1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

मारियोपोल से आम लोगों को निकालने की मुहिम

३१ मार्च २०२२

यूक्रेन की सरकार ने मारियोपोल की तरफ 45 बसों का काफिला भेजा है जो वहां फंसे आम लोगों को निकाल कर लाएंगी. इस बीच रूस ने देश के कई हिस्सों में हमले तेज कर दिए हैं.

मारियोपोल की हालत सबसे ज्यादा बुरी है
मारियोपोल की हालत सबसे ज्यादा बुरी हैतस्वीर: Alexander Ermochenko/REUTERS

राजधानी कीव के उपनगरीय इलाकों में एक बार फिर गोलीबारी तेज हो गई है. यहां के कुछ इलाकों पर यूक्रेनी सेना ने दोबारा नियंत्रण कर लिया था. गुरुवार को पूर्वी यूक्रेन में रूसी रॉकेटों के हमले में एक मिलिट्री यूनिट और एक तेल डिपो तबाह हो गया है. इस हमले में दो लोगों की मौत हुई है और पांच लोग घायल हुए हैं.

रूसी सेना ने जोलोता नीवा पर कब्जा कर लिया है जो दोनेत्स्क के दक्षिण पश्चिम में है. रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इगोर कोनाशेंकोव ने गुरुवार को समाचार एजेंसी इंटरफैक्स को यह जानकारी दी. कोनाशेंकोव का कहना है कि रूसी सेना बुधवार को 6 किलोमीटर अंदर चली गई और उसने 60 दुश्मन सैनिकों को इस दौरान मार गिराया. इस जानकारी की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है.

मारियोपोल में फंसे 63 साल के विक्टर और 71 साल की लुडमिला तहखाने में खाना बनाते हुएतस्वीर: Alexander Ermochenko/REUTERS

लुहांस्क में भी कड़ा संघर्ष यूक्रेनी राष्ट्रवादियों और रूस समर्थित अलगाववादियों के बीच चल रहा है. रूसी रक्षा मंत्रालय का कहना है कि उन्होंने 53 सैन्य ठिकानों को बुधवार से लेकर अब तक निशाना बनाया है जिसमें सतह से हवा पर मार करने वाली मिसाइल सिस्टम, गोला बारूद, हथियारों के भंडार भी शामिल हैं. इसके अलावा कई तेल डिपो भी रूसी हमले का शिकार बने हैं.

मंगलवार की शाम रूसी अधिकारियों ने कीव और चेर्नीहीव पर हमले बंद करने की बात कही थी लेकिन इसका ज्यादा असर नहीं हुआ है. नाटो के महाचसिव येंस स्टोल्टेनबर्ग ने भी कहा है कि रूस ने हमले बंद करने की बात कही थी लेकिन हटने की बजाय वो नए सिरे से संगठित हो रहे हैं.

रूसी हमले में ध्वस्त कीव का एक घरतस्वीर: Gleb Garanich/REUTERS

मारियोपोल से लोगों को निकालने की मुहिम

इंटरनेशनल कमेटी ऑफ रेड क्रॉस यानी आईसीआरसी का कहना है कि उसकी टीमें मारियोपोल से लोगों को बाहर निकालने में मदद करने के लिए तैयार हैं. रेड क्रॉस का कहना है, "लॉजिस्टिक के लिए और सुरक्षा कारणों से हम कल (शुक्रवार को) सुरक्षित गलियारे के अभियान के लिए तैयार हैं बशर्ते की सभी पक्ष निश्चित नियमों, रास्ते, शुरु करने के समय और अवधि पर सहमत हों."

यूक्रेन के उप प्रधानमंत्री इरिना वेरेशचुक ने कहा है कि मारियोपोल में फंसे आम लोगों के निकालने के लिए दर्जनों बसें भेजी जा रही हैं. इसे पहले रूसी सेना ने कहा कि वह गुरुवार सुबह से मारियोपोल से लेकर जापोरिझिया तक के रास्ते में स्थानीय स्तर पर संघर्ष विराम के लिए प्रतिबद्ध है. मारियोपोल में लाखों लोग खाना, पानी, दवा और ऊर्जा की कमी से जूझ रहे हैं और लगातार गोलाबारी के कारण उन लोगों को वहां से निकलने का रास्ता नहीं  मिल पा रहा है.

यूक्रेन के त्रोस्त्यानेत्स में रूसी सैनिकों ने इस महिला को जबरन अपार्टमेंट से बाहर निकाल दिया.तस्वीर: Thomas Peter/REUTERS

डॉलर और यूरो में बिकेगी गैस

इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्राघी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से टेलिफोन पर बात की है. द्राघी के मुताबिक पुतिन का कहना है कि यूक्रेन में युद्धविराम के लिए अभी स्थिति पूरी तरह से उचित नहीं है. द्राघी ने यह भी बताया कि पुतिन मौजूदा गैस के करारों को जारी रखने की बात कही है और यूरोपीय कंपनियां यूरोप और डॉलर में भुगतान करती रहेंगी. इससे पहले जर्मनी ने भी कहा था कि रूस गैस की कीमत का भुगतान यूरो में लेने के लिए तैयार है.

