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मजदूरी 77 फीसदी बढ़ाने का प्रस्ताव

५ नवम्बर २०१३

बांग्लादेश वेतन बोर्ड ने कपड़ा फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों के वेतन में 77 फीसदी बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव दिया है. इस साल बांग्लादेश में कपड़ा फैक्ट्रियों में हुए हादसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता का विषय बने रहे.

तस्वीर: AFP/Getty Images

बांग्लादेश दुनिया में दूसरे नंबर पर सबसे बड़ा कपड़ा निर्यातक देश है. सितंबर में कपड़ा मजदूर छह दिनों के लिए हड़ताल पर चले गए, जिससे देश की 3200 फैक्ट्रियों के करीब 20 फीसदी उत्पादन को नुकसान हुआ. वेतन में इजाफे की मांग के चलते इस साल कई और हड़तालें और प्रदर्शन भी हुए. इस महीने के आखिर तक फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूरों के वेतन में बढ़ोतरी के एलान की उम्मीद की जा रही है.

फैक्ट्री मालिकों ने प्रारंभ में 3600 टका प्रतिमाह वेतन का प्रस्ताव दिया था, जो कई बैठकों के बाद 4200 तक पहुंचा, लेकिन बांग्लादेश वेतन बोर्ड ने इसे बढ़ा कर मासिक 5300 टका (68 डॉलर) वेतन करने का प्रस्ताव रखा है.

बोर्ड अध्यक्ष एके रॉय ने कहा, "बोर्ड ने यह राशि मजदूरों और फैक्ट्री मालिकों, दोनों को ध्यान में रख कर तय की है." वेतन बोर्ड के प्रस्ताव पर अब श्रम एवं रोजगार मंत्रालय गौर करेगा.

बांग्लादेश हर साल दुनिया भर में कपड़ों के निर्यात से करीब 20 अरब डॉलर कमाता है. यहां से ज्यादातर निर्यात अमेरिका और यूरोप के देशों में होता है. बांग्लादेश में कपड़ा फैक्ट्रियों में करीब 40 लाख लोग काम करते हैं जिसमें ज्यादातर महिलाएं हैं.

बांग्लादेश में इस साल राना प्लाजा हादसे में सैकड़ों जानें चली गईंतस्वीर: Getty Images/AFP/STRDEL

सभी का हित देखें

मजदूरों के वेतन को लेकर होने वाले समझौते में सभी पहलू अहम हैं, विदेशी फैशन कंपनियां, फैक्ट्री मालिकों के राजनीतिक संपर्क और हड़ताल करते मजदूर. अगले साल बांग्लादेश में चुनाव भी होने जा रहे हैं. इस बीच ऐसा फैसला बहुत अहम है जो सभी के हित में और संतुलित हो.

2012 में भी बांग्लादेश में मजदूरों ने वेतन में इजाफे के लिए कई बार हड़ताल की लेकिन तब सरकार ने इन पर गौर नहीं किया. इस साल ढाका के पास राणा प्लाजा फैक्ट्री ढह जाने से 1100 से ज्यादा मजदूर मारे गए, वहीं पिछले साल नवंबर में एक फैक्ट्री में आग लग जाने से 112 लोगों की मौत हो गई थी. इसके अलावा यहां हुए दूसरे हादसों के चलते भी दुनिया भर में बांग्लादेश में मजदूरों के अधिकारों को लेकर चर्चा छिड़ी रही. इससे सरकार पर भी दबाव पड़ा है.

मई में राणा प्लाजा हादसे के बाद सरकार ने एक बोर्ड का गठन किया. बोर्ड में मजदूरों का प्रतिनिधित्व कर रहे सिराजुल इस्लाम रोनी ने कहा, "हमारी कोशिश रहेगी कि फैक्ट्री मालिक बिना किसी विरोध के इसे स्वीकार कर लें, वरना कपड़ा निर्माण क्षेत्र को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है." वहीं बांग्लादेश के फैक्ट्री मालिकों और निर्यातक संघ के प्रतिनिधि अरशद जमाल दीपू मानते हैं कि 77 फीसदी बढ़ोतरी ज्यादा है. उन्होंने कहा, "हम सरकार से अपील करेंगे कि वे हमारे सामर्थ्य को भी ध्यान में रखें, केवल भावनाओं में आकर या राजनीतिक कारणों से फैसला ना लें."

बांग्लादेश में मजदूरों का वेतन दुनिया में सबसे कम वेतन में शामिल है. अंतरराष्ट्रीय श्रमिक संगठन की रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल बांग्लादेश में फैक्ट्री मजदूरों का वेतन दूसरे एशियाई निर्यातक देशों कंबोडिया और वियतनाम के मुकाबले आधा है. जबकि चीन के मुकाबले एक चौथाई है.

एसएफ/एएम (रॉयटर्स,एपी)

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