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भ्रष्टाचार रोकने में भारत फेलः 10 में 3 नंबर

१ दिसम्बर २०११

भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे जैसी मुहिम की भारत में कितनी जरूरत है, इसका अहसास अंतरराष्ट्रीय संस्था ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट देख कर हो सकता है. भ्रष्टाचार के मामले में भारत 95वें नंबर पर है.

तस्वीर: nootropa - Fotolia.com

साफ सुथरी छवि और कम से कम भ्रष्टाचार के लिए ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल ने 10 नंबर के स्केल पर अलग अलग देशों को अंक दिए हैं. न्यूजीलैंड ने इस बार बाजी मारी है और 9.5 अंक के साथ वह पहले नंबर पर है. यानी न्यूजीलैंड में सबसे कम भ्रष्टाचार है. दूसरे नंबर पर डेनमार्क और फिनलैंड हैं, जिन्हें 9.4 अंक मिले हैं. इसके बाद स्वीडन और सिंगापुर का नंबर है, जबकि नॉर्वे, नीदरलैंड्स, ऑस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड और कनाडा ने भी पहले 10 में जगह बना ली है. कनाडा को 8.7 अंक मिले हैं. पिछली बार इस सूची में डेनमार्क, न्यूजीलैंड और सिंगापुर तीनों ही पहले नंबर पर थे.

नीचे गिरता भारत

इस साल अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जो मुहिम छेड़ी, उसकी वजह से पूरी दुनिया में भारत के भ्रष्टाचार की बात पहुंची. लेकिन जर्मनी की राजधानी बर्लिन से जारी होने वाली ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल की सूची में पिछली बार भारत 3.3 अंकों के साथ 87वें नंबर पर था. लेकिन इस बार उसकी स्थिति और खराब हो गई है और वह गिर कर 95वें स्थान पर पहुंच गया है. 10 अंकों के स्केल पर उसके अब सिर्फ 3.1 अंक हैं यानी भारत में भ्रष्टाचार बढ़ा है.

एक तरफ भ्रष्टाचार, दूसरी तरफ अन्नातस्वीर: dapd

जहां तक भारत के पड़ोसी देशों का सवाल है, चीन को 3.6 अंक दिए गए हैं और वह 75वें नंबर पर है, जबकि पाकिस्तान में भ्रष्टाचार की स्थिति और खराब है. उसे सिर्फ 2.5 अंक मिल पाए हैं और वह 134 वें नंबर पर है. इराक 175वें और अफगानिस्तान 180वें नंबर पर है.

अरब क्रांति का असर

हाल में अरब देशों में आए बदलाव का असर इस सूची पर साफ दिख रहा है. जिन देशों में तख्तापलट हुआ है और जहां नागरिक विरोध जारी है, उनकी स्थिति बदतर हुई है. अफ्रीकी देश ट्यूनीशिया पिछले साल की सूची में 59वें नंबर पर था, जो इस साल गिर कर 73वें स्थान पर चला गया है. जनवरी, 2011 में ट्यूनीशिया से ही अरब क्रांति की शुरुआत हुई, जिसके बाद लंबे अर्से से राष्ट्रपति पद पर काबिज जैन अल आबदीन को देश छोड़ कर सऊदी अरब भागना पड़ा.

पिछले साल मिस्र 98वें नंबर पर था, जो इस साल गिर कर 112वें स्थान पर चला गया है. उसे सिर्फ 2.9 अंक मिले हैं. सीरिया दो अंक नीचे गिर कर 129वें, यमन 146वें से गिर कर 164वें और लीबिया 146 से 168वें नंबर पर चला गया है. यानी अरब के सभी देशों में बीते एक साल में भ्रष्टाचार बढ़ा है.

साफ सुथरा यूरोप

भ्रष्टाचार के मामले में पश्चिमी यूरोप के देश आम तौर पर साफ सुथरे माने गए हैं और उन्होंने शुरू में ही अपनी जगह बना ली है. आठ अंकों के साथ जर्मनी 14वें और 7.8 प्वाइंट के साथ ब्रिटेन 16वें स्थान पर है. हालांकि इटली में काफी भ्रष्टाचार है और यह 69वें नंबर पर है. अमेरिका 7.1 अंकों के साथ 24वें नंबर पर है.

उत्तर कोरिया को पहली बार इस सूची में जगह दी गई है और उसने सबसे नीचे से शुरुआत की है. सोमालिया और उत्तर कोरिया को सिर्फ एक अंक दिया गया है और वह सूची में सबसे निचले स्तर 182 वें स्थान पर हैं. इस सूची में कुल 183 देशों को शामिल किया गया है.

रिपोर्टः रॉयटर्स/ए जमाल

संपादनः ओ सिंह

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