ब्राजील में मैच रोमांचक होते चले जा रहे हैं. फिटनेस के साथ साथ फुटबॉल विश्व कप की तैयारी का हिस्सा खिलाड़ियों का खाना भी है. टीमें भी अपने खिलाड़ियों की पसंद का खास ध्यान रख रही हैं.
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इटली से पार्मेसान चीज, ऑलिव ऑइल और प्रॉसिउतो ब्रेड, तो वहीं अमेरिका से ओटमील, पीनट बटर और सबसे पसंदीदा ए-वन स्टेक सॉस. इसके साथ ही मैक्सिको की टीम के लिए थोड़े और मसाले भी विश्व कप फुटबाल मैचों के दौरान खिलाड़ियों को घर के खाने जैसा मजा देने के लिए ब्राजील लाए गए हैं.
केचप खाने की अनुमति
इटली के लोग खाने के अपने शौक के लिए दुनिया भर में पहले से ही मशहूर हैं. टीम की डायटीशियन एलिजाबेता ऑर्सी अपने देश के पसंदीदा व्यंजन पास्ता और देशप्रेम के बीच संबंध को बहुत स्वादिष्ट तरीके से बताती हैं, "पास्ता हमारे पसंदीदा ईंधन के जैसा है. मैच के पहले हम (झंडे के) तीनों रंगों के साथ खेलना पसंद करते हैं. पास्ता, टमाटर और एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव आइल." इंग्लैंड के खिलाड़ियों को कोच रॉय हॉडसन ने केचप खाने की अनुमति दे दी है. हॉडसन से पहले टीम के कोच रहे फाबियो कापेलो ने इस पर रोक लगा रखी थी.
ईटली और अमेरिका की टीमों ने अपने नए कोच के निर्देशन में खाने में पोषण और स्वाद दोनों पर खास ध्यान दिया है. डायटीशियन, मेडिकल स्टाफ और मशहूर शेफ मिलकर खिलाड़ियों के लिए मेन्यू तैयार कर रहे हैं. खाना मौसम और आस पास से मिलने वाले ताजा फल और सब्जियों को ध्यान में रखते हुए तय किया गया है. ऑर्सी बताती हैं, "आमतौर पर डायटीशियन हर मैच के हिसाब से डायट प्लान बनाते हैं. वे ध्यान रखते हैं कि दल को जिस तरह की ट्रेनिंग करनी है उसके हिसाब से डायट हो." अगर किसी खिलाड़ी को कोई समस्या है तो उसकी खास जरूरत के हिसाब से आहारविज्ञ कोई खास डायट तैयार कर सकते हैं."
अजीब नाम वाले लजीज खाने
केक का नाम मधुमक्खी का डंक या फिर गरीब शूरवीर? पहली नजर में ये नाम अजीब से लगते हैं, लेकिन जैसे ही इन्हें चखते हैं तो पता चलता है कि इनका स्वाद है बहुत जानदार... टेस्ट करेंगे?
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मुकेफुक
यह एक खास तरह की कॉफी है. असल में यह नाम फ्रेंच शब्दों मोका फॉ से बना है. जिसका मतलब होता है नकली कॉफी. फ्रांको प्रशिया युद्ध के दौरान इसे काफी इस्तेमाल किया जाता था.
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स्पेगेटी आइसक्रीम
आइसक्रीम में नूडल सुनकर अटपटा जरूर लग सकता है लेकिन ये वो नूडल नहीं जो पास्ता में इस्तेमाल होता है. वनीला आइसक्रीम को ही मशीन से इस तरह पतले छल्लों में निकाला जाता है कि वह नूडल जैसी दिखती है. यह गर्मियों में जर्मनी में खासी पसंदीदा चीज है.
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काल्टर हुंड
इसका मतलब है कोल्ड डॉग, हालांकि यह नाम भर है. जर्मनी में कुत्ता खाने का चलन नहीं है. यह चॉकलेट में बनी बटर कुकी है.
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नकली खरगोश
देखने में हेयर या खरगोश की पीठ जैसा. इसमें प्याज, आलू और अंडों से लेकर आप और कुछ भी डाल सकते हैं. और जब यह बेक हो जाता है तो सॉस के साथ परोसा जाता है. दूसरे विश्व युद्ध के बाद के मुश्किल वक्त में यह काफी बनाया जाता था. और अक्सर इसमें सस्ता मांस इस्तेमाल किया जाता.
