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मंथन में 173 में खास

१६ मार्च २०१६

मंथन में इस बार जानेंगे कि सुनने की समस्या का बेहतर निदान करने के लिए क्यों रोशनी की मदद ले रहे हैं वैज्ञानिक. साथ ही जानेंगे मस्तिष्क के जटिल राजों और अंडमान द्वीप समूह के कामयाब सिस्टम को.

Indien Frauen Rikschas
तस्वीर: Getty Images/AFP/N. Seelam

सुनने में मुश्किल को अब बीमारी की तरह नहीं देखा जाता. लोग ठीक से सुनने के लिए हीयरिंग एड का इस्तेमाल करते हैं. समस्या गंभीर हुई तो कान के अंदर इंप्लांट हीयरिंग एड का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें एक माइक्रोफोन सिग्नल रिसीव करता है और उसे ट्रांसप्लांट किए गए इलेक्ट्रोड पर ट्रांसफर कर देता है, जो सुनने वाली नर्व को स्टीमुलेट करता है. जर्मन वैज्ञानिक अब सुनने की ताकत को बेहतर बनाने के लिए कान के अंदरूनी हिस्से में एक छोटा लाइट इम्प्लांट करना चाहते हैं.

जब स्मृति जुदा हो जाए

अपनी जिंदगी के तजुर्बों को हम याद का नाम देते हैं. इसमें सिर्फ तस्वीरें ही नहीं, उनके साथ के जज्बात भी हमारे दिमाग में स्टोर होते रहते हैं. यादों को सहेजने का यह सिलसिला तीन साल की उम्र से शुरू हो जाता है. इनकी मदद से हम अपने बारे में राय बनाते हैं, हम जानते हैं कि हम कहां से आए हैं, कौन हैं और क्या चीज हमें दूसरों से अलग करती है. लेकिन क्या होगा अगर हम चीजों को याद नहीं रख पाएं, अगर हमारी यादें ही नहीं होंगी.

मंथन 173 में खास

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इलेक्ट्रिक टेम्पो से 20,000 किलोमीटर का सफर

आइडियाज पर कोई पाबंदी नहीं होती. बस उन्हें अमल में लाना मुश्किल होता है और यही असली चुनौती भी है. यूरोप के तीन छात्रों ने भी एक चैलेंज लिया. बैंकॉक से टुलूस तक का सफर उन्होंने एक थ्री व्हीलर पर किया और वह भी एक मकसद के साथ.

अंडमान से सीख

भारत की आबादी का बड़ा हिस्सा गुजरात से लेकर बंगाल तक समुद्र तट से लगे इलाकों में रहता है. इन तटों पर इकोसिस्टम को लगातार इंसानी गतिविधियों की वजह से नुकसान पहुंच रहा है. अंडमान द्वीप समूह में वन अधिकारी सीख रहे हैं कि जैविक विविधता को किस तरह से बचाया जा सकता है.

जिंदा होती कैलीग्राफी

किसी जमाने में स्लेट पर लिखना सिखाया जाता था. अब ऐसा कम ही देखने को मिलता है. बेहद पुरानी चिट्ठियां निकाल कर देखें, तो पाएंगे कि भाषा कोई भी हो, लोगों की लिखावट बहुत ही अच्छी हुआ करती थी और अब कंप्यूटर के जमाने में बच्चे ठीक से पेन भी नहीं पकड़ पाते हैं. कैलिग्राफी, यानि हाथ से सुंदर अक्षर लिखने की कला को तो मरा मान लिया गया था, लेकिन डिजीटल एज में उसकी एक बार फिर वापसी हो रही है.

देखना ना भूलें 'मंथन' शनिवार सुबह 11 बजे डीडी नेशनल पर.

आईबी/ओएसजे

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