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मंथन में रोबोट भरेगा उड़ान

३१ मई २०१३

जर्मनी में ऐसी मशीन तैयार की गयी है जो हूबहू परिंदों की तरह उड़ सकती है. स्मार्टबर्ड नाम के इस उड़ने वाले रोबोट पर रहेगी मंथन में हमारी नजर. साथ ही खूबसूरत लैम्प और अप-साइक्लिंग वाला फर्नीचर भी जीतेगा आपका दिल.

तस्वीर: Kevin Ma/Pakpong Chirarattananon

इंसान कुदरत से बहुत कुछ सीखता है और अक्सर उसकी नकल करने की भी कोशिश करता है. मशीनों में कुदरत का रंग घोलते घोलते रोबोट बन गए. जर्मनी में एक ऐसा रोबोट तैयार किया गया है जो हूबहू पक्षियों की तरह उड़ान भरता है. महज 450 ग्राम के इस रोबोट को स्मार्ट बर्ड का नाम दिया गया है. दो मीटर लम्बे इस स्मार्ट बर्ड को देख कर इस बात का यकीन ही नहीं होता कि यह परिंदा नहीं मशीन है.

ज्यादातर लोग चूमते वक्त अपना सर दाहिनी तरफ घुमाते हैं.तस्वीर: Eros International Ltd. / Shree Ashtavinayak

कैसे चूमते हैं कबूतर?

साथ ही परिंदों से सीख ले कर समझेंगे इंसानी दिमाग को. पक्षी भी इंसानों की ही तरह सोच समझ रखते हैं, कम से कम कबूतरों का दिमाग तो काफी हद तक इंसानों की ही तरह काम करता है. यहां तक कि शायद वह प्यार का इजहार भी इंसानों की ही तरह करते हैं. ज्यादातर लोग चूमते वक्त अपना सर दाहिनी तरफ घुमाते हैं. यह जेनेटिक इम्पल्स है जो मां के गर्भ में ही विकसित हो जाता है. क्या कबूतर भी चोंच लड़ाते वक्त अपना सर दाहिनी ओर घुमाते हैं, इसका जवाब आपको मिलेगा मंथन के ताजा अंक में.

इसके अलावा आपको दिखाएंगे बर्लिन में बन रहे खूबसूरत लैम्प. जानिए ऐसा क्या खास है कागज के इन लैम्प में कि लोग इनके लिए तीन लाख रुपए तक दे रहे हैं. साथ ही बात होगी अप-साइक्लिंग वाले फर्नीचर की. पश्चिमी देशों में जब घर का सामान पुराना हो जाता है तो अक्सर उसे फेंक दिया जाता है, फिर वह भले ही घर का फर्नीचर हो या फिर गाड़ी के पुर्जे. इन पुरानी चीजों को मशीन में डाल कर नष्ट किया जाता है और फिर इन्हें दोबारा इस्तेमाल यानी रिसाइकल करने के लायक बनाया जाता है. लेकिन अप-साइक्लिंग क्या है, यह जानकारी भी आपको मंथन में ही मिलेगी.

कागज के एक लैम्प कि कीमत तीन लाख रुपए है.तस्वीर: picture alliance / dpa

फुटबॉल से पर्यावरण

इन रोमांचक रिपोर्टों के साथ साथ मंथन में जानिए कि पर्यावरण को बचाने के लिए दुनिया में कौन कौन सी पहल हो रही है. पर्यावरण को बचाने के लिए, गंदगी हटाने के लिए दुनिया भर में कई कंपनियों ने अरबों डॉलर का निवेश किया हुआ है. पर कुछ नेक काम खेल खेल में ही हो जाते हैं. नामीबिया के बैंक एफएनबी और फुटबॉल क्लब ग्लोबल यूनाइटेड ने मिल कर एक ऐसी ही पहल की है. क्लाइमेट किक 2013 के नाम से चौथी बार देश में खेलों का आयोजन किया जा रहा है और बच्चों को पर्यावरण की अहमियत समझायी जा रही है. साथ ही महेश झा से जानेंगे कि जर्मनी में सेलेब्रिटी और बड़ी हस्तियों के बीच समाज सुधार को ले कर किस तरह की परंपरा है. इस पूरी जानकारी के लिए जरूर देखें मंथन शनिवार सुबह 10.30 बजे डीडी-1 पर. मंथन को ले कर आपके सुझावों और आपकी प्रतिक्रियाओं का हमें इंतजार रहेगा.

रिपोर्ट: ईशा भाटिया

संपादन: आभा मोंढे

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