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मथुरा के पास रेल हादसा, 21 की मौत

२१ अक्टूबर २००९

उत्तर प्रदेश में मथुरा के पास आज तड़के हुए रेल हादसे में कम से कम 21 लोग मारे गए हैं और दर्जनों घायल हो गए हैं. दिल्ली आ रही गोवा एक्सप्रेस पटरी पर पहले से खड़ी मेवाड़ एक्सप्रेस से टकरा गई. राहत और बचाव कार्य जारी है.

ट्रेन हादसे की जगहतस्वीर: DPA

उत्तर मध्य रेलवे के प्रवक्ता राजेश वाजपेयी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि बुधवार तड़के पौने पांच बजे गोवा एक्सप्रेस ने मेवाड़ एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मारी. इससे मेवाड़ एक्सप्रेस के अनारक्षित डिब्बे को नुक़सान हुआ है.

बचावकर्मी रेल की खिड़कियों की सरिया काटकर लोगों को निकालने की कोशिश में जुटे हैं. इसके लिए गैस कटर का इस्तेमाल हो रहा है. ज़िला मजिस्ट्रेट दिनेश चंद्र शुक्ला ने बताया कि गंभीर रूप से घायल 20 लोगों को अलग-अलग अस्पतालों में भेजा गया है. एक स्थानीय अधिकारी ने सूचित किया कि 21 लाशें निकाली जा चुकी हैं. मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि बहुत से लोग अब भी डिब्बों में फंसे हुए हैं. टीवी पर दिखाई जा रही तस्वीरों में टक्कर से रेलगाड़ियों के डिब्बे बुरी तरह एक दूसरे में घुस गए हैं.

घटनास्थल पर मौजूद रेलवे डिवीज़नल मैनेजर, आगरा आर डी त्रिपाठी ने कहा कि पहली नज़र में तो यह गोवा एक्सप्रेस के ड्राइवर की ही ग़लती लगती है. रेल मंत्री ममता बनर्जी ने इस हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं. अन्य वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं. रेलवे ट्रैफ़िक बोर्ड के एक सदस्य श्री प्रकाश ने बताया, "कई यात्री अभी फंसे हुए हैं जिन्हें निकालने की कोशिश हो रही है." जब उनसे ऐसे लोगों की संख्या पूछी गई तो उन्होंने कहा, "असल में हमें पता नहीं है. "

इस हादसे को देखते हुए उत्तर रेलवे ने आगरा निज़ामुद्दीन इंटर सिटी एक्सप्रेस को रद्द कर दिया है जबकि कुछ ट्रेनों का रास्ता बदला गया है जिनमें दिल्ली से मुंबई जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस, आंध्रा एक्सप्रेस और कर्नाटक एक्सप्रेस शामिल हैं. इस बीच दिल्ली और आगरा के बीच एक पटरी के साथ रेल संपर्क को बहाल कर दिया गया है. स्थानीय समय के अनुसार सुबह 7:10 बजे रास्ते को खोल दिया गया.

रेल अधिकारियों ने इस बीच सूचित किया है कि मृतकों के परिजनों को मुआवज़े के रूप में पांच लाख रुपये दिए जाएंगे. गंभीर रूप से घायल लोगों के लिए एक-एक लाख रुपये के मुआवज़े की घोषणा की गई है.

भारत में हर साल काफ़ी संख्या में रेल दुर्घटनाएं होती हैं. लेकिन रेल अधिकारियों का दावा है कि पिछले पांच सालों में प्रति वर्ष दुर्घटनाओं की औसत संख्या 325 से घटकर 190 तक आ पहुंची है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एस जोशी

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