भारत की अपनी पहली यात्रा पर पहुंचे एप्पल कंपनी के प्रमुख टिम कुक ने बताया है कि 2017 की शुरुआत में भारत में एप्पल का ऐप डिवेलपमेंट सेंटर खोला जाएगा.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo//M. J. Sanchez
विज्ञापन
दक्षिण भारत में एप्पल अपना नया ऐप डिजायन और विकास केंद्र खोलने जा रहा है. कंपनी प्रमुख टिम कुक इस समय अपनी पहली भारत यात्रा पर हैं. एप्पल ने 2017 की शुरुआत तक नया केंद्र खोलने की घोषणा की. लाखों भारतीय एप्पल के लिए ऐप डिजायन करने के काम में लगे हुए हैं. अपने घोषणा पत्र में एप्पल ने कहा है कि वे बेंगलूरू के अपने नए ऐप सेंटर से इन डिजायनरों को और बढ़ावा देंगे.
टिम कुक ने कहा है कि नया केंद्र "डेवलपरों को वे टूल मुहैया कराएगा जिससे वे दुनिया भर के यूजरों के लिए नए तरह के ऐप विकसित कर सकें." भारत में कुक के कार्यक्रम के बारे में कंपनी ने ज्यादा जानकारी नहीं दी है. कुछ स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि दिल्ली पहुंचने पर वे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दूसरे सरकारी अधिकारियों से भी मिल सकते हैं. व्यापार जगत के महत्वपूर्ण लोगों से तो कुक की मुलाकात तय है.
भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते स्मार्टफोन बाजारों में से एक है. यही कारण है कि एप्पल जैसी कंपनियां भारतीय बाजार में अपनी जगह और मजबूत करना चाहते हैं. इस समय भारतीय बाजार में एप्पल के आईओएस का नहीं बल्कि एंड्रॉयड सिस्टम का दबदबा है.
एप्पल कंपनी अपने पुराने आईफोनों को भारतीय बाजार में बेचने के लिए भी सरकारी अनुमति लेना चाहती है. भारत का उपभोक्ता चीजों की कीमत के मामले में बहुत सतर्क माना जाता है. इसलिए विदेशी कंपनियों को स्थानीय बाजारों में उपलब्ध देसी कंपनियों के साथ कड़ा मुकाबला झेलना होता है. यह रीफर्बिश्ड आईफोन दाम में नए फोन से काफी कम होंगे और इस तरह एप्पल भारत के बड़े मध्यवर्ग को अपना खरीदार बना पाएगा.
भारत में एप्पल फोन का मार्केट शेयर मात्र 2 फीसदी है. भविष्य में एप्पल आईफोन के और सस्ते वर्जन बाजार में लाना चाहती है. सवा अरब की आबादी वाले भारत में हर महीने करीब 60 लाख नए इंटरनेट यूजर बन रहे हैं. यही कारण है कि एप्पल ही नहीं गूगल, फेसबुक और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों की नजर भारत के बाजार पर है.
आरपी/एमजे (एपी)
आईफोन के बारे में कितना जानते हैं?
2016 में पहली बार आईफोन की बिक्री में गिरावट की खबरें आ रही हैं. एप्पल की कुल कमाई का 63 फीसदी हिस्सा आईफोन से आता है. कैसे बनाई आईफोन ने अपने लिए बाजार में खास जगह...
तस्वीर: picture alliance/AP Images/P. Sakuma
जी हां, "पर्पल"
जिस समय आईफोन मात्र आयडिया के स्वरूप में ही था, इसका प्रोजेक्ट कोड "पर्पल" था. एप्पल के एक पूर्व प्रबंधक के मुताबिक पर्पल की टीम जिस जगह काम करती थी वह किसी हॉस्टल के कमरे जैसा दिखता था. कमरे में पिज्जा की महक और दीवारों पर फाइट क्लब के पोस्टर.
तस्वीर: picture alliance/AP Images/P. Sakuma
समय क्या हुआ है?
स्टीव जॉब्स पहले आईफोन को 29 जून 2007 को सुबह 9:42 बजे दुनिया के सामने लाए. समारोह का समय इस तरह का रखा गया था कि जब लोग नए उत्पाद की तस्वीरें देखें तो डिस्प्ले पर दिखाई दे रहा समय ठीक उस पल असल समय से मैच करे. समय की इस पाबंदी का ख्याल कंपनी हमेशा रखती है. हालांकि 2010 में आईपैड लॉन्च करते समय एक मिनट का अंतर आ गया था.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/J. Mabanglo
नेक्स्ट जनरेशन की तकनीक
यह सही है कि पहला आईफोन 599 डॉलर का था, जो कि उस समय महंगा था. लेकिन एक फोन वह सब कुछ कर सकता था जो तब तक 3000 डॉलर की कीमत वाले विभिन्न उपकरण मिलकर करते थे. आईफोन ने सीडी प्लेयर, कंप्यूटर, फोन और आन्सरिंग मशीन सभी की एक साथ जगह ले ली.
तस्वीर: colourbox
क्या स्क्रीन पर क्रैक है?
जेब से जल्दी में फोन निकालने में हाथ से फिसला और जमीन पर ढेर. आईफोन की स्क्रीन अक्सर इन घटनाओं में चटख जाती है. लेकिन स्काई डाइवर जैरोड मैककिनी ने 2011 में अपना आईफोन हवा में 13,500 फुट की ऊंचाई से गिरा दिया. उनका दावा है कि इसके बावजूद फोन से कॉल की जा सकती थी.
तस्वीर: picture alliance/AP Photo
आईपैड ने की मदद
2000 के शुरुआती सालों में एप्पल वर्चुअल कीबोर्ड वाला टैबलेट कंप्यूटर बनाने की तैयारी में था. एक दिन जब एप्पल के कर्मचारी अपने फोन की आलोचना कर रहे थे उन्हें आयडिया आया कि टैबलेट वाली ही तकनीक एक खास तरह का फोन बनाने में भी इस्तेमाल की जा सकती है. वे जुट गए क्रांतिकारी स्मार्टफोन को बनाने में.
तस्वीर: Getty Images/Feng Li
ढेरों आईफोन
एप्पल 2007 से करीब 90 करोड़ आईफोन बेच चुका है. लेकिन चीन में आर्थिक मंदी के चलते एप्पल ने पहली बार चेतावनी दी है कि उसकी 2016 के पहले क्वार्टर की बिक्री 2015 के मुकाबले कम हो सकती है. हालांकि लोगों में एप्पल की दीवानगी में कमी नहीं आई है.
तस्वीर: DW/M.Bösch
प्यार भी नफरत भी
एप्पल और सैमसंग की दुशमनी दुनिया जानती है. दोनों कंपनियों के बीच पेटेंट को लेकर सालों से कई बड़े स्तर के मुकदमे चल रहे हैं. हालांकि दूसरी ओर रिपोर्टों के मुताबिक सैंमसंग आईफोन के लिए कंप्यूटर चिप का निर्माण भी करता है.