1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

भारत में पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दाम बढ़े

२५ जून २०१०

भारत में पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दामों में भारी इजाफा किया गया है. साथ ही पेट्रोल की सब्सिडी खत्म करने की दिशा में उठाए गए सरकार के इस कदम के बाद भारत में महंगाई बढ़ने का अंदेशा जताया जा रहा है.

तस्वीर: AP

गृह सचिव एस सुंदरेशन ने इस बढ़ोतरी का एलान किया और बताया कि पेट्रोल की कीमतों में 3.73 रुपये तक की वृद्धि की गई है. समझा जा रहा है कि बजट घाटा पूरा करने के लिए सरकार की ओर से यह कदम उठाया गया है.

2010-2011 के वित्तीय वर्ष में भारत सरकार का अनुमानित बजट घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 5.5 प्रतिशत है. बताया जा रहा है कि इस कदम के साथ सरकार को अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति होगी. लेकिन इसके साथ ही दूसरी वस्तुओं के दाम भी बढ़ सकते हैं और भारत में कुल महंगाई भी बढ़ सकती है.

तस्वीर: AP

केंद्रीय मंत्रियों की बैठक में पेट्रोल के अलावा डीजल, रसोई गैस और मिट्टी तेल यानी केरोसीन के दाम बढ़ाने का भी फैसला किया गया. दरअसल भारत सरकार इन उत्पादों पर काफी सब्सिडी देती है और इनकी सब्सिडी कम की गई है.

पेट्रोल, डीजल की कीमतों में वृद्धि की बात चल रही थी लेकिन ऐसा नहीं सोचा जा रहा था कि यह इतनी ज्यादा होगी. पर वित्तीय मामलों के एक्सपर्ट प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से हरी झंडी मिलने के बाद यह फैसला किया गया है. वोट बैंक के लिहाज से यह एक कठिन निर्णय है लेकिन इससे वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है. इसके बाद महंगाई और भी बढ़ सकती है. भारत में मुद्रास्फीति पहले ही दोहरे अंकों में पहुंच चुकी है.

राजनीतिक मामलों के जानकार महेश रंगराजन कहते हैं, "इस कदम का संकेत यह है कि सरकार तेजी से आर्थिक रिफॉर्म करना चाहती है. खास तौर पर डीजल की कीमतों में इजाफे से कांग्रेस के सहयोगी दलों को मुश्किल हो सकती है, जिन्हें जल्द ही कुछ राज्यों में चुनाव लड़ने हैं."

पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दामों में वृद्धि का फैसला ऐसे समय में आया है, जब भारत में महंगाई हद से बाहर जाती दिख रही है. वरिष्ठ अर्थशास्त्री केविन ग्राइस का कहना है, "यह फैसला दिखाता है कि सरकार आर्थिक विकास की ओर कदम उठा रही है. यहां तक कि अगर कम वक्त के लिए महंगाई बढ़ जाए, तो भी सरकार इससे पीछे हटती नहीं दिख रही है."

मंत्रियों के समूह का कहना था कि पेट्रोल की कीमत में प्रति लीटर 3.5 रुपये की वृद्घि की गई, क्योंकि पेट्रोल की कीमत अब बाजार खुद तय करेगा. केरोसीन की कीमत तीन रुपये प्रति लीटर बढ़ा दी गई है. इससे गरीब तबके के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. पेट्रोल का इस्तेमाल आम तौर पर मध्य वर्ग का नागरिक करता है, जबकि केरोसीन पूरी तरह से गरीब तबके के लिए है. रसोई गैस की कीमत भी प्रति सिलेंडर 35 रुपये बढ़ा दी गई है.

डीजल की कीमत में फिलहाल दो रुपये की वृद्धि हुई है. बाद में इसकी कीमत भी खुले बाजार के हवाले कर दी जाएगी. इससे पहले जून के पहले हफ्ते में ही पेट्रोल डीजल की कीमतें बढ़ाने की बात चल रही थी. लेकिन तब कुछ हलकों में विरोध के स्वर को देखते हुए सरकार ने यह फैसला रोक लिया था.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः उ भट्टाचार्य

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें