"भारत शिकारी नहीं, पैदा करने वाला है"
८ नवम्बर २०१०मध्यावधि चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी के हाथों हार के बाद जब ओबामा भारत यात्रा पर निकले, तभी से तय था कि अर्थव्यवस्था इस यात्रा का सबसे अहम मुद्दा रहेगी. लेकिन उनके सामने आउटसोर्सिंग और भारत पर लागू व्यापारिक सख्ती जैसे मुश्किल मुद्दे भी थे. हालांकि भारत में वह जिस तरह की अच्छी अच्छी बातें कर रहे हैं उससे लगता है कि मुद्दों की मुश्किल से उन्हें ज्यादा परेशानी नहीं झेलनी होगी.
ओबामा के लिए सबसे बड़ा मकसद अपने देश में नौकरियां पैदा करना है. विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका में हर महीने तीन लाख नई नौकरियों की जरूरत है. इनमें से 54 हजार तो उन्होंने भारत में किए 10 अरब डॉलर के समझौतों के जरिये पैदा कर ली हैं.
अमेरिका में माना जाता है कि भारत नौकरियां छीन रहा है क्योंकि कंपनियां अपना काम आउटसोर्स कर रही हैं. लेकिन ओबामा का कहना है कि भारत अमेरिकी नौकरियों का शिकारी नहीं है बल्कि वह तो नौकरियां पैदा करने वाला देश है. उन्होंने मुंबई में कहा कि अब भी भारत और अमेरिका के बीच व्यापार की अपार संभावनाएं मौजूद हैं. उन्होंने कहा, "अब भी लोग भारत को कॉल सेंटरों के देश के रूप में देख रहे हैं जो अमेरिकी नौकरियां हड़प रहा है. यही लोगों की अवधारणा है लेकिन मैं इन पुरानी मान्यताओं को खारजि करता हूं. भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते नौकरियां पैदा करेंगे और लोगों की जिंदगी का स्तर सुधारेंगे. यही सच है."
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एमजी