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भारत में टाइगरों की संख्या में इजाफा

२८ मार्च २०११

भारत में टाइगरों की संख्या बढ़ गई है. दुनिया के सबसे ज्यादा बाघ भारत में ही रहते हैं लेकिन उनके अस्तित्व पर बराबर खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में बाघ की आबादी के ताजा आंकड़े खुश करने वाले हैं.

बाघों के लिए अच्छी खबरतस्वीर: AP

पिछले साल हुई इस गणना के दौरान भारत में बाघों की संख्या 1,706 बताई गई है जो 2006 में 1,411 थी. नई दिल्ली में अधिकारियों ने बताया कि टाइगरों की संख्या में वद्धि की वजह सही तरह से उनकी गिनती करना है. सरकार की तरफ से चलाए जा रहे प्रोजेक्ट टाइगर के राजेश गोपाल ने कहा, "हमने अपनी गिनती का दायरा पूरे भारत तक बढ़ा दिया है और हमारा अनुमान पहले से कहीं ज्यादा सही है."

पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने टाइगरों की संख्या बढ़ने पर खुशी जताई है. उन्होंने इसे बहुत ही उत्साहजनक संकेत बताया है. टाइगरों की इस गणना में सुंदरबन जैसे इलाकों में भी सघन रूप से गिनती की गई. पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में फैले इस इलाके को खासा दुर्गम माना जाता है. दुनिया के लगभग आधे बाघ भारत में रहते हैं लेकिन उनकी संख्या तेजी से घट रही है. सरकार की ओर से उनके संरक्षण के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रम में इस बात की पूरी कोशिश की गई है कि इस खूबसूरत जानवर को लुप्त होने से रोका जाए.

तस्वीर: AP

2002 में भारत में बाघों की संख्या 3,700 थी जबकि बात अगर 1947 की करें तो यह संख्या 40 हजार के आसपास थी. पूरे एशिया में अधिकारी बाघ के शिकार को रोकने की कोशिशों में जुटे हैं. जंगलों को काटे जाने से भी बाघों के बसेरे सिमट रहे हैं. यह भी उनकी घटती संख्या की वजह मानी जाती है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः आभा एम

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