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भारत सवा अरब डॉलर की मिसाइलें खरीदेगा

५ जनवरी २०१२

भारत अपनी सेना के आधुनिकीकरण के सिलसिले में एक यूरोपीय रक्षा उत्पादन कंपनी से 500 मिसाइल खरीद रहा है. डील सवा अरब डॉलर की है.

तस्वीर: AP

भारतीय कैबिनेट की सुरक्षा समिति ने एमबीडीए कंपनी से 1.2 अरब डॉलर में हवा से हवा में मार करने वाले 500 मिसाइल खरीदने के डील को मंजूरी दे दी. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया, जो भारत के 51 मिराज युद्धक विमानों को अपग्रेड करने की पहले ही घोषित योजना का हिस्सा है.

इस डील के तहत यूरोपीय कंपनी एमबीडीए को ठेके की तीस फीसदी राशि भारत में निवेश करनी होगी. जिसका मतलब भारतीय रक्षा उद्योग में 40 करोड़ डॉलर का निवेश होगा. रक्षा खरीद नियमों के अनुसार 3,00 करोड़ रुपये से ज्यादा का ठेका पाने वाली विदेशी कंपनियों को ठेके का तीस प्रतिशत हिस्सा रक्षा, नागरिक उड्डयन या आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में निवेश करना पड़ता है.

पिछले साल जुलाई में कुल 2.4 अरब यूरो का मिराज पैकेज पास किया गया था जिसके तहत फ्रांस की थालेस और दासौ एविएशन जो ठेका मिला है वह दस साल तक चलेगा. दो विमानों को अपग्रेड के लिए फ्रांस भेजा गया है. बाकी विमानों को भारत हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स के कारखाने में अपग्रेड किया जाएगा.

तस्वीर: AP

मिराज 2000 को अपग्रेड करने के लिए थाले को लगभग 1.9 अरब यूरो का ठेका दिया गया है जबकि हाल को मिलने वाले काम का मूल्य 45 करोड़ डॉलर है. रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने पिछले दिनों संसद में बताया कि विमानों को अपग्रेड करने का काम 2021 तक पूरा हो जाएगा.

भारत जल्द ही 12 अरब डॉलर के नए लड़ाकू विमान खरीदने पर भी फैसला करेगा. अंतिम दौर में दासौ और यूरो फाइटर की बोलियां हैं. फैसला हो जाने पर 18 लड़ाकू विमान तुरंत खरीद लिए जाएंगे जबकि 108 विमान भारत में बनाए जाएंगे. इसके अलावा और विमान खरीदने की संभावना भी रहेगी.

एमबीडीए यूरोपीय इंटिग्रेटेड कंपनी है जिसकी शाखाएं फ्रांस, जर्मनी, इटली और ब्रिटेन में हैं. 9,500 कर्मचारियों वाली इस कंपनी का सालाना कारोबार 3.5 अरब डॉलर है. चीन और पाकिस्तान के साथ भारत की लंबे समय से दुश्मनी है. इसी दुश्मनी के चलते भारतअपनी सेना का आधुनिकीकरण कर रहा है और मिलिटरी हार्डवेयर को अपग्रेड कर रहा है.

रिपोर्ट: एएफपी, पीटीआई/महेश झा

संपादन: ओ सिंह

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