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भूख से लड़ेगा ब्राजीली सुपरफूड

१८ जुलाई २०१३

विकासशील देशों में भूखमरी और कुपोषण बड़ी समस्या है. इसे दूर करने के लिए भारत सहित कई देशों में प्रयास चल रहे हैं. ब्राजील के उपभोक्ताओं को जल्द ही स्थानीय वैज्ञानिकों द्वारा विकसित बायो फोर्टिफाइड सुपरफूड मिलने लगेगा.

तस्वीर: ME/Portal da Copa/Dezembro de 2012

इस समय ब्राजील की 15 नगरपालिकाओं में इस पहलकदमी को लागू किया जा रहा है. बायो फोर्टिफिकेशन उस प्रक्रिया का नाम है जिसमें लैब और कृषि तकनीक के जरिए पौधों के विकास के परंपरागत तरीके का इस्तेमाल कर फसल में पोषक पदार्थों का संकेंद्रन बढ़ाया जाता है. इसका लक्ष्य शरीर में पोषक तत्वों की कमी को दूर करना है, जिसकी वजह एनीमिया, दृष्टिहीनता, रोग निरोधक क्षमता में कमी या शारीरिक विकास में बाधा जैसी बीमारियां होती हैं. संयुक्त राष्ट्र के खाद्य व कृषि संगठन एफएओ का कहना है कि विश्व भर में करीब 2 अरब लोग पोषक तत्वों की कमी से प्रभावित हैं.

ब्राजील में इस समस्या से निबटने का काम एक दशक पहले शुरू हुआ, जब सरकारी रिसर्च एजेंसी एम्ब्रापा ने बायो फोर्ट नाम की परियोजना शुरू की. यह अनाज में आवश्यक पोषक तत्वों की अधिक मात्रा वाली फसल की विशिष्ट किस्मों का विकास करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग का हिस्सा था.

धान के पौधेतस्वीर: Fotolia/Addi30

एम्ब्रापा ने आठ ऐसे खाद्य पदार्थों को चुना जो ब्राजील में मुख्य आहार हैं, चावल, फली, राजमा, कासावा, आलू, मक्का, कद्दू और गेहूं. खाद्य इंजीनियर और बायो फोर्ट के समन्वय अधिकारी मारिलिया नूटी बताती हैं, "हम खाद्य पदार्थों में आयरन, जिंक और विटामिन ए बढ़ाने पर काम कर रहे हैं. यह ऐसे पोषक तत्व हैं, जिनकी कमी सिर्फ ब्राजील में ही नहीं बल्कि लातिन अमेरिका और पूरे विश्व में है, जिसे हम परोक्ष भूखमरी की वजह मानते हैं."

आयरन बहुत अहम है. ब्राजील के आधे बच्चे आयरन की कमी का किसी न किसी पैमाने पर शिकार हैं. कृषि विज्ञानी इसे दूर करने के लिए ऐसी किस्मों के पौधों के विकास पर काम कर रहे हैं, ऐसे बीज चुन रहे हैं जिनमें माइक्रो पोषक तत्व बेहतरीन मात्रा में हैं. नूटी कहती हैं, "यह ट्रांसजेनिक नहीं है. हम मिला जुला डाइट चाहते हैं. बायो फोर्टिफिकेशन समस्या की जड़ से निबटता है, और इसका लक्ष्य आबादी का सबसे गरीब तबका है."

