1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

भारत में टिकटोक पर क्यों लगी रोक?

१७ अप्रैल २०१९

चीन का वीडियो ऐप टिकटोक अब भारत में गूगल और एप्पल के ऐप स्टोर में नहीं दिखेगा. तमिलनाडु की एक अदालत ने इस ऐप को डाउनलोड करने पर रोक लगा दी है. भारत में इसे बड़ी संख्या में लोग इस्तेमाल कर रहे थे. आखिर क्यों लगाई गई रोक?

China App TikTok
तस्वीर: Reuters/Danish Siddiqui

टिकटोक के जरिए यूजर छोटे छोटे वीडियो बना कर उन्हें शेयर कर सकते हैं. स्पेशल इफेक्ट्स के जरिए बनाए जाने वाले ये वीडियो भारत के किशोरों को खूब भा रहा था. हालांकि कुछ नेताओं का कहना है कि इसके जरिए आपत्तिजनक वीडियो बनाए जा रहे थे. तमिलनाडु की अदालत ने केंद्र सरकार से 3 अप्रैल को टिकटोक पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा. कोर्ट का कहना है कि इससे पोर्नोग्राफी को बढ़ावा मिल रहा है. कोर्ट ने यह चेतावनी भी दी कि यौन अपराधी बच्चों को निशाना बना सकते हैं.

सूचना तकनीक मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक इसके बाद केंद्र सरकार ने एप्पल और गूगल को पत्र लिख कर कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए कहा. गूगल ने अपने प्ले स्टोर से टिकटोक को कोर्ट के निर्देश के अनुसार हटा दिया है. बुधवार को प्ले स्टोर पर टिकटोक नहीं नजर आया. गूगल ने बयान जारी कर कहा है कि वह किसी ऐप पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकता लेकिन उसे स्थानीय कानून का पालन करना है. एप्पल ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. 

तस्वीर: Getty Images/AFP

भारत में टिकटोक के प्रवक्ता ने ऐप हटाए जाने पर प्रतिक्रिया नहीं दी और कहा कि मामला अभी अदालत में है. कंपनी ने इतना जरूर कहा कि उसे न्याय व्यवस्था पर भरोसा है साथ ही लाखों यूजर से "उम्मीद है कि जो भी नतीजा होगा उसे वे सहज रूप से स्वीकार करेंगे."

भारत में टिकटोक को 24 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया गया है. यह जानकारी ऐप एनालिटिक्स फर्म सेंसर टावर ने फरवरी में दी थी. केवल जनवरी 2019 में ही 3 करोड़ यूजर ने इस ऐप को डाउनलोड किया जो इसी महीने में एक साल पहले की संख्या से करीब 12 गुना ज्यादा है.

भारत के सिनेमा जगत से जुड़े चुटकुले वीडियो क्लिप और फुटेज ऐप प्लेटफॉर्म पर बहुत लोकप्रिय हैं. युवा तरह तरह की प्रयोग वीडियो के साथ करके उसे दिलचस्प बनाते हैं, इनमें पैरोडी, लिप सिंक और डांस भी शामिल हैं.

तस्वीर: Beijing ByteDance Technology

ऐप बनाने वाली कंपनी बाइटडांस ने अदालत के फैसले को पिछले हफ्ते चुनौती दी. बाइटडांस का कहना है कि यह भारत में अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार के खिलाफ है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले को वापस उसी अदालत में भेज दिया. तमिलनाडु की अदालत ने अपने फैसले पर रोक लगाने की बाइटडांस की अर्जी खारिज कर दी. कोर्ट ने बाइटडांस से लिखित में निवेदन मांगा है और इस पर सुनवाई के लिए 24 अप्रैल की तारीख तय की है.

तकनीकी मामलों से जुड़े कानून के जानकार सलमान वारिस का कहना है कि बाइटडांस के खिलाफ कानूनी कार्रवाई से भारत की अदालतों में एक नजीर बन जाएगी जो सोशल मीडिया और दूसरे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कंटेंट का नियमन करने में दखल दे सकती है.

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में बाइटडांस ने दलील दी थी कि टिकटोक के एक "अत्यंत छोटे" हिस्से को आपत्तिजनक या अश्लील माना जा सकता है.

एनआर/ओएसजे (रॉयटर्स)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें