सात चरणों वाले लोकसभा चुनाव के तीसरे और सबसे बड़े चरण में 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 117 सीटों के लिए मंगलवार को मतदान शुरू हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस चरण में गुजरात जाकर वोट डाला.
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लोकसभा चुनाव के तीसरे और सबसे बड़े चरण में गुजरात की सभी 26 सीटों, केरल की सभी 20 सीट समेत महाराष्ट्र और कर्नाटक की 14 सीटों पर मतदान हो रहा है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश की 10 सीटों के लिए, छत्तीसगढ़ की सात, ओडिशा की छह, असम की चार, बिहार और पश्चिम बंगाल की पांच-पांच सीटों और जम्मू कश्मीर, दादरा व नगर हवेली और दमन और दीव की एक-एक सीट के लिए वोट डाले जा रहे हैं.
सुबह 7 बजे से ही पोलिंग बूथों पर लोगों की आवाजाही शुरू हो गई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने गृह राज्य गुजरात में वोट डालने पहुंचे, हालांकि वह स्वयं उत्तर प्रदेश की बनारस सीट से चुनाव मैदान में हैं. रविवार को श्रीलंका में हुए बम धमाकों पर मोदी ने कहा, "आतंकवादियों के हथियार आईईडी से ज्यादा ताकत लोकतंत्र में मतदाता के पहचानपत्र (वोटर आईडी कार्ड) की होती है. मैं पूरे भरोसे के साथ कह सकता हूं कि वोटर आईडी हर कीमत पर आईईडी से ज्यादा ताकतवर होता है."
इसके अलावा त्रिपुरा पूर्व में भी मतदान हो रहा है, जहां 18 अप्रैल को दूसरे चरण में मतदान होना था लेकिन सुरक्षा कारणों से चुनाव आयोग द्वारा इसे स्थगित कर तीसरे चरण के लिए तय कर दिया गया था. इस चरण के मतदान बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की किस्मत का फैसला करेंगे जो गुजरात के गांधीनगर से चुनावी मैदान में हैं. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की वायनाड सीट पर भी आज ही मतदान हो रहा है. जिन 117 सीटों पर आज वोट डाले जा रहे हैं उनमें से 62 सीटों को 2014 के चुनाव में बीजेपी ने जीती थी. सात चरणों का लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल को शुरू हुआ था और 19 मई को समाप्त होगा. इसके बाद मतगणना 23 मई को होगी.
वहीं जैसे-जैसे चुनाव का खुमार चढ़ रहा है, वैसे-वैसे नेताओं की जुबानी जंग भी तेज हो रही है. इसी कारण पिछले हफ्ते चुनाव आयोग ने घृणा भरी भाषा के इस्तेमाल के चलते कई पार्टियों के बड़े राजनेताओं पर कार्रवाई की. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपने मुस्लिम-विरोधी बयानों के लिए तीन दिन तक चुनावी प्रचार से दूर रहने का आदेश दिए गए. वहीं बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती पर भी मुस्लिम समुदाय से वोट मांगने की अपील के चलते 48 घंटे तक चुनाव प्रचार से दूर रहने के आदेश दिए गए हैं.
2019 के चुनावों में ये सब पहली बार हो रहा है
भारतीय चुनाव आयोग अब तक 16 आम चुनाव करवा चुका है. लेकिन आयोग चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष रखने के लिए समय-समय पर कई चीजें आजमाता रहा है. लोकसभा चुनाव 2019 में आयोग ये नए कदम उठाने जा रहा है.
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उम्मीदवारों की तस्वीरें
देश के कुल वोटरों में से 30 करोड़ निरक्षर हैं. आयोग ने इनका ध्यान रखते हुए अब राजनीतिक दल के चिन्हों के साथ वोटिंग मशीन में उम्मीदवारों की तस्वीर लगाने का फीचर भी जोड़ा है. साथ ही धांधली और वोटिंग मशीन में किसी भी गड़बड़ी से बचने के लिए मतदाता को वोट डालने के बाद एक चिट दी जाएगी. इसके अलावा वोटिंग मशीन ले जाने वाले वाहनों की निगरानी के लिए उन्हें जीपीएस से जोड़ा गया है.
