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भूकंप बाद राहत में दिक्कत

२५ सितम्बर २०१३

पाकिस्तान में जबरदस्त भूकंप के बाद राहत के काम में मुश्किल आ रही है. मरने वालों की संख्या 230 तक पहुंच गई है और घायलों के लिए अस्पताल में जगह नहीं बची है.

तस्वीर: Reuters

बलूचिस्तान प्रांत के आवारान जिले में मंगलवार को जो भूकंप आया, उसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.7 आंकी गई और इसके झटके करीब 1,200 किलोमीटर दूर दिल्ली तक महसूस किए गए. अधिकारियों के मुताबिक अब तक 238 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, 208 मौतें अकेले आवारान जिले में हुईं. राहतकर्मी दूर दराज के गांवों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं और समझा जाता है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है. झटके इतने जबरदस्त थे कि इसकी वजह से ग्वादर के पास समुद्र में एक नया टापू निकल आया.

बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता जान मुहम्मद बुलेदी ने बताया, "कुल छह जिले, आवारान, कच्छ, ग्वादर, पंजगोर, चागी और खुजदार के लगभग तीन लाख लोग भूकंप से प्रभावित हुए हैं." राज्य की आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रमुख अब्दुल लतीफ काकर ने बताया कि कच्छ जिले में 30 लोगों की मौत हो गई है. बुलेदी ने बताया कि राहतकर्मी शवों को निकालने का काम कर रहे हैं लेकिन उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि इलाके में बुनियादी ढांचागत सुविधाएं नहीं हैं.

उन्होंने कहा, "हमारे पास मेडिकल सुविधाओं की बहुत बड़ी कमी है और स्थानीय अस्पतालों में घायलों के इलाज के लिए जगह और सुविधा नहीं है. हम लोग गंभीर रूप से घायल लोगों को हेलिकॉप्टर से कराची भेजने की तैयारी कर रहे हैं, जबकि बाकी के घायलों को पास के दूसरे जिलों में भेजा जा रहा है."

भूकंप में ढहा एक घरतस्वीर: Reuters

पाकिस्तान की सेना ने 100 मेडिकल स्टाफ और 1,000 जवानों को भूकंप में मदद के लिए भेजा है. इलाके का तरतीज गांव सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ है और वहां राहत के काम में दुश्वारी आ रही है.

संयुक्त राष्ट्र की आपदा प्रबंधन एजेंसी के मुताबिक भूकंप के केंद्र के 50 किलोमीटर के दायरे में करीब 60,000 लोग रहते हैं और इनमें से ज्यादातर के घर ऐसे हैं, जो आसानी से भरभरा कर गिर सकते हैं. आवारान के एक वरिष्ठ अधिकारी अब्दुल रशीद बलूच ने बताया, "जिले के करीब 90 फीसदी घर नष्ट हो गए हैं और मिट्टी के बने सभी घर गिर चुके हैं." उन्होंने बताया कि भूकंप में मारे गए कुछ लोगों को गांव में दफना दिया गया है.

भूकंप के बाद दिल्ली, दुबई और कराची जैसे शहरों में भी झटके महसूस किए गए. कराची के दफ्तरों से लोग घबरा कर निकल गए. कराची के अमजद अली ने कहा, "जब भी मैं झटके महसूस करता हूं, मुझे 2005 के कश्मीर भूकंप याद आ जाती है." पाकिस्तानी हिस्से वाले कश्मीर में 2005 के भूकंप में 73,000 लोगों की जान गई थी और इसे पाकिस्तान की सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदाओं में गिना जाता है.

एजेए/ओएसजे (एएफपी, एपी)

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