ब्राजील की इस परियोजना को हार्वेस्टप्लस और एग्रोसैलड रिसर्ट प्रोग्रामों की मदद मिल रही है जो वर्ल्ड बैंक और विकास एजेंसियों के अलावा बिल और मेलिंडा (गेट्स) फाउंडेशन की सहायता से लातिन अमेरिका, अफ्रीका और एशिया के देशों में चलाए जा रहे हैं. इस परियोजना के जरिए फली में आयरन की मात्रा को प्रति किलो 50 से 90 मिलीग्राम बढ़ाया जा सका है. कसावा में वैसे बेटाकैरोटीन नहीं होता, लेकिन अब उसमें प्रतिग्राम विटामिन ए के इस स्रोत का नौ माइक्रोग्राम पाया जाता है. शकरकंद में बेटाकैरोटीन की मात्रा प्रति ग्राम 10 से बढ़कर 115 माइक्रोग्राम हो गई है. चावल में जिंक की मात्रा प्रति किलो 12 से 18 मिली ग्राम हो गई है.

मक्के की फसलतस्वीर: DW

ब्राजील के प्रमुख शहर रियो दे जनेरो से 70 किलोमीटर दूर स्थिति इतागुआई नगरपालिका में 8,000 शिशुओं को पोषक तत्वों से भरपूर सुपरफूड का फायदा मिल रहा है. 1,10,000 की आबादी वाले इतागुआई का सकल घरेलू उत्पाद 14,000 डॉलर है, जबकि अधिकांश कामगारों को प्रति महीने करीब 600 डॉलर प्रति महीने का न्यूनतम वेतन मिलता है. इसकी वजह से एम्ब्रापा ने इस शहर को अपनी परियोजना के लिए आदर्श माना और सरकारी स्कूलों में लंच में उच्च पोषक तत्वों वाला खाना देना शुरू किया.

इस समय नगरपालिका एक हेक्टेयर जमीन पर शकरकंद, कद्दू, फली और कसावा उगा रहा है और उन किसानों को इसकी खेती सिखा भी रहा है, जो स्कूलों को इसकी सप्लाई करते हैं. नगरपालिका के कृषि सचिव इवाना नेवेस कूटो कहते हैं, "इतागुआई मॉडल नगरपालिका है. लगातार तीन साल से हम सर्वोत्तम स्कूल लंच प्रबंधन पुरस्कार जीत रहे हैं. हमारा इरादा फैमिली फार्मर्स की मदद से नगरपालिका के सभी स्कूलों तक शीघ्र पहुंचना है." इसमें 62 स्कूल और 17,000 बच्चे हैं. 2010 में अधिकारियों ने 13 किंडरगार्टनों में इसकी शुरुआत की थी, जहां 8,000 बच्चे दाखिल थे.

आलू और सब्जियांतस्वीर: DW

ब्राजील अकेला देश है, जहां अच्छे तरह के फसलों को बेहतर बनाने का प्रयास हो रहा है. भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, कोलंबिया, मोजांबिक, निकारागुआ, पेरू, कांगो और यूगांडा जैसे देश सिर्फ एक फसल पर काम कर रहे हैं. नूटी का कहना है कि सबसे बड़ी चुनौती बायोफोर्टिफिकेशन को खाद्य सुरक्षा की राष्ट्रीय नीति में शामिल करने की है. पनामा ने इसे सरकारी एजेंडे में शामिल कर लिया है. ब्राजील में इस समय परीक्षण के तौर पर 11 प्रांतों में फसल उगाई जा रही है.

इतागुआई में शुरू हुए प्रोजेक्ट का अगला फोकस देश का अधिक गरीब पूर्वोत्तर वाला इलाका होगा. इस समय 67 कृषि फार्म और 1860 किसान परिवार बायोफोर्टिफाइड अनाज के उत्पादन में लगे हैं. 5570 नगरपालिकाओं और 20 करोड़ की आबादी वाले देश के लिए यह काफी नहीं है. एम्ब्रापा प्रोजेक्ट में अब तक एक करोड़ डॉलर का निवेश किया गया है, जिसमें अब तक 15 यूनिवर्सिटी और कई रिसर्ट सेंटर शामिल हैं. अगले साल ब्राजील की आबादी पर इस प्रोजेक्ट के पौष्टिक असर को मापने के लिए सर्वे कराने की योजना है.

एमजे/एजेए (आईपीएस)

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