भारत में नेटफ्लिक्स जैसी सेवाओं पर लग सकती है सेंसरशिप
१८ अक्टूबर २०१९
भारत में सरकार नेटफ्लिक्स और अमेजॉन प्राइम वीडियो जैसी इंटरनेट के द्वारा मनोरंजन प्रसारित करने वाली सेवाओं पर नियंत्रण लगाने पर विचार कर रही है.
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भारत में फिल्मों और टेलीविजन से जुड़ी प्रमाणन संस्थाएं पहले से ही सार्वजनिक कॉन्टेंट का नियंत्रण करती हैं, लेकिन तेजी से लोकप्रिय होती स्ट्रीमिंग सेवाओं के कार्यक्रमों को सेंसर करने का कोई कानून नहीं है. एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार की इस विषय पर चिंता का कारण है पिछले कुछ महीनों में पुलिस और अदालतों से की गई कई शिकायतें, जो अश्लीलता दिखाने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने से संबंधित थीं.
जनवरी में भी सेंसरशिप को लेकर इस तरह की चिंताएं उभरी थीं और तब नेटफ्लिक्स और उसके भारतीय प्रतिद्वंद्वी हॉटस्टार ने एक स्व-नियंत्रण संहिता पर हस्ताक्षर किए थे. अमेजॉन ने इस संहिता से जुड़ने से मना कर दिया था और कहा था कि "मौजूदा कानून पर्याप्त" हैं. सरकारी अधिकारी ने बताया कि स्व-नियंत्रण सब के लिए एक जैसा नहीं है और इससे चिंता उभर रही है. उन्होंने ये भी कहा कि निर्देश साफ हैं, हमें ये देखना है कि समस्याओं का समाधान कैसे करें.
पिछले साल, नेटफ्लिक्स के पहले मौलिक भारतीय सिरीयल "सेक्रेड गेम्स" के खिलाफ एक अदालत में केस किया गया था. केस करने वाले ने कार्यक्रम में कुछ बुरा लगने वाले सीन और भारत के एक पूर्व प्रधानमंत्री के बारे में अपमानजनक टिप्पणी के खिलाफ शिकायत की थी. हालांकि, बाद में केस खारिज हो गया था. पिछले महीने एक भारतीय नेता ने भी पुलिस से शिकायत कर नेटफ्लिक्स पर हिन्दुओं को बदनाम करने का आरोप लगाया था. ये अभी साफ नहीं हो पाया है कि ये मामला आगे बढ़ेगा या नहीं.
टीवी को भले ही छोटा पर्दा कहा जाता हो लेकिन इसकी दुनिया कतई छोटी नहीं है. तमाम ऑनलाइन साधनों के बावजूद लोग अब भी टीवी देखना नहीं भूले हैं, साथ ही इनके टीवी देखने के टाइम में कोई कमी भी नहीं आई है.
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इंटरनेट बनाम टीवी
एक आदमी एक दिन में औसतन तीन घंटे टीवी के सामने गुजारता है. यूरोडाटा टीवी वर्ल्डवाइड ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ऑनलाइन माध्यमों मसलन नेटफ्लिक्स, अमेजन की बढ़ती लोकप्रियता के बावजूद लोगों में टीवी देखने का शौक अब भी बरकरार है.
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सबसे ज्यादा टीवी
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका और कनाडा के लोग सबसे अधिक टीवी देखते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक साल 2017 में यहां लोगों ने एक दिन में चार घंटे टीवी के सामने गुजारे हैं.
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दूसरे स्थान पर
अमेरिका और कनाडा के बाद, यूरोप में भी टीवी के कद्रदान कम नहीं है. साल 2017 में यूरोप में लोगों ने दिन के तीन घंटे 49 मिनट टीवी के सामने गुजारे. इसके बाद रूस और ब्राजील का नंबर आता है.
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एशिया का रुख
अमेरिकी और यूरोपीय लोगों के मुकाबले एशिया ने सबसे कम टीवी देखा है. यहां लोग टीवी के सामने दिन के 2 घंटे 25 मिनट तक बिताते हैं. हालांकि चीन में यह औसत 2 घंटे 12 मिनट का रहा है.
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कहां बढ़ा, कहां घटा
टीवी देखने की आदत उत्तरी अमेरिका और एशियाई देशों में कम हुई है. लेकिन दक्षिण अमेरिका और यूरोप ने अब भी टीवी देखने की अपनी आदत को बनाए रखा है.
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देखने की आदत
95 देशों के टीवी ट्रेंड देखने पर बनी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि लोगों में टीवी देखने की आदत बदल रही है. रिप्ले सर्विस औसतन आठ फीसदी तक दर्शकों की संख्या में इजाफा करती है.
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डिजिटल वर्ल्ड
तकनीकी रूप से स्वीडन दुनिया के उन्नत देशों में से एक है. यहां युवा लोग एक दिन में दो घंटे से भी कम टीवी देखते हैं.
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क्या देखते हैं
यूरोडाटा टीवी के मुताबिक युवा वर्ग इंटरनेट पर टीवी प्रोग्राम देखता है, लेकिन वे सिर्फ वैसे ही प्रोग्राम के लिए लॉगइन करते हैं जो युवाओं पर आधारित होते हैं. इसमें रियल्टी शो, यूथ ड्रामा अधिक है. इनके दर्शक टीवी के मुकाबले इंटरनेट पर अधिक हैं.