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आरोपों की स्वघोषणा
मौजूदा संसद के करीब 186 सांसदों पर आपराधिक मामले चल रहे हैं. इसमें से 112 ऐसे हैं जिन पर हत्या और बलात्कार जैसे संगीन आरोप लगे हैं. इस बार कानूनी मामलों में फंसे उम्मीदवार को कम से कम तीन अखबार या टीवी विज्ञापनों के जरिए अपने ऊपर चल रहे मामलों के बारे में आम लोगों को बताना होगा. ये विवरण उस इलाके के लोगों को देना होगा, जहां से उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं.
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दागी नेताओं के रिकॉर्ड
भारतीय थिंक टैंक 'द एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म' (एडीआर) ने 2014 की एक रिपोर्ट में कहा था कि ऐसे उम्मीदवार जिन पर संगीन आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं उनकी जीतने की संभावनाएं काफी प्रबल होती हैं. इस साल सभी उम्मीदवारों को अपने पिछले पांच साल के इनकम टैक्स रिटर्न का ब्यौरा भी सार्वजनिक करना होगा. साथ ही विदेश में अपनी संपत्ति और देनदारियों का ब्यौरा देना भी उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य किया गया है.
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ऑनलाइन निगरानी
वेब कैमरों के जरिए इंटरनेट पर पांच हजार से अधिक मतदान और गिनती केंद्रों की लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी. इसके अलावा एक स्मार्टफोन ऐप के जरिए नागरिक मतदान केंद्र पर हुए किसी भी प्रकार के अभद्र व्यवहार, चुनावी गड़बड़ी, शराब या ड्रग्स जैसी बातों की शिकायत कर सकेंगे. गुमनाम शिकायतकर्ता किसी भी फोटो और वीडियो को इस ऐप कर अपलोड कर सकेंगे जिस पर अधिकारियों को 100 मिनट के भीतर कार्रवाई करनी होगी.
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फीडबैक और सोशल मीडिया
आयोग ने इस बार एक टोल-फ्री हेल्पलाइन भी शुरू की है. इस हेल्पलाइन के जरिए मतदाता कोई जानकारी और शिकायत दर्ज कराने के अलावा वोटिंग से जुड़ा अपना फीडबैक भी दे सकेंगे. इस बार उम्मीदवारों को अपने चुनावी दस्तावेज में सोशल मीडिया खातों की भी जानकारी देनी होगी. इस नए कदम का मकसद चुनावों में सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल पर रोक लगाना है.
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ऑनलाइन विज्ञापन
अब चुनाव आयोग सोशल मीडिया के विज्ञापनों पर भी नजर रखेगा. साथ ही राजनीतिक दलों या उम्मीदवारों के चुनावी विज्ञापन को उनके चुनावी खर्च के साथ जोड़ा जाएगा. फेसबुक ने साफ किया है कि पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से वह राजनीतिक विज्ञापनों में उसे छपवाने वाले की जानकारी देगा. यह नई नीति फोटो शेयरिंग ऐप इंस्टाग्राम पर भी लागू होगी.
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थर्ड जेंडर
यह पहला मौका है जब भारत के तकरीबन 39,000 नागरिकों ने स्वयं को बतौर "थर्ड जेंडर" रजिस्टर किया है. देश में ट्रांसजेंडर्स लोगों की आबादी करीब 50 हजार है, लेकिन अब से पहले उन्हें पुरुष या महिला के रूप में स्वयं को रजिस्टर करना होता था.
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महिलाओं का बूथ
इन चुनावों में पहली बार हर निर्वाचन क्षेत्र को एक मतदान केंद्र सिर्फ महिलाओं के लिए तैयार करना होगा. हालांकि कर्नाटक में यह संख्या कहीं ज्यादा है. राज्य में ऐसे तकरीबन 600 मतदान केंद्र होंगे, जहां स्टाफ से लेकर सुरक्षा तक की सारी जिम्मेदारी महिलाएं संभालेंगी. (एएफपी/एए)