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मनमोहन गरजे, हम डरते नहीं हैं

९ नवम्बर २०१०

आमतौर पर चुप और शर्मीले से दिखने वाले मनमोहन सोमवार को ओबामा के साथ साझी प्रेस कॉन्फ्रेंस में अलग ही रंग में नजर आए. उन्होंने हर सवाल का साफ साफ और खरा खरा जवाब दिया.

नरम नहीं हुए मनमोहनतस्वीर: UNI

साझी प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कश्मीर के मुद्दे पर अमेरिका का रटा रटाया रुख दोहराया कि भारत और पाकिस्तान को आपस में बातचीत शुरू करनी चाहिए और कश्मीर मसले को सुलझाने के लिए काम करना चाहिए. लेकिन मनमोहन सिंह ने इस बारे में टका सा जवाब दिया. उन्होंने कहा, "हम क-शब्द से डरते नहीं हैं. लेकिन बातचीत तभी हो सकती है जब पाकिस्तान आतंकवाद पर अपनी नीति को बदले. ऐसा नहीं हो सकता कि आप एक तरफ बात करें और दूसरी तरफ आतंकवाद की मशीन हमेशा की तरह चालू रहे."

नरम नहीं हुए मनमोहनतस्वीर: UNI

मनमोहन सिंह पहले भी पाकिस्तान को लेकर नरमबयानी कर चुके हैं और ऐसा माना जाता है कि पाकिस्तान के साथ वह समस्याओं को हल करने के लिए नरम पड़ने से भी नहीं हिचकते. लेकिन सोमवार को मनमोहन सिंह का अलग रूप दिखाई दिया. वह हर मुद्दे पर सख्त नजर आए. जब अमेरिकी पत्रकारों ने उनसे आउटसोर्सिंग और अमेरिकी नौकरियों पर सवाल किया तो उन्होंने कहा, "भारत अमेरिकियों से नौकरियां चुराने का काम नहीं करते."

हाल के महीनों में बराक ओबामा ने कई बार भारत में हो रही आउटसोर्सिंग को निशाना बनाया है. भारत यात्रा के दौरान भी उन्होंने कहा कि अमेरिका में लोग यह मानते हैं कि भारत उनकी नौकरियां चुरा रहा है. लेकिन सोमवार को मनमोहन सिंह ओबामा के सामने सख्त रुख में पेश आए. उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि आउटसोर्सिंग उद्योग ने अमेरिकी उद्योग की क्षमता और उत्पादकता को बढ़ाने में ही मदद की है."

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एमजी

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