भूकंप के बाद हमेशा के लिए बदल जाएगा क्राइस्टचर्च
२४ फ़रवरी २०११गार्डन सिटी के नाम से विख्यात क्राइस्टचर्च में कीवी लोग हनीमून मनाने के लिए आते हैं. विदेशी पर्यटकों के लिए भी क्राइस्टचर्च आकर्षण का केंद्र है. क्राइस्टचर्च को बसाया गया तो यह किसी को ध्यान नहीं रहा कि शहर महाद्वीपीय टेक्टोनिक प्लेट्स के बीच झुकाव के ऊपर बसा है. टेक्टोनिक प्लेट में इसी झुकाव और जमीन की सतह के नीचे उथला पानी होने की वजह से यह शहर भूकंप झेलता रहा है. 6 महीनों के भीतर दूसरी बार क्राइस्टचर्च को बड़े भूकंप का सामना करना पड़ा है.
टेक्टोनिक प्लेट जमीन की सतह के काफी नीचे होती हैं और एक दूसरे से टकराते हुए बेहद धीमी गति से जगह बदलती रहती हैं इस वजह से ही भूकंप आते हैं.
ध्वस्त हुआ शहर
लगातार भूकंप की वजह से शहर की इमारतें ध्वस्त हो गई हैं या फिर उनकी बुनियाद कमजोर हो रही है. मेयर बॉब पार्कर का कहना है कि भूकंप से सकते में आए लोग क्राइस्टचर्च को छोड़ कर कहीं और बसने के लिए तो तैयार नहीं हैं लेकिन पुनर्निर्माण के प्रोजेक्ट के बाद शहर बदल जाएगा. क्राइस्टचर्च को संवारने के लिए खर्चा 10 अरब डॉलर से ज्यादा बताया जा रहा है.
ऑस्ट्रेलिया की मेलबर्न यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर गैरी गिब्सन ने बताया कि पैसिफिक प्लेट और ऑस्ट्रेलिया-इंडिया प्लेट की टेक्टोनिक प्लेट जहां मिलती हैं वहीं पर न्यूजीलैंड बसा है. उनके मुताबिक, "क्राइस्टचर्च में आने वाले भूकंप का केंद्र जमीन की सतह से ज्यादा नीचे नहीं होगा. इसी वजह से कम तीव्रता के भूकंप होने के बावजूद शहर को नुकसान उठाना पड़ता है. अगर इसी तीव्रता के भूकंप का केंद्र जमीन की सतह के काफी नीचे हो तो उससे इतना नुकसान नहीं होता."
फिर खड़ा होना होगा
टेक्टोनिक प्लेट पर बसे होने की वजह से न्यूजीलैंड के एक बड़े इलाके को खतरा है. यह इलाका देश के सकल घरेलू उत्पाद में 15 फीसदी का योगदान करता है और यहां रहने वाले लोगों की संख्या 44 लाख है. क्राइस्टचर्च को जल्द ही फिर से खड़ा होना है क्योंकि यह शहर रग्बी वर्ल्ड कप की मेजबानी कर रहा है जो सितंबर में होना है. इस टूर्नामेंट को देखने के लिए दुनिया भर से रग्बी प्रशंसकों के क्राइस्टचर्च आने की उम्मीद है..
शहर को कहीं और बसाने, शहर के वित्तीय केंद्र को कहीं और स्थापित करने के प्रस्तावों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. लेकिन शहरी विकास से जुड़े विशेषज्ञ सैन फ्रांसिस्को जैसे शहरों का अध्ययन कर रहे हैं क्योंकि ये शहर भी भूकंप के खतरों को झेलता रहा है लेकिन उससे निपटने के लिए यहां कड़े सुरक्षा मानकों के आधार पर ही इमारतें तैयार की गई हैं.
मेयर बॉब पार्कर का कहना है कि इतिहास से सबक लेते हुए इस चुनौती को स्वीकार किया जाएगा और वह मजबूती से सामना करने के लिए तैयार हैं. अब शहर की इमारतों को भूकंपरोधी बनाने के प्रस्ताव को अमल में लाए जाने की पूरी उम्मीद है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: वी कुमार