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मंत्री की हत्या, तालिबान ने ली जिम्मेदारी

२ मार्च २०११

पाकिस्तान के केंद्रीय मंत्री शहबाज भट्टी की इस्लामाबाद में हत्या कर दी गई है. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री शहबाज भट्टी पर जानलेवा हमला हुआ, जिसके बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई. तालिबान ने हत्या की जिम्मेदारी ली.

तस्वीर: AP

अब तक मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के पास हमलावरों ने उनकी गाड़ी पर हमला किया और उन पर गोलियां चलाईं. भट्टी ईसाई समुदाय से ताल्लुक रखते थे और सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री थे.

पाकिस्तान में तालिबान चरमपंथियों ने भट्टी की हत्या की जिम्मेदारी कबूलते हुए उन्हें ईशनिंदक बताया है. तालिबान के मुताबिक भट्टी कानून में संशोधन की बात कर रहे थे और इसीलिए उन्हें मार डाला गया. एक अज्ञात स्थान से न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया गया है कि भट्टी की हत्या इसलिए हुई क्योंकि सलमान तासीर की तरह वह भी ईशनिंदक थे. पुलिस अधिकारी मोहम्मद इकबाल ने बताया कि भट्टी जैसे ही घर से निकले, उन पर गोलियां चला दी गईं. वह उदारवादी नेता समझे जाते थे और वह पाकिस्तान के विवादित ईशनिंदा कानून के खिलाफ थे. हाल ही में उन्होंने पाकिस्तान के विवादित आसिया बीबी मामले में बयान दिया था और कहा था कि उसे माफ कर दिया जाना चाहिए. उसके बाद से उन्हें जान से मारने की धमकी मिलने लगी थी. अभी इस बात का पक्का पता नहीं लग पाया है कि इस हमले में क्या किसी और को चोट पहुंची है. बताया जाता है कि उन पर करीब 20 गोलियां चलाई गईं.

सूत्रों के मुताबिक हमले के बाद 45 साल के भट्टी को अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल सूत्रों के मुताबिक वहां पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई. पाकिस्तानी मीडिया का कहना है कि हमले के बाद घटनास्थल के पास से कुछ पोस्टर मिले हैं, जिसमें कहा गया है कि जो भी ईशनिंदा कानून का विरोध करेगा, उसका यही हश्र होगा. सरकार ने अभी तक इस मामले में कोई बयान नहीं दिया है.

पाकिस्तान में हाल ही में कैबिनेट में बड़ा फेरबदल हुआ था, जिसके बाद मंत्रियों की संख्या कम की गई थी. शहबाज भट्टी को इसके बाद ही अल्पसंख्यक मामलों का मंत्री बनाया गया.

इस बीच पाकिस्तान की प्रमुख मानवाधिकार कार्यकर्ता आसमां जहांगीर ने भट्टी को एक साफ सुथरा नेता बताया. पाकिस्तान के एक प्रमुख टेलीविजन चैनल से बातचीत में जहांगीर ने कहा कि भट्टी ने किसी की तौहीन नहीं की थी और जिन लोगों ने उन पर हमला किया है, वे पाकिस्तान को बदनाम कर रहे हैं. आसमां जहांगीर ने कहा, "जो लोग ऐसे हमले कर रहे हैं, सरकार को उन्हें पकड़ना चाहिए. सरकार उनसे डर कर छिपी बैठी है."

पाकिस्तान में दो महीने के अंदर यह दूसरी बड़ी हत्या है. इससे पहले पंजाब प्रांत के गवर्नर उदारवादी नेता सलमान तासीर की हत्या उन्हीं के बॉडीगार्ड ने कर दी थी. तासीर भी ईशनिंदा कानून का विरोध करने वालों में शामिल थे.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः ईशा भाटिया

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