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"मतभेदों के बाजवूद जारी रहेगी पाक अमेरिकी दोस्ती"

९ मई २०११

पाकिस्तान ने ओसामा बिन लादेन पर कार्रवाई में सैनिक नाकामी की बात कबूली पर कहा कि सेना किसी भी चुनौती का सामना करने को तैयार है. प्रधानमंत्री गिलानी ने मतभेदों के बावजूद अमेरिका से सहयोग जारी रखने की बात कही.

gestures as Pakistani Prime Minister Yusuf Raza Gilani, right, looks on during a joint press conference at Prime Minister's residence in Islamabad, Pakistan on Wednesday, Jan. 12, 2011. Biden met with Pakistan leaders as part of American efforts to get Islamabad to intensify the fight against Islamist militants sheltering along the Afghan border. (AP Photo/Anjum Naveed)
संसद में गिलानी का बयानतस्वीर: AP

हफ्ते भर पहले एबटाबाद में अमेरिकी सैन्य मिशन में अल कायदा नेता ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद पहली बार संसद में बयान देते हुए प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने फिर साफ किया कि बिन लादेन के खिलाफ कार्रवाई में पाकिस्तान सरकार को कोई मशविरा नहीं किया गया. उन्होंने कहा, "अमेरिकी सेना की कार्रवाई शुरू होने के फौरन बाद हमारी सेना एबटाबाद में पहुंच गई थी. लेकिन अमेरिका ने इस कार्रवाई के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं दी. यह बात किसी से छिपी नहीं कि उनके विमान हमारे रडारों को धोखा देने में सक्षम हैं."

गिलानी ने कहा कि अगर ऑपरेशन गलत दिशा में होता, तो उसका मुकम्मल जवाब दिया जाता. उनके अनुसार पाकिस्तान की क्षमता को कम करके नहीं आंका जाना चाहिए. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि अमेरिकी कार्रवाई से निश्चित तौर पर पाकिस्तान की संप्रुभता का उल्लंघन हुआ है.

पाकिस्तान प्रधानमंत्री ने माना कि ओसामा बिन लादेन का इतने दिन तक एबटाबाद में छिपे रहना खुफिया नाकामी है लेकिन इसके लिए सिर्फ पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहाराना गलत होगा. उन्होंने इसे पूरे विश्व समुदाय की नाकामी बताया. गिलानी ने कहा कि पाकिस्तान सरकार ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.

पाकिस्तान में मारा गया बिन लादेनतस्वीर: AP

उन्होंने अमेरिकी सरकार की तरफ से लगाए जा रहे इन आरोपों का पुरजोर विरोध किया है कि आंतकी सरगना को जरूर पाकिस्तान में किसी तरह की मदद मिली होगी. उन्होंने माना कि ओसामा बिन लादेन का पता न लगा पाना एक खुफिया चूक है. लेकिन उन्होंने इसके लिए सबको जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा, "पाकिस्तान में अल कायदा का जन्म नहीं हुआ. हमने ओसामा को यहां नहीं बुलाया था." अफगानिस्तान में सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध की तरफ इशारा करते हुए गिलानी ने कहा कि किसी और की गलतियों के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. उस वक्त अमेरिका ने जिहादियों की मदद की थी. गिलानी ने दबे लफ्जों में अमेरिका पर भी आरोप लगाए.

लेकिन इसके बावजूद उन्होंने साफ किया कि भविष्य में अमेरिका के साथ बराबर सहयोग जारी रहेगा. गिलानी ने अमेरिका को रणनीतिक साझेदार बताए हुए कहा कि पाकिस्तान वॉशिंगटन सरकार से अपने रिश्तों को उच्च प्राथमिकता देता है. उन्होंने आंतकवाद के खिलफ संघर्ष में अमेरिका समेत विश्व समुदाय के साथ सहयोग करते रहने का दावा किया.

आतंकवाद के मुद्दे पर विश्व समुदाय की चिंताओं के मद्देनजर पाकिस्तान प्रधानमंत्री ने कहा, "ओसामा पूरी दुनिया की सभ्यता का दुश्मन था. उसको मार गिराया जाना निश्चित तौर पर राहत की बात है. लेकिन इससे सब कुछ हासिल नहीं हो गया है. ओसामा के बचे खुचे नेटवर्क का खात्मा जरूरी है."

गिलानी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान के बराबर कुर्बानी किसी देश ने नहीं दी हैं. दक्षिणी वजीरिस्तान और स्वात में चले सैन्य अभियानों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, "पाकिस्तान ने 30,000 लोगों और 5000 सैनिकों को गंवाया है. पाकिस्तान की धरती किसी को भी आतंकवाद के लिए इस्तेमाल नहीं करने दी जाएगी. हम अपने सभी संसाधनों का इस्तेमाल करना होगा ताकि हम आतंक का खात्मा कर सकें."

बिन लादेन की मौत के बाद दुनिया भर में सवालों में घिरी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी का बचाव करते हुए गिलानी ने कहा कि पाकिस्तान ने ही 9/11 के मास्टरमाइंड खालिद शेख मोहम्मद को गिरफ्तार किया. उन्होंने कहा, "किसी को भी पाकिस्तान सैनिक या आईएसआई पर आरोप लगाने का हक नहीं है." गिलानी ने कहा कि सेना और आईएसआई एकजुटता से पाकिस्तान सरकार के साथ खड़ी हैं. उन्होंने कहा, "वे हमारे खास अंग हैं और हमें उन पर गर्व है."

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ए जमाल

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