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भारत शुरू करेगा एक और चंद्रयान अभियान

१३ फ़रवरी २०११

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान इसरो का पहला चंद्रयान मिशन काफी सफल रहा था. और अब उसने वैसे ही दूसरे मिशन का एलान किया है. इस मिशन में अमेरिका की जेट प्रोपल्सन लैबोरेटरी भी उसका साथ देगी.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

भारत में अंतरिक्ष के लिए नीतियां बनाने वाली सबसे बड़ी संस्था अंतरिक्ष आयोग ने इसरो को अपने सहयोगी जेपीएल के साथ मिलकर नया चंद्रयान अभियान शुरू करने की इजाजत दे दी है. जेपीएल इससे पहले मंगल और शुक्र ग्रहों पर अभियान भेज चुका है. इसरो के साथ उसके अभियान को मून राइज नाम दिया गया है. इस अभियान को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा लॉन्च कर सकती है.

इसरो अध्यक्ष के राधाकृष्णन ने कहा कि नासा ने 2009 में घोषित अपने प्रमुख कार्यक्रम न्यू फ्रंटियर्स के लिए प्रस्ताव मांगे हैं. सहयोग समझौते के तहत इसरो जेपीएल के साथ मिलकर चांद की कक्षा में एक उपग्रह भेजेगा जो धरती पर डेटा भेजने का काम करेगा. योजना के मुताबिक जेपीएल चंद्रमा पर एक रोबोट उतारेगा. चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला यह रोबोट वहां से चट्टानें लेकर धरती पर वापस आएगा. अगर नासा इस अभियान का चुनाव करती है तो 2016 में इसे अंजाम दिया जा सकता है.

चंद्रयान 1 जैसा अभियान

राधाकृष्णन ने कहा, "हमें चंद्रयान-1 जैसा अभियान भेजना होगा जो चार पांच साल तक चंद्रमा की कक्षा में रह सके और इसरो के लिए कुछ प्रयोग भी कर सके." उन्होंने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की पिछले साल भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष विज्ञान में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी थी. नया अभियान उसी सहमति के तहत शुरू किया जा रहा है.

राधाकृष्णन ने मुताबिक अभियान का खर्च 15 करोड़ डॉलर तक हो सकता है. उन्होंने कहा, "हम सबसे पहले नासा के सामने प्रस्ताव पेश करेंगे. अगर वह हमारे प्रस्ताव को मंजूर करते हैं तो बाकी बातों पर चर्चा की जाएगी."

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः उभ

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