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मनमोहन ने गिलानी को भेजे आम

२६ मई २०१०

पाकिस्तान के साथ भरोसे बढ़ाने की बात तो भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पहले ही कह चुके हैं. अब उन्होंने रिश्तों की कड़वाहट को आम की मिठास से दूर करने की पहल की है. मनमोहन ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को आम भेजे हैं.

तस्वीर: flickr/chooyutshing

सूत्रों का कहना है कि बढ़िया क्वॉलिटी के लगभग 20 किलो अलफॉन्सो आम पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त को भेजे गए हैं जो वहां से प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के कार्यालय भेज दिए जाएंगे. मनमोहन सिंह ने गिलानी के नाम एक पत्र भी भेजा है जिसमें उम्मीद जताई गई है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री सद्भावना के प्रतीक के तौर पर इन आमों के पसंद करेंगे.

आम भेजने की यह पहल दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच हाल के दिनों में बढ़ रही समझबूझ का एक और संकेत है. भूटान की राजधानी थिम्पू में मुलाकात के दौरान दोनों ने भरोसे की कमी को दूर करने की दिशा में कदम उठाने का फैसला किया. मनमोहन सिंह ने अपनी नई सरकार के एक साल की उपलब्धियां और कमियां गिनाते हुए भी दोनों देशों के बीच भरोसे की कमी को सबसे बड़ी समस्या बताया जिसकी वजह से समग्र वार्ता बहाल नहीं हो रही है.

मनमोहन सिंह ने तो यहां तक कहा कि जब तक पाकिस्तान के साथ रिश्ते अच्छे नहीं होंगे, तब तक भारत विकास की अपनी सभी संभावनाओं का उपयोग नहीं कर पाएगा. उनके मुताबिक, "हमेशा से मेरी यह कोशिश रही है कि राष्ट्रीय हितों को प्रभावित किए बिना दोनों देशों के बीच मतभेदों को कम किया जाए."

वैसे इस तरह की मैंगो डिप्लोमेसी 1980 के दशक की शुरुआत में भी देखने को मिली जब भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तानी नेता जिया उल हक ने एक दूसरे को "अनवर राताउल" आम भेजे. 2001 में आगरा शिखर बैठक में आने से पहले पाकिस्तान के सैनिक शासक परवेज मुशर्रफ ने भी उस वक्त के भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और गृह मंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को आम भेजे थे.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः उज्ज्वल भट्टाचार्य

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