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बीनेनश्टिष
कहना मुश्किल है कि बादाम, पुडिंग और वैनिला से बने इस केक को बीनेनश्टिष यानि मधुमक्खी का डंक क्यों कहते हैं. माना जाता है कि 15वीं शताब्दी में जब लिंज के सैनिकों ने हमला किया तो आंडेरनाख के सैनिक शहद निकाल रहे थे. उन्होंने सैनिकों पर मधुमक्खी के छत्ते फेंक दिए. जिससे उन्हें भागना पड़ा तब आंडरनाख वालों ने केक बनाकर जश्न मनाया.
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माउलटाषेन
जर्मनी में स्वाबिया के दक्षिणी इलाकों में श्रद्धालु होली थर्सडे और गुड फ्राइडे को मांस नहीं खाते हैं. लेकिन शौकीन लोग कोई ना कोई रास्ता खोज ही लेते हैं. मैदे की परत के अंदर उन्होंने मांस रख कर इस पकवान की शुरुआत की. लेकिन इसका नाम कहां से आया पता नही.
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आर्मेर रिटर...
...जिसका मतलब है गरीब शूरवीर. इसे तैयार करने के लिए बासी ब्रेड को दूध, अंडे, चीनी और वैनिला के घोल में डाल कर पैन में तला जाता है. यह नाम मध्यकाल में आया जब मांस खाना सिर्फ अमीरों के बस की बात थी और गरीब सिर्फ ब्रेड से ही काम चलाते थे.
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बेआम्टेनश्टिपे (सरकारी मुलाजिमों के लिए)
जर्मन भाषा में श्टिप्पेन शब्द का अर्थ है डिप करना. और बेआम्टे यानी सरकारी मुलाजिम. यह सॉस आलू की कतलियों के साथ परोसा जाता है. शुरुआत में यह खाना भी गरीब लोग ही खाते थे. यह तब की बात है जब सरकारी मुलाजिम ज्यादा पैसे वाले नहीं हुआ करते थे. बेआम्टेनश्टिपे का मतलब है सरकारी मुलाजिम का खाना.
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हाल्वर हान
यानि आधा मुर्गा. लेकिन इसमें मुर्गी जैसा कुछ नहीं बस ब्रेड का रोल है जिसमें चीज और मक्खन भरा होता है. जर्मनी में राइन नदी के पास वाले इलाकों में यह लगभग हर रेस्तरां में मिल जाएगा.
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एक पेटी आवाकाडो
अमेरिकी टीम के ब्राजील आने से महीनों पहले शेफ ब्रायसन बिलापैंडो और स्पोर्ट्स डायटीशियन डेनिएल लाफाटा ने ब्राजील आकर टीम के होटल का दौरा किया. इससे उन्हें यह अंदाजा लगा कि क्या चीजें मैच के दौरान उपलब्ध होंगी और क्या नहीं. जैसे अमेरिकी टीम के लिए खाने में आवाकाडो का होना बेहद जरूरी है. टीम हर दिन औसतन एक पेटी आवाकाडो खाती है. कोच यूर्गेन क्लिंसमन खाने में ताजा ऑर्गेनिक चीजों के साथ मसाले और हर्ब पसंद करते हैं और तेल या मक्खन के खिलाफ हैं. दल के 23 लोगों के लिए इतना खाना बनता है जो आम तौर पर 50 लोगों के लिए काफी होता है.
पिछले महीने ब्राजील की एक कंज्यूमर डिफेंस एजेंसी ने बताया कि उसे विश्व कप के दौरान होटलों में एक्सपायरी डेट के बाद वाली खाने पीने की चीजें मिली थीं. इन होटलों में इटली और ब्रिटेन की टीमें ठहरी हैं. अब जबकि हर टीम के साथ उनके पोषण और स्वाद का ख्याल रखने वाले एक्सपर्ट हैं, ऐसे में खिलाड़ियों का सारा ध्यान सिर्फ अच्छे खेल के प्रदर्शन पर ही होना चाहिए.