मंथन में पवन चक्कियों की मरम्मत
८ अगस्त २०१३विज्ञान:
टीवी खराब हो जाता है तो हम मैकेनिक को बुला लेते हैं, गाड़ी में खराबी आए तो उसे वर्कशॉप में ले जाते हैं, लेकिन अगर बिजली बनाने वाली, बड़ी सी पवन चक्की यानी विंड मिल खराब हो जाए, तो उसकी मरम्मत कैसे होगी और होगी भी या नहीं? यही दिखा रहे हैं हम आपको मंथन में इस हफ्ते. जर्मनी के बोखुम शहर में आइकहोफ कंपनी ऐसी मशीनें रिपेयर करती है. नट बोल्ट में अगर जंग लग जाए, तो उन्हें सिर्फ हाइड्रोलिक तकनीक से ही निकाला जा सकता है. और क्या बताते हैं कंपनी में काम करने वाले देखिए मंथन में.
पवन चक्की तो बिजली बनाने के लिए तैयार हो गयी, लेकिन खराबी अगर बिजली ग्रिड के तारों में ही हो जाए, तो? करीब चार लाख वोल्ट की तार की मरम्मत बहुत पेचीदा काम तो है ही, पायलट और इंजीनियरों के लिए बेहद जोखिम भरा भी है. मंथन की एक रोमांचक रिपोर्ट में आप देखेंगे कि नुकसान बचाने के लिए हाई वोल्टेज लाइन को कैसे ठीक किया जाता है. हेलीकॉप्टर के नीचे एक बास्केट में बैठ कर इंजीनियर उस जगह जाते हैं और हवा में ही उस लाइन को ठीक कर देते हैं. पायलट और इंजीनियरों के लिए यह जोखिम भरा काम होता है.
स्वास्थ्य:
बाजार में जब आप फल सब्जी लेने जाते हैं, तो जरूर इस बात पर बहुत ध्यान देते होंगे कि वो ताजे हों. लेकिन हर सब्जी ना जाने कितनी दूर से मंगाई जाती है और कितने ही दिन जहाज और ट्रकों में सफर तय करती है. ताजा सब्जी तो तभी मिल सकती है अगर आप सीधे खेतों से खरीदें, या फिर किसान पास के सुपरमार्केट या मंडियों को अपना सामान सीधे बेचें. जर्मनी में इन दिनों लोकल फूड मूवमेंट चल रहा है ताकि लोगों को पास में उपजा माल मिल सके. मंथन में हम आपको इसके बारे में बता रहे हैं.
खाने में नमक ठीक से नहीं लेंगे, तो थायरॉयड की दिक्कत होने लगेगी. थायरॉयड क्या है, इसे बेहतर ढंग से समझने के लिए इस बार मंथन में बात होगी देबाशीष मन्ना से जो इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस में थायरॉयड की नई किस्म की दवाएं बनाने में जुटे हैं.
जीवनशैली:
लड़कियों को गहनों का बहुत शौक होता है, बाजार में जो नया ट्रेंड आए वो झट से उसे खरीद लेती हैं. लकड़ी के कंगन भारत के लिए कोई नई बात नहीं. कॉलेज जाने वाली लड़कियों में तो ये खासतौर से बहुत लोकप्रिय हैं. लंदन की डिजायनर बेथान लॉरा ऐसी लकड़ी से कंगन बना रही हैं जो आम तौर पर घरों के फर्श पर लगती है. इसके साथ वह उन कलाकारों और डिजाइनरों में शामिल हो गई हैं जो रोजमर्रा के सामान से कुछ अलग बनाते हैं.
बागों में आपको बुजुर्ग लोग अकसर शॉर्टपुट जैसे गेंद के साथ खेलते दिख जाएंगे. मूल रूप से फ्रांस का यह खेल पांडिचेरी में भी खेला जाता है. ये गेंद धातु की होती हैं और बहुत भारी होती हैं, इसलिए इन्हें खेलने के लिए खुली जगह की जरूरत होती है, जो आज कल शहरों में कम ही मिलती है. जर्मनी के कोलोन शहर में रहने वाले टीमो बेलो ने दिमाग चलाया और सोचा कि गेंदों को धातु की बजाए कपड़े से बनाया जाए तो शहर में भी इन से खेला जा सकेगा.
यह सब है इस बार के मंथन में जो दूरदर्शन के नेशनल चैनल पर शनिवार सुबह 10:30 बजे आएगा.
रिपोर्ट: ईशा भाटिया/एस एफ
संपादन: एन रंजन