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टिक टॉक पर बैन छीन सकता है भारत में नौकरियां

२८ जनवरी २०२१

भारत सरकार द्वारा टिक टॉक पर लगाए गए प्रतिबंध को स्थायी बनाने के बाद देश में कंपनी के करीब 2,000 लोगों की नौकरी जा सकती है. कंपनी का कहना है कि प्रतिबंध के हटने को लेकर उसे सरकार से कोई भी जानकारी नहीं मिल पा रही है.

Symbolbild TikTok
तस्वीर: AFP/O. Douliery

चीन के साथ चल रहे सैन्य गतिरोध के बीच भारत सरकार ने जिन दर्जनों चीनी ऐपों पर प्रतिबंध लगाया था, उनमें टिक टॉक भी शामिल था. प्रतिबंध के बाद टिक टॉक को बहुत नुक्सान उठाना पड़ा क्योंकि भारत में करोड़ों लोग उसका इस्तेमाल करते थे. नुक्सान उठाने के बाद कंपनी ने एक बयान में कहा है कि वो भारत में अपने कर्मचारियों की संख्या कम कर रही है.

कंपनी ने बयान में कहा, "प्रतिबंध लगने के बाद पिछले सात महीनों में इस मुद्दे के समाधान को लेकर हमें सरकार से कोई जानकारी नहीं मिली है, जिसकी वजह से हमने गहरे दुख के साथ भारत में अपने कर्मचारियों की संख्या को घटाने का फैसला किया है." बयान में और कोई जानकारी नहीं थी लेकिन मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि भारत में कंपनी के 2,000 से ज्यादा कर्मचारी हैं.

टिकटॉक ने अपने बयान में यह भी कहा कि उसे उम्मीद है कि भारत में करोड़ों उपभोक्ताओं, कलाकारों, कहानियां सुनाने वालों, शिक्षा देने वालों और अदाकारों के लिए उसे देश में टिक टॉक को फिर से लाने का मौका मिलेगा. भारत सरकार ने जून 2020 में 59 चीनी ऐपों को यह कह कर बैन किया था कि वो भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा थे. इसी सप्ताह इन ऐपों पर लगे बन को स्थायी कर दिया गया.

भारत सरकार ने जून 2020 में जिन 59 चीनी ऐपों को बैन किया था उनमें टिकटॉक भी शामिल था. तस्वीर: Getty Images/M. Tama

टिक टॉक चीनी इंटरनेट कंपनी बाइटडांस का ऐप है. बाइटडांस के भारत में एक और लोकप्रिय ऐप हेलो पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था. यह प्रतिबंध उस समय लगाए गए थे जब भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच एक हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक मारे गए थे. एलएसी पर गतिरोध अभी भी बना हुआ है और दोनों सेनाएं एक दूसरे के सामने डटी हुई हैं.

चीनी सरकार ने एक ताजा बयान में कहा है कि भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के बहाने चीनी मोबाइल ऐपों को प्रतिबंधित कर रहा है. भारत में 50 करोड़ लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं और यह चीन के बाद दूसरी सबसे बड़ी संख्या है. इस वजह से देश में ऐप उपभोक्ताओं का बाजार बहुत बड़ा है और तेजी से बढ़ते इस बाजार में चीनी ऐप बहुत लोकप्रिय हुए थे. कुछ कंपनियों ने तो विशेष रूप से भारत के लिए ही ऐप बना दिए थे.

सीके/एए (एपी)

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