिंता जता रहे हैं.
हरिद्वार में लाखों लोग मेले में हिस्सा ले रहे हैं और मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाए रखने जैसे किसी नियम का पालन नहीं हो रहा है. पश्चिम बंगाल में भी चुनावी रैलियों में भारी भीड़ देखी जा रही है और देश के शीर्षस्थ पदों पर बैठे हुए नेता भी मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने जैसे दिशा निर्देशों का ना खुद पालन कर रहे हैं और ना दूसरों से ऐसा करने की अपील कर रहे हैं.
क्या रुकता है रात के कर्फ्यू से: कोरोना या काम?
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की इस खतरनाक लहर का मुकाबला करने के लिए कई शहरों में रात का कर्फ्यू लगा हुआ है. क्या रात का कर्फ्यू कोरोना को रोकने में प्रभावी है या इस से भी तालाबंदी की तरह आर्थिक नुकसान ज्यादा होता है?
तस्वीर: Sajjad Hussain/AFP/Getty Images
रात का कर्फ्यू
दिल्ली में 30 अप्रैल तक रात 10 बजे से सुबह के पांच बजे तक कर्फ्यू लगा रहेगा. इस समय दिल्ली, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, गुजरात और पंजाब जैसे राज्यों के कई शहरों में रात का कर्फ्यू लगा हुआ है. आवश्यक उत्पाद और सेवाएं देने वाले क्षेत्रों के कई संस्थानों को खुले रहने की अनुमति है.
तस्वीर: Getty Images/Y. Nazir
व्यापारी मायूस
कई व्यापारियों का कहना है कि तालाबंदी की मार से वो अभी उबरे भी नहीं थे, और अब ये कर्फ्यू आ गया. 10 बजे तक सब घर पहुंच जाएं इसके लिए दुकानों को नौ बजे ही बंद करना होगा. इसका मतलब है कि ग्राहकों के लिए उससे भी पहले दुकान बंद करनी पड़ेगी क्योंकि ग्राहकों के जाने के बाद भी सारा सामान समेट कर दुकान बंद करने में आधा-एक घंटा लग जाता है.
तस्वीर: picture-alliance/ZUMAPRESS/P. Kumar
मौसम की मार
दुकानें, दफ्तर, फैक्ट्रियां आदि जल्दी बंद करने का मतलब है उत्पादन और बिक्री में कटौती, जिससे व्यापारियों को नुकसान होगा. इसके अलावा उत्तर भारत में गर्मियों का मौसम चल रहा है. दिन में तापमान ज्यादा होने की वजह से लोग सामान लेने बाजारों में शाम में ही जाते हैं. दुकानें अगर जल्दी बंद हो गईं तो खरीदारी दिन की ही तरह शाम में भी मंदी ही रहेगी.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/R.K. Singh
कारखानों का संकट
लोहा, स्टील के सामान बनाने वाले कारखानों में दिन-रात काम चलता है. भट्टियां दिन-रात जलती रहती हैं, मजदूर शिफ्टों में काम करते हैं और सामान की आवाजाही तो रात में ही होती है. फैक्टरी मालिकों को डर है कि रात के कर्फ्यू से इन सब चीजों पर असर पड़ेगा.
तस्वीर: 649024608
रेस्तरां वालों को नुकसान
सभी खाने पीने वाले संस्थानों में भी लोग शाम के बाद ही आते हैं और देर रात भोजन कर के वापस लौटते हैं. जल्दी बंद करने से इन्हें भी कमाई करने के लिए ज्यादा वक्त नहीं मिलेगा.
तस्वीर: Sajjad HUSSAIN/AFP
ऑटो/टैक्सी चलाने वालों को नुकसान
ऑटो/टैक्सी वालों को भी तालाबंदी में भारी नुकसान हुआ था. अभी भी उनकी कमाई महामारी के पहले जैसे स्तर से बहुत दूर थी, और अब फिर से रात को आवाजाही पर प्रतिबंध लगने से पिछले साल के नुकसान की भरपाई के रास्ते भी बंद हो गए हैं.
तस्वीर: Getty Images/AFP/X. Galiana
शादी, अन्य कार्यक्रमों की दिक्कत
जिन लोगों ने पहले से शादी जैसे कार्यक्रमों की तारीख तय की हुई है और सभी इंजताम कर लिए हैं, वो सोच में हैं कि कहीं विवाह स्थल 10 बजे के बाद बंद तो नहीं कर दिए जाएंगे. मेहमानों के आने-जाने पर भी असर पड़ सकता है.
तस्वीर: Altaf Qadri/AP Photo/picture alliance
अर्थव्यवस्था पर असर
उत्पादन, बिक्री और अन्य आर्थिक गतिविधियां अगर घटेंगी तो जीडीपी के बढ़ने की दर पर भी असर पड़ेगा. कर वसूली के जरिए होने वाली सरकार की कमाई को भी चोट पहुंचेगी.
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Sharma
रमजान हो जाएगा फीका
13 अप्रैल से रमजान का महीना शुरू हो रहा है और मुस्लिम श्रद्धालुओं को चिंता है कि कर्फ्यू की वजह से वो फीका पड़ जाएगा. रमजान में तरावीह की खास नमाज मस्जिदों में रात में ही पढ़ी जाती है और दिन भर के रोजे के बाद इफ्तार, मिलना-जुलना और खरीदारी समेत सब कुछ शाम को ही होता है. कई लोग रोजा तोड़ने के लिए छोटे रेस्तरां जैसी जगहों पर भी निर्भर होते हैं.