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मंगल पर कॉलोनी बसाने वाले ब्रैडबरी का निधन

७ जून २०१२

1947 में आजाद होने के बाद, विभाजन का दर्द झेलता हुआ भारत जिस समय अपने पैरों पर चलने की कोशिश कर रहा था. अमेरिका में उस समय साइंस फिक्शन का जमाना था. और इस विधा का एक बड़ा नाम, रे ब्रैडबरी.

तस्वीर: Reuters

1950 में मंगल पर जाने की कल्पना करने वाले और इसे 'द मार्शियन क्रॉनिकल' में लिखने वाले रे ब्रैडबरी का लॉस एंजेलेस में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वह 91 साल के थे. ब्रैडबरी के लेखन में भविष्य की ओर नजर होती लेकिन साहित्यिक संवेदनशीलता भी. 500 से भी ज्यादा किताबें लिखने वाले ब्रैडबरी की शानदार किताबों में 'फेरनहाइट 451' भी शामिल है. एक ऐसा उपन्यास जो भविष्य के समाज में सेंसरशिप की बात करता है. वहीं 'द इलस्ट्रेटेड मैन' एक ऐसे आदमी की कहानियां हैं जिसके शरीर पर टैटू दूसरी दुनिया की किसी औरत ने बनाए हैं. वहीं 'समथिंग विकेड दिस वे कम्स' हॉरर और फैंटेसी का मिश्रण हैं.

ब्रैडबरी कहते थे कि साइंस फिक्शन लेखक के तौर पर उनका लक्ष्य सिर्फ भविष्य के बारे में बताना नहीं था बल्कि इसे रोकने की इच्छा रखते थे. इसी तरह की एक किताब उन्होंने 1953 में लिखी 'फैरनहाइट 451'. यह किताब एक ऐसे समाज के बारे में बताती है जो सर्वाधिकारवादी और अबौद्धिक है. जहां एक फायरमैन सारी किताबें जला देता है. किताब का शीषर्क उस तापमान को बताता है जिस पर कागज जलता है.

यूसीएलए लाइब्रेरी में बैठ कर किराए पर लिए लैपटॉप पर लिखा यह उपन्यास आज के समाज को दिखाता है जिसमें दिवारों जितने बड़े इंटरेक्टिव टीवी हैं, कानों में लगे कम्यूनिकेशन सिस्टम और हर जगह मौजूद विज्ञापनों की भरमार है.

ब्रैडबरी ने एक बार 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' से बातचीत में कहा था, "साइंस फिक्शन में हम सपना देखते हैं. अंतरिक्ष में कॉलोनी बनाने, वहां शहर बसाने के लिए. कई मुश्किलों का सामना करने के लिए हमें भविष्य की कल्पना करना होगी और इसके लिए जरूरी नई तकनीक के बारे में भी, साइंस फिक्शन यह बताने का भी बढ़िया तरीका है कि आप लिख तो भविष्य के बारे में रहे हैं लेकिन सच में आप अभी गुजरे कल और वर्तमान पर वार कर रहे हैं."

जाने माने ब्रैडबरी

ब्रैडबरी की मृत्यु पर शोक जताते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा, "ब्रैडबरी के गुजरने की खबर के साथ अनेक चित्र उभर आए जो हमारे युवा मन पर उनके लेखन से बने थे. उनकी कहानी कहने की कला ने हमारी संस्कृति और दुनिया को व्यापक किया. इतना ही नहीं रे ने समझा कि हमारी कल्पना को समझ बढ़ाने के लिए और बदलाव के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. इसमें कोई शक नहीं कि रे कई और पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे." वहीं साइंस फिक्शन फिल्मों के जाने माने निर्देशक स्टीवन स्पीलबर्ग कहते हैं, "मेरे अच्छे साइंस फिक्शन करियर की वह प्रेरणा थे. वह अपने प्रशंसकों की एक पूरी पीढ़ी में जिंदा हैं. साइंस फिक्शन, फैंटसी और काल्पनिक दुनिया में वह अमर हैं."

अमेरिकी साइंस फिक्शन का बड़ा नाम रे ब्रैडबरीतस्वीर: AP

तकनीक से दूर

अपनी किताबों में भविष्य के समाज और मंगल पर जाने की बात करने वाले ब्रैडबरी इंटरनेट बिलकुल पसंद नहीं करते थे. एक एक्सीडेंट को देखने के बाद उन्होंने कभी कार चलाना नहीं सीखा और कई साल तक हवाई उड़ान से बचते रहे. ब्रैडबरी इलिनॉयस के वॉकेगन में पैदा हुए और किशोर के तौर पर लॉस एजेंलस आ गए, वह एडगर राइस बरोस के 'टारजन' से बहुत प्रभावित थे. हॉलीवुड के आस पास बड़ी हस्तियों के ऑटोग्राफ लेने के लिए घूमते रहते. वह कभी कॉलेज नहीं गए लेकिन लाइब्रेरी में ढेरों किताबें पढ़ डाली. फिर उन्होंने सस्ती मैगजीन के लिए लिखना शुरू किया. सत्तर साल के उनके करियर में और मशहूर किताबें 'डैंडेलियन वाइन', 'आई सिंग द बॉडी इलेक्ट्रिक', 'फ्रॉम द डस्ट रिटर्न्ड' शामिल हैं. इसके अलावा उन्होंने कई कविताएं, निबंध, ओपेरा, नाटक, टेली प्ले और स्क्रीन प्ले भी लिखे.

दूरदर्शिता के कारण ब्रैडबरी को नासा में लैक्चर देने बुलाया गया. डिज्नी ने फ्लोरिडा में एप्कॉट सेंटर डिजाइन करने से पहले उनकी सलाह ली.

रिपोर्टः आभा मोंढे (रॉयटर्स, एएफपी)

संपादनः ईशा भाटिया

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