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भूटिया के गोल से जीता भारत

२४ अगस्त २००९

नेहरू कप फ़ुटबॉल में भारत ने किर्गिस्तान को 2-1 से हरा कर मुक़ाबले में अपनी स्थिति मज़बूत कर ली है. भूटिया का यह सौवां मैच था और उन्होंने इसका भरपूर जश्न मनाया. भारत नेहरू कप का मौजूदा चैंपियन है.

भूटिया ने दागा पहला गोलातस्वीर: picture-alliance/dpa

एक गोल सीधे कप्तान के बूट से और दूसरे गोल का रास्ता तैयार करना. कप्तान बाइचुंग भूटिया जब 100वां मैच खेल रहे थे तो उन पर ही नहीं, पूरी टीम पर ज़बरदस्त दबाव था. नेहरू कप में लेबनान के हाथों पहला मैच हार चुकी भारतीय टीम के सामने अच्छे प्रदर्शन की चुनौती थी.

भारत इस चुनौती पर बिलकुल खरा उतरा और हाफ़ टाइम से ठीक पहले बाइचुंग भूटिया ने बाएं बूट की ठोकर से गेंद को बड़ी नफ़ासत से गोल में पहुंचा दिया. शॉट इतना नपा तुला था कि जाल चूमने से पहले गेंद ने गोलपोस्ट को भी सहला दिया. आधे वक्त में एक गोल की बढ़त लिए भारत दूसरे हाफ़ में पूरी मुस्तैदी के साथ नई दिल्ली के खचाखच भरे ग्राउंड में उतरा. दूधिया रोशनी से नहाए अंबेडकर स्टेडियम में थोड़ी देर बाद ही किर्गिस्तान के गोलकीपर मातियाश पावेल ने ख़तरनाक ढंग से भूटिया को गिरा दिया. इसके बाद भारत को पेनाल्टी मिल गई और दिल्ली के सुनील छेत्री ने सनसनाता गोल दाग़ दिया.

विदेशों में भी खेल चुके हैं भूटियातस्वीर: picture-alliance/ dpa

पूरे मैच के दौरान किर्गिस्तान के गोलकीपर बहुत व्यस्त रहे और उन्हें गेंद पकड़ने में काफ़ी मेहनत करनी पड़ी. भारतीय टीम के कोच बॉब ह्यूटन के लिए रविवार का दिन अच्छा रहा, जब थोड़ी बड़ी घास से भरे ग्राउंड में उनकी टीम ने सधे हुए पास के साथ फ़ुटबॉल खेला.

गेंद ज़्यादातर किर्गिस्तान के हाफ़ में ही रहा लेकिन खेल ख़त्म होने से बस कुछ ही समय पहले मेहमान टीम ने एक गोल उतार दिया और मैच 2-1 से भारत के पक्ष मे गया. सौवें मैच में गोल ठोंकने वाले भारत के कप्तान बाइचुंग भूटिया ने इसे एक सपने को सच होता बताया. 14 साल पहले नेहरू कप से ही करियर की शुरुआत करने वाले भूटिया ने कहा, "सौ मैचों में खेलना और सौवें मैच में गोल करना तो एक सपने के सच होने जैसा है. मुझे मैन ऑफ़ द मैच भी आंका गया. मैं इससे ज़्यादा क्या चाहता." उन्होंने कहा कि लगातार 14 साल तक भारत के लिए खेलना गौरव की बात है.

सिक्किम के 32 साल के भूटिया ने कहा कि पिछले कुछ साल में भारतीय फ़ुटबॉल टीम ने बहुत तेज़ी से अच्छा प्रदर्शन किया है और जापान और कोरिया जैसे देशों के लिए अब भारत को हराना आसान नहीं.

भारत ने दो साल पहले 2007 में पहली बार नेहरू कप फ़ुटबॉल ख़िताब पर कब्ज़ा किया था, जब उसने फ़ाइनल में सीरिया को हराया था. लेकिन इस बार भारत की शुरुआत ख़राब रही और वह पहला मैच लेबनान के हाथों 0-1 से हार गया. अब मिली जीत के बाद भारत को बुधवार को श्रीलंका से भिड़ना है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः ओ सिंह

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