1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

मध्य पूर्व में शांति वार्ता पर जर्मनी का जोर

७ अप्रैल २०११

जर्मनी एकतरफा तौर पर घोषित फलस्तीनी राज्य को मान्यता नहीं देगा, लेकिन वह सितंबर तक मध्य पूर्व शांति प्रक्रिया में स्पष्ट प्रगति चाहता है. बेन्यामिन नेतन्याहू के साथ बातचीत के बाद जर्मन चांसलर ने इस पर बल दिया.

तस्वीर: AP

बर्लिन में इस्राएली प्रधानमंत्री से बातचीत के बाद चांसलर अंगेला मैर्केल ने कहा कि इस्राएल और फलस्तीनियों के बीच गतिरोध की स्थिति तुरंत खत्म होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मध्य पूर्व में लक्ष्य है दो देशों का समाधान. और इसलिए फलस्तीनी राज्य की एकपक्षीय घोषणा कतई इस लक्ष्य के लिए योगदान नहीं देता है.

सितंबर में मध्य पूर्व शांति चौकड़ी की बैठक होने वाली है. इस चौकड़ी में संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ, अमेरिका और रूस के प्रतिनिधि हैं. इस बैठक के प्रति जर्मनी के दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि इस बैठक से पहले दोनों पक्षों के बीच बातचीत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जाने चाहिए. अंगेला मैर्केल ने कहा कि शांति वार्ता फिर से शुरू करने के सवाल पर इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू के साथ उनकी बहुत रचनात्मक बातचीत हुई है. लेकिन उन्होंने इसका कोई विस्तृत विवरण नहीं दिया. इस्राएल की सुरक्षा के लिए जर्मनी की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम एक विशाल खतरा है और इसकी खातिर कोई कसर बाकी नहीं रखी जानी चाहिए, ताकि ईरान के हाथों में परमाणु हथियार न हों.

बेन्यामिन नेतन्याहू ने कहा कि शांति, सुरक्षा व स्थिरता की खातिर इस्राएल मध्य पूर्व बातचीत को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. फलस्तीनी क्षेत्र में यहूदी बस्तियों के निर्माण पर भी उन्होंने अपनी राय व्यक्त की, जो शांति वार्ता में सबसे बड़ी रुकावट के तौर पर सामने आ रहा है. उनका कहना था कि इस्राएल की जनता शांति चाहती है और अगर शांति, सुरक्षा और स्थिरता हासिल की जा सके तो बस्तियों के सवाल से कोई रुकावट नहीं पैदा होगी. अरब देशों में लोकतांत्रिक परिवर्तन के लिए आंदोलन पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि वे उम्मीद, और साथ ही, चिंता के साथ इन घटनाओं को देख रहे हैं. उनका मानना है कि इस्राएल ही इस इलाके का अकेला लोकतांत्रिक देश है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: ओ सिंह

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें