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भ्रष्टाचार से लड़ाई आसान नहीं-अन्ना हजारे

२ सितम्बर २०११

जनलोकपाल बिल की मांग पर 12 दिनों तक अनशन और 4 दिन अस्पताल में गुजारने के बाद समाजसेवी और गांधीवादी नेता अन्ना हजारे का उनके गांव रालेगण सिद्धि में जबरदस्त स्वागत हुआ.

तस्वीर: dapd

सरकार को जनलोकपाल बिल के लिए मजबूर करने वाले अन्ना हजारे ने रालेगण सिद्धि और आसपास के लोगों को ऐतिहासिक जीत के बाद पहली बार संबोधित किया. अन्ना हजारे को सुनने के लिए हजारों की भीड़ इकट्ठा हुई थी. ग्रामसभा को संबोधित करते हुए अन्ना ने कहा, "आजादी की दूसरी लड़ाई की मशाल जल चुकी है और यह मशाल जलती रहनी चाहिए क्योंकि अभी लम्बी लड़ाई लड़नी है. "

तस्वीर: dapd

उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भी देश से सामाजिक और आर्थिक भेदभाव मौजूद है जिसे दूर करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि संविधान में बाबा साहब अम्बेडकर ने जो सपना देखा वह पूरा नहीं हुआ है. अमीर और गरीब के बीच अंतर खत्म होना चाहिए. उन्होंने कहा, "समाज में किसी के पास कुछ भी नहीं है और किसी को सबकुछ मिल गया."

भ्रष्टाचार से लड़ाई आसान नहीं

अन्ना हजारे ने अपने आंदोलन को मिले समर्थन पर कहा कि इस आंदोलन के जरिए देश की जनता एकजुट हुई है. उनके मुताबिक देश भर में लोग धर्म-जाति, अमीरी-गरीबी से ऊपर उठकर साथ खड़े हुए हैं. शिक्षा के व्यवसायीकरण पर अन्ना हजारे ने कहा कि शिक्षा का व्यवसायीकरण हो गया है जिसकी वजह से देश का सही विकास नहीं हो पा रहा है. स्कूलों में बच्चों को दाखिला दिलाने के लिए रिश्वत देनी पड़ती है.

हजारे ने कहा कि आज सत्ता केंद्रित हो गई है. सत्ता कुछ चुनिंदा हाथों में है. लोकतंत्र और जनतंत्र का मतलब है जो जनता चाहे लेकिन यह तो नौकरशाही है. इसे हमें जनतंत्र बनाना होगा. सत्ता का विकेंद्रीकरण करना होगा. हजारे ने भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिए लड़ाई आसान नहीं है. इसके लिए जनता को जागना होगा और सरकार को हिलाना होगा.

"भ्रष्टाचार को रोकने में लोकपाल सक्षम नहीं"

भ्रष्टाचार रोकने पर जारी बहस के बीच मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) ने कहा है कि भ्रष्टाचार से निपटने के लिए लोकपाल का गठन काफी नहीं है. सीपीएम महासचिव प्रकाश करात ने कहा है कि देश में चुनाव सुधार और भूमि सुधार कानून बनाने की जरूरत है.

तस्वीर: UNI

कारपोरेट कंपनियों की तरफ से होने वाले भ्रष्टाचार से निपटने के लिए कड़े कानून की जरूरत है. दिल्ली में एक विरोध रैली को संबोधित करते हुए सीपीएम नेता करात ने यूपीए की सरकार पर आरोप लगाया कि वह आजाद भारत की "सबसे भ्रष्ट" सरकार है. करात ने कहा "हर रोज एक नए घोटाले का पर्दाफाश हो रहा है."

उन्होंने कहा देश को ऐसे कानूनों की जरूरत है जो न्यायपालिका में भ्रष्टाचार से निपटे, भूमि सुधार और चुनाव सुधार को दुरुस्त करें. करात ने कहा, "हमें एक कड़े लोकपाल की जरूरत है. लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में सिर्फ एक लोकपाल से काम नहीं चलेगा."

करात के मुताबिक सरकारी बिल में भ्रष्ट कॉरपोरेट प्रथाओं को लोकपाल के दायरे में लाने का कोई प्रावधान नहीं है. और न  ही लोकपाल के तहत पूरी नौकरशाही को लाने का प्रावधान है. करात ने कहा, "सरकार हजारों एकड़ भूमि का अधिग्रहण कर रही है. अकेले लोकपाल जमीन अधिग्रहण से जुड़े मुद्दे से निपटने में मददगार साबित नहीं होगा. हमें इसके लिए कड़े भूमि सुधार कानून की जरूरत है."

लोकसभा अध्यक्ष के सचिव को हटाया

दूसरी ओर भ्रष्टाचार से जुड़े के एक मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई)  ने शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के सचिव ए पी पाठक के दिल्ली और लखनऊ स्थित घरों पर छापे मारे.

तस्वीर: UNI

छापे आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में मारे गए. सीबीआई ने पाठक के खिलाफ एक केस दर्ज किया है जिसके बाद छापे की कार्रवाई की गई. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक  केन्द्रीय सतर्कता आयोग ने आय से अधिक मामले में पाठक के खिलाफ केस सीबीआई को सौंपा था. सीबीआई की छापेमारी के बाद पाठक को उनके पद से हटा दिया गया है.

लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार की मीडिया सलाहकार राखी बख्शी ने एक बयान में कहा, "ए पी पाठक को तत्काल प्रभाव से लोकसभा अध्यक्ष के कार्यालय से हटाया जा रहा है." बख्शी ने बताया पाठक को उनके मूल विभाग सडक, परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय से पूरी पूछताछ और छानबीन के बाद तीन महीने पहले अध्यक्ष के कार्यालय में सचिव नियुक्त किया गया था.

रिपोर्ट:एजेंसियां / आमिर अंसारी

संपादन: महेश झा

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