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मजबूत हावडा ब्रिज को थूक से खतरा

१७ जुलाई २०१०

26 हजार टन स्टील से बना कोलकाता का मशहूर हावड़ा ब्रिज खतरे में है. एक दिन में एक लाख गाड़ियों को अपने ऊपर से गुजारने की ताकत रखने वाले इस पुल के लिए खतरा बन गया है इंसान का थूक.

रोशनी में नहाया हुआ हावड़ा ब्रिजतस्वीर: AP

हावड़ा ब्रिज को दुनिया के सबसे अच्छे कैंटिलीवर पुलों में शामिल किया जाता है. हुगली नदी पर खड़ा यह पुल चंद खंभों पर टिका है. लेकिन इंजीनियरों का कहना है कि इन खंभों को अब जंग लगने लगा है. और इस जंग की वजह है पान. इस पुल से रोजाना लाखों लोग पान चबाते हुए गुजरते हैं और थूकते हुए निकल जाते हैं. कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के चीफ इंजीनियर अमल कुमार मेहरा बताते हैं कि जिन खंभों पर पुल टिका है उनमें से कुछ के आधार की मोटाई तो पिछले तीन साल में आधी रह गई है. मेहरा कहते हैं कि यह चिंता की बात है और रिपेयर के लिए पुल को बंद करना पड़ सकता है.

विशेषज्ञ मानते हैं कि पान में ऐसी चीजें होती हैं जो बेहद खतरनाक किस्म के यौगिक बना सकती हैं और स्टील को खत्म कर सकती हैं. कोलकाता की सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैब के डाइरेक्टर चंद्रनाथ भट्टाचार्य बताते हैं कि थूक के साथ मिलकर पान में मौजूद चीजें स्टील पर एसिड सरीखा असर छोड़ती हैं.

हावड़ा ब्रिज अंग्रेजों के राज के दौरान बनवाया गया था. इसे 1943 के फरवरी महीने में ट्रैफिक के लिए खोला गया. यह पुल 2,300 फुट लंबा है. गर्मी के दिनों में इसकी लंबाई 3 फुट तक बढ़ सकती है. इसका शानदार स्ट्रक्चर अब कोलकाता की पहचान बन चुका है.

यह पुल बेहद मजबूत है और बरसों से बंगाल की खाड़ी के तूफानों को सहन कर रहा है. यही नहीं, 2005 में एक हजार टन वजनी कार्गो जहाज इससे टकरा गया था, तब भी पुल का कुछ नहीं बिगड़ा था. लेकिन इंसान की एक छोटी सी लापरवाही को यह सहन नहीं कर पा रहा है. टैनिन के मिश्रण वाला थूक इसका दुश्मन बन गया है.

कोलकाता के पुलिस प्रमुख गौतम मोहन चक्रवर्ती कहते हैं कि उनके जवान पुल पर थूकने के लिए रोजाना दर्जनों लोगों पर जुर्माना लगाते हैं. लेकिन यहां से लगभग 5 लाख लोग रोज गुजरते हैं, इसलिए पुलिस हर आदमी को थूकने से रोक नहीं सकती. चक्रवर्ती कहते हैं कि इसके लिए हमें एक अभियान की जरूरत है, जिसके जरिए लोगों में पुल की अहमियत को लेकर जागरुकता पैदा हो सके.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ए कुमार

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