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टीवी प्रोग्राम एक्सपोर्टर
अमेरिका और ब्रिटेन अब भी दुनिया में टीवी प्रोग्राम और इनके फॉर्मेट के सबसे बड़े निर्यातक है. ये फ्रांस, जर्मनी, तुर्की से आगे हैं. हालांकि फ्रांस, जर्मनी और तुर्की जैसे देशों के पारिवारिक धारावाहिकों को मध्य पूर्व, दक्षिण अमेरिका और बाल्कन देशों में पसंद किया जाता है. (एए/आईबी)
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इन सब घटनाओं से सरकार की चिंताएं बढ़ गई हैं. इस विषय को लेकर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयों में बातचीत चल रही है. कोशिश ये है कि ऐसे कॉन्टेंट प्रदाताओं के लिए एक स्वीकारयोग्य विनियामक ढाचा तैयार हो सके. सरकारी सूत्र ने कहा कि ये भी संभव है कि सरकार किसी भी तरह का नियंत्रण न करने का भी फैसला ले सकती है, लेकिन अभी सभी विकल्पों को जांचा जा रहा है.
इन विकल्पों में एक स्वनियंत्रण संहिता शामिल है जिसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा या एक ऐसी संहिता जिसकी सरकार ही देख रेख करेगी या ऐसे कदम जिनसे ये सुनिश्चित किया जा सके कि मनोरंजन कंपनियां अपने कार्यक्रमों के लिए पहले से स्वीकृति लेंगी. अधिकारी ने बताया कि चिंता इस बात को लेकर भी है कि कैसे फिल्मों में लागू कुछ प्रतिबंधों का इन माध्यमों पर पालन नहीं हो रहा है. उदाहरण के तौर पर, फिल्मों में धूम्रपान करने के दृश्यों पर अनिवार्य तंबाकू-विरोधी शाब्दिक चेतावनी होती है, पर वही फिल्में जब अमेजॉन और नेटफ्लिक्स पर दिखाई जाती हैं तो इन पर वो चेतावनी नहीं दिखती.
"अगर विनियमन हुआ तो इन सेवाओं को अपने पूरे वैश्विक कॉन्टेंट में भारत के हिसाब से बदलाव लाने पड़ेंगे, जो कि इनके लिए काफी बड़ा, खर्चीला और समय लेने वाला सरदर्द बन जाएगा", ये कहना है नई दिल्ली के तकनीकी नीतियों के समीक्षक प्रसंतो रॉय का. नेटफ्लिक्स और अमेजॉन भी और दर्शकों को अपनी तरफ लुभाने के लिए ज्यादा से ज्यादा स्थानीय कॉन्टेंट बना रहे हैं. भारत में मोबाइल इंटरनेट और स्मार्टफोन के बढ़ते उपयोग के साथ साथ इन सेवाओं की लोकप्रियता भी बढ़ रही है.
नेटफ्लिक्स ने पिछले साल कहा था कि उसके अगले 10 करोड़ सब्सक्राइबर भारत से आ सकते हैं. उसने हाल ही में भारत में केवल मोबाइल के लिए एक नया प्लान भी निकाला है जिसकी कीमत 199 रुपये है. ये उसके सबसे सस्ते 499 रुपये के प्लान का भी आधा है. कंपनी ने हाल ही में कहा कि वह इस मोबाइल प्लान के प्रदर्शन से बहुत खुश है और उसे अपने और बाजारों में भी ले जा सकती है.
अमेरिकी टीवी सीरीज गेम ऑफ थ्रोन्स में एक ऐसी दुनिया रची गई है जो धरती की होकर भी कहीं नहीं है. इसलिए इसे देखते हुए यह सवाल जरूर उठता है कि ऐसी जगह कहां हैं. लीजिए, यह रहा जवाब...
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क्रोएशिया
वेस्टरोस में किंग्स सीट यानी वह शहर जहां राजा का महल है, क्रोएशिया का मशहूर शहर दुब्रोवनिक है.
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नर्दर्न आयरलैंड
नॉर्थ ऑफ वेस्टरोस और आयरन आईलैंड के रूप में जो जगह दिखती है, वह नर्दर्न आयरलैंड है. और भी कई सीन यहीं शूट हुए हैं.
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आइसलैंड
गेम ऑफ थ्रोन्स में जो नॉर्थ है, वह अक्सर आइसलैंड में दिखता है. और नॉर्थ ऑफ द वॉल जिस जगह को कहा जाता है वह बर्फीली जगह भी यहीं है.
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मोरक्को
द्रोगो से शादी से पहले डेनेरिस और उसका भाई जिस शहर में छिपते हैं, वह पेंटोस मोरक्को में है. और फिर जिस शहर से गुलामों को आजाद कराया जाता है, वह भी यही है.
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माल्टा
द्रोगो और डेनेरिस की शादी माल्टा में फिल्माई गई है. उस सीन में यह पहाड़ी छेद भी दिखता है.
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स्पेन
राजा के महल के कई दृश्य स्पेन में फिल्माए गए हैं. वॉटर ऑफ गार्डन्स यही है.
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स्कॉटलैंड
जिसने भी गेम ऑफ थ्रोन्स देखा है, इस जगह को जानता है. यही विंटरफेल है. यहीं पहला एपिसोड फिल्माया गया था. स्कॉटलैंड का यह कासल 13वीं सदी का है.