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मजे के अलावा भी बहुत कुछ है फ्लर्टिंग

१६ नवम्बर २०१०

लड़के लड़कियों का एक दूसरे से प्यार जताना और चुहल सिर्फ मजा लेने की ही चीज नहीं. फ्लर्टिंग आपके लिए बहुत काम की साबित हो सकती है. एक नई रिसर्च तो ये भी कहती है कि फ्लर्टिंग आपकी रोमांटिक जिंदगी की कहानी तय करती है.

तस्वीर: DW/Khalid El Kaoutit

बार में अकेले बैठे किसी अजनबी की ओर आपका झुकाव और फिर उसे पास बुलाने के लिए की गई पहल या फिर यूं ही अकेले बैठ कर उस अजनबी के अपनी ओर आने का इंतजार इन दोनों के बीच का अंतर कोई जान ले तो वो रिश्तों के चक्रव्यूह को समझने की तरकीब जाने लेगा.

कंसास यूनिवर्सिटी में कम्युनिकेशन स्टडीज के प्रोफेसर जेफरी हॉल तो यहीं मानते हैं. जेफरी ने हाल ही में डेटिंग पर जाने वाले लोगों की फ्लर्टिंग के स्टाइल पर एक रिसर्च पूरी की है. रिसर्च के दौरान उन्होंने करीब 5,100 लोगों से उनके रोमांस के दौरान की बातचीत और हरकतों के बारे में बात की.

तस्वीर: AP

हॉल कहते हैं, "किसी के बारे में अपने आकर्षण को बताने का तरीका ये जाहिर कर देता है कि पिछले रिश्ते में उसकी क्या चुनौतियां रही." हॉल ये भी मानते हैं," इस बारे में लोगों की जागरुकता उन्हें गलतियों से बचा सकती है और प्रेम संबंधों में उन्हें सफलता दिलाने में मददगार साबित होगी."

हॉल के मुताबिक मुख्य रूप से फ्लर्टिंग के पांच तरीके होते हैं. पहला है शारीरिक इसमें लोग अपने प्रेमी को अपने यौन इच्छाओं का अहसास दिलाते हैं और अमूमन जल्दी ही रिश्ता बनाने में कामयाब हो जाते हैं. ऐसा करने वालों के बीच बेहतर यौन संबंध होते हैं और अपने साथी के लिए ज्यादा भावनात्मक जुड़ाव भी.

पारंपरिक फ्लर्टिंग में ये माना जाता है कि लड़कों को पहल करनी चाहिए जबकि लड़कियां कुछ कम सक्रियता दिखाएं. ऐसी स्थितियों में अगर दोनों साथी खुश हों तो रिश्ता ज्यादा गहरा बनता है.

कुछ लोग फ्लर्टिग करते वक्त बहुत संजीदा और चौकस रहते हैं, वो साथी के साथ अच्छे तरीके से पेश आते हैं और अपनी यौन इच्छाओं को दूसरो पर जाहिर करने से बचते हैं वो जल्दी से आगे भी नहीं बढ़ना चाहते. किसके साथ फ्लर्ट करना है उसका चुनाव भी बड़ी सावधानी से करते हैं इतना ही नहीं अपने साथी में दिलचस्पी जाहिर करने में आमतौर पर बहुत ज्यादा समय लेते हैं, औरों से कुछ अलग करना और रिश्तों को अच्छी तरह से बनने देना इनकी ख्वाहिश होती है. फ्लर्टिंग का ये तरीका तीसरी तरह का है जिसे जेफरी ने पोलाइट फ्लर्टिग की श्रेणी में डाला है.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

चौथी श्रेणी के लोग भी कुछ कुछ पोलाइट फ्लर्टिंग के जैसे ही होते हैं. वो अपने साथी के साथ भावनात्मक जुड़ाव को सबसे ज्यादा अहमियत देते हैं. इनका बहुत गहराई से ये मानना होता है कि साथी से निजी बातचीत रोमांस को आगे बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका है और ये लोग फ्लर्टिंग के दौरान बहुत जल्दी कामयाब होते है, इन्हें खुद पर भरोसा होता है और बहुत जल्दी किसी रिश्ते की अहमियत को पहचान लेते हैं. ये फ्लर्टिंग का ईमानदार तरीका है.

बहुत सारे लोगों की फ्लर्टिंग स्टाइल प्लेफुल यानी पांचवी तरह की फ्लर्टिंग में आती है. ये लोग अपने खुद और खुद की सोच को दूसरों पर डालने की कोशिश करते हैं और आमतौर पर बहुत कम ही पक्के और अच्छे रिश्ते बनाने में कामयाब हो पाते हैं. जेफरी मानते हैं कि ज्यादातर मामलों में फ्लर्टिंग की शुरुआत कैसे हुई इसी बात से ये तय हो जाता है कि रिश्ता कहां तक जाएगा यहां तक कि शादियों के मामले में भी यही होता है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः एस गौड़

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