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भेडियों के बाद भालू भी लौटेंगे जर्मनी में

१ जून २०१८

किसी भी देश के जैविक संसार में पुराने जीव जंतुओं का लौटना पर्यावरण के स्वास्थ्य का सबूत माना जाएगा. मछलियों और भेड़ियों के बाद जर्मन जंगलों में अब भालू और रीछ भी लौटेंगे.

Braunbären
तस्वीर: Getty Images/AFP/R. Roig

औद्योगिकीकरण के दौर में जंगल कटते जा रहे थे, जंगलों में रहने वाले जानवर भी नई रिहाइश की तलाश में भटक कर कहीं और चले गए थे. जब से जर्मनी ने प्राकृतिक जंगल के हिस्से को बढ़ाना शुरू किया है, भेडिये जर्मनी के जंगलों में वापस लौट आए हैं. जर्मनी के पर्यावरण सुरक्षा कार्यालय का अनुमान है कि भविष्य में रीछ और भालू भी जर्मन जंगलों में लौट आएंगे. जर्मनी के पर्यावरण सुरक्षा कार्यालय की प्रमुख बेयाटे येसेल का कहना है, "उत्तरी इटली और स्लोवेनिया में भालुओं की आबादी को देखते हुए बहुत संभावना है कि भूरे भालू कभी न कभी जर्मनी में भी रहने लगेंगे."

यूरोप और अमेरिका के कई देशों में इस बीच भेडिये और भालू इंसानों के साथ रहने लगे हैं. यह दिखाता है कि यह संभव भी है. येसेल कहती हैं, "जंगली जानवरों के मामले में थोड़ा जोखिम तो रहता ही है," लेकिन भालूओं और भेडियों के आमने सामने होने की संभावना अत्यंत कम होती है. जिन इलाकों में ये जानवर रहते हैं वहां रहने वाले लोगों को बताना जरूरी होता है कि इन जानवरों के सामने आने पर वे कैसा व्यवहार करें. इसके अलावा चरागाहों में चरने वाले पशुओं की सुरक्षा का इंतजाम भी जरूरी है, वरना इंसान और जंगली जानवरों के बीच टकराव की संभावना बढ़ा जाएगी.

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जर्मनी के पर्यावरण सुरक्षा कार्यालय की प्रमुख बेयाटे येसेल का कहना है कि गड़रियों और किसानों को सरकार से पर्याप्त वित्तीय सहायता मिलनी चाहिए ताकि वे भेड़ों और अपने जानवरों की जंगली भालुओं और भेड़ियों से रक्षा कर सकें. इंसानों को जंगली भेड़ियों और भालुओं से पहुंचने वाले खतरों को परिपेक्ष्य में देखने की मांग करते हुए येसेन ने कहा, "इसे भी देखना चाहिए कि कितने लोग जंगली सूअर और पालतू कुत्ते के हमले में घायल होते हैं या जान खोते हैं."

यूरोपीय हैबिटाट नियमों के अनुसार भालू अत्यंत संरक्षित प्रजाति है. जर्मनी में भी वह पर्यावरण सुरक्षा कानून के तहत संरक्षित है. पिछले दशकों में वह एक बार जर्मनी में दिखा है, वह भी 12 साल पहले. उस समय एक भूरा भालू उत्तरी इटली से भटककर आल्प्स पहाड़ी इलाके से होता हुआ जर्मनी में पहुंच गया था. वह पहला भालू था जो जर्मनी में खत्म होने के 171 साल बाद दिखा. लेकिन 2006 में उसे मारना पड़ा क्योंकि वह खाने की तलाश में चीजों को बर्बाद कर रहा था और उसे इंसान से कोई डर नहीं था. उसे खतरनाक माना जा रहा था.

जर्मनी में भेडियों के बसने के बाद भी इंसानों के साथ मुठभेड़ के मामले सामने आए हैं. किसान और शिकारी संगठन सरकार के हस्तक्षेप की मांग करते रहे हैं. इस समय करीब 150 वयस्क भेड़िये जर्मनी में रहते हैं. आंकड़ों में 60 बच्चों, 13 जोड़ों और 3 एकल भेडियों के होने की बात कही गई है. हार्त्स और बवेरियाई जंगलों में करीब 77 बनबिलाव भी रहते हैं.

एमजे/एके (एएफपी)

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