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ममता का कार्टून बनाने पर प्रोफेसर गिरफ्तार

१३ अप्रैल २०१२

लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी क्या होती है, इसका अनुभव कोलकाता के एक प्रोफेसर ने तब किया जब इंटरनेट पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का एक कार्टून डालने के कारण उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. कोर्ट ने दी जमानत.

तस्वीर: DW

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं का कथित अपमानजनक कार्टून बना कर इंटरनेट पर डालने के आरोप में पुलिस ने शुक्रवार को कोलकाता के यादवपुर विश्वविद्यालय के केमिस्ट्री के एक प्रोफेसर को गिरफ्तार कर लिया. कोलकाता पुलिस के उपायुक्त (दक्षिण) सुजय चंदा ने पत्रकारों को बताया कि प्रोफेसर अंबिकेश महापात्र को कुछ प्रतिष्ठित व्यक्तियों के बारे में अपमानजनक बातें इंटरनेट पर डालने के आरोप में हिरासत में लिया गया है. उन्होंने इन प्रतिष्ठित व्यक्तियों के नामों का खुलासा करने से इंकार कर दिया. महापात्र को आज तड़के गिरफ्तार करके यादवपुर थाने ले जाया गया. इससे पहले उनको गुरुवार की रात को पूछताछ के लिए बुलाया गया था. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि प्रोफेसर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि प्रोफेसर महापात्र को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से संबंधित अपमानजनक कार्टून बना कर कई लोगों को भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. उन पर आरोप है कि उन्होंने तृणमूल सरकार की नीतियों का मखौल उड़ाने वाले कार्टून कई लोगों को भेजे.सरकार में तृणमूल की सहयोगी कांग्रेस ने ममता के इस कदम की निंदा की है. महापात्र की गिरफ्तारी पर यादवपुर विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाले उनके सहयोगी प्रोफेसरों ने भी नाराजगी जाहिर की है.

तस्वीर: DW

उधर सरकार अपने तेवर ही दिखा रही है. तृणमूल कांग्रेस के नेता और शहरी विकास मंत्री फिरहाद हाकिम ने कहा कि इस तरह की किसी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कल रात घर लौटते समय प्रोफेसर पर हमला भी किया था. परिवहन मंत्री मदन मित्र ने भी सरकार के बचाव में कहा है, 'महापात्र ने जो किया वह शिक्षक की गरिमा के खिलाफ है.' श्रम मंत्री पूर्णेंदु बसु कहते हैं, 'यह ममता बनर्जी का अपमान कर उनकी छवि पर बट्टा लगाने का प्रयास है. ऐसे मामलों में पुलिस ने जो किया वह बिल्कुल सही है.'

पुलिस सूत्रों ने बताया कि अंबिकेश का कार्टून सत्यजीत रे की फिल्म 'सोनार केल्ला' पर आधारित है. उसमें कथित तौर पर पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी को हटाने के लिए ममता बनर्जी और मुकुल राय को आपस में बातचीत करते हुए दिखाया गया है. रेल बजट में किराया बढ़ाने के बाद ममता और पार्टी के दबाव में त्रिवेदी को रेल मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
प्रोफेसर की गिरफ्तारी की चौतरफा आलोचना हुई है. तृणमूल के बागी सांसद कबीर सुमन ने कहा कि उन्होंने कार्टून देखा है. लेकिन वे यह नहीं समझ पा रहे हैं कि यह किस प्रकार साइबर अपराध है. यह हास्य-व्यंग्य के रूप में बनाया गया है. सुमन कहते हैं, 'मुझे भी वह कार्टून मेल से मिला है. लेकिन उसमें वैसी कोई अपमानजनक बात नजर नहीं आती.' भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सचिव राहुल सिन्हा ने सरकार की इस कार्रवाई को सत्ता का दुरुपयोग करार दिया है. प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता ओम प्रकाश मिश्र ने कहा कि यह लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है.ममता के करीबी समझे जाने वाले जाने-माने शिक्षाविद् सुनंद सान्याल ने भी इस घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों ने इस बदलाव की उम्मीद नहीं की थी. अभिनेता कौशिक सेन सवाल करते हैं, 'कार्टून बनाने वाले को गिरफ्तार करना कहां का कानून है? यह प्रवृत्ति खतरनाक है. यही सिलसिला जारी रहा तो बाद में हमारे नाटकों पर भी पाबंदी लगा दी जाएगी और घरों पर हमले किए जाएंगे.'
इस बीच एक स्थानीय अदालत ने प्रोफेसर महापात्र और उनके पड़ोसी सुब्रत सेनगुप्ता को जमानत पर रिहा कर दिया है. सुब्रत को भी इसी आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

रिपोर्टः प्रभाकर, कोलकाता

संपादनः एन रंजन

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