यह भी पढ़ेंः रूस से लेदनेन बढाने का भारत को हो सकता है नुकसान

पुतिन ने पहले कहा था कि गैस की कीमतें यूरोपीय कंपनियों को सिर्फ रूबल में अदा करना होगा जिसके लिए विकसित देशों के संगठन जी 7 ने मंजूरी नहीं दी थी. माना जा रहा है कि रूबल की युद्ध के दौरान गिरी कीमतों को संभालने के लिए पुतिन ने यह फैसला किया था. हालांकि युद्ध शुरू होने पर रूबल की कीमत तेजी से नीचे गिरी लेकिन अब वो युद्ध से पहले के स्तर पर वापस आ गई है. गुरुवार को एक डॉलर के बदले रूबल की कीमत 84 पर पहुंच गई जो युद्ध शुरू होने पर 130 के पार चली गई थी. रूसी सरकार ने रूबल की कीमत संभालने के लिए कई कदम उठाए हैं.

कीव के इलाके में रूसी गोलाबारी के बाद मलबे में बदली कारतस्वीर: Serhii Nuzhnenko/REUTERS

शुक्रवार से फिर होगी बातचीत

यूक्रेन और रूस ने तुर्की से कहा है कि वो अगले एक-दो हफ्ते में फिर से उच्चस्तरीय बैठक करना चाहते हैं. इस हफ्ते की शुरूआत में दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल की बातचीत हुई जिसका नतीजे दोनों देशों के राष्ट्रपतियों तक पहुंचा दिया गया. अब उनका कहना है कि अगली मुलाकात विदेश मंत्री के स्तर पर होगी.

तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू ने इस्तांबुल में स्थानीय मीडिया से बातचीत में यह जानकारी दी. उन्होंने उम्मीद जताई है कि अगली उच्चस्तरीय बातचीत भी इस्तांबुल में ही होगी. यूक्रेन और रूस के बीच बातचीत वीडियो लिंक के जरिए शुक्रवार से फिर चालू होगी. यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख डेविड अराखामिया ने यह जानकारी दी है. मंगलवार को दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल आमने सामने इस्तांबुल में मिले थे.

चेर्निहीव में शॉपिंग मॉल पर हुई गोलाबारी के बाद का नजारातस्वीर: Vladislav Savenok/AP/picture alliance

रूसी सेना में 134,000 अनिवार्य भर्ती

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को 134,500 लोगों को अनिवार्य भर्ती के तौर पर सेना में शामिल करने के आदेश पर दस्तखत कर दिए. हालांकि रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इस फैसला का यूक्रेन युद्ध से कोई लेना देना नहीं है. यूक्रेन पर हमले के पांच हफ्ते बाद रूस में यह आदेश जारी हुआ है. रूसी सेना का यूक्रेन में कड़े प्रतिरोध से सामना हो रहा है. रूसी रक्षा मंत्री सर्गेइ शोइगु ने मंगलवार को कहा था कि जिन लोगों को सेना में शामिल किया जा रहा है उनमें से किसी को मोर्चे पर नहीं भेजा जाएगा.

अनिवार्य भर्ती के जरिए सेना में शामिल लोगों को युद्ध में भेजने का मुद्दा काफी संवेदनशील है. 9 मार्च को रूसी रक्षा मंत्रालय ने यह माना था कि कुछ लोगों को यूक्रेन में भेजा गया है हालांकि राष्ट्रपति पुतिन इससे कई बार इनकार कर चुके हैं. पुतिन का कहना है कि सिर्फ पेशेवर सैनिकों और अधिकारियों को भी युद्ध में भेजा जा रहा है. पुतिन के प्रवक्ता का कहना है कि जब पुतिन ने उनकी नाफरमानी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अभियोग चलाने का फैसला किया था तब उसमें से अनिवार्य भर्ती वाले अधिकारियों को अलग रखने का हुक्म दिया था. रूसी रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह आदेश सालाना स्प्रिंग मिलीट्री ड्राफ्ट के तहत दिया गया है जो 1 अप्रैल से 15 जुलाई तक चलेगा. इसका असर रूस के 18 से 27 साल की उम्र के लोगों पर होगा.

चेर्निहीव के सिटी मार्केट पर गोलीबारी के बाद यब ऐसा दिख रहा हैतस्वीर: Vladislav Savenok/AP/picture alliance

जर्मनी में तेल कंपनियों के दफ्तरों पर छापे

यूरोपीय संघ के एंटी ट्रस्ट नियामकों ने जर्मनी में कई कंपनियों के दफ्तरों पर छापे मारे हैं. ये कंपनियां प्राकृतिक गैस की सप्लाई, प्रसार और भंडारण से जुड़ी हैं. आशंका जताई गई है कि इन कंपनियों ने जान बूझ कर यूरोप में गैस की कीमतें आसमान पर पहुंचा दी हैं. एंटीट्रस्ट रेगुलेटरों ने रूसी ऊर्जा कंपनी गाजप्रोम के जर्मनी में मौजूद दफ्तरों पर भी छापे मारे हैं.

यूरोपीय आयोग यूरोपीय संघ के लिए कारोबारी प्रतिस्पर्धा के नियम तय करता है. आयोग को संदेह है कि कंपनियों ने यूरोपीय संघ के इन नियमों का उल्लंघन किया है. हालांकि यह भी कहा गया है कि जांच का मतलब यह नहीं है कि जो लोग इसकी चपेट में आए हैं वे दोषी हैं.

दोनेत्स्क पर हुए बमबारी में ध्वस्त इमारततस्वीर: Alexei Alexandrov/AP/picture alliance

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने जॉर्जिया और मोरक्को से यूक्रेनी दूतावासों को वापस बुला लिया है. उनका मानना है कि ये राजदूत इन देशों को यूक्रेन की मदद और रूस को सजा देने के लिए तैयार करने में नाकाम रहे हैं. जेलेंस्की ने वीडियो पर जारी संदेश में कहा है, "पूरे सम्मान के साथ कहता हूं, अगर हथियार नहीं आते, प्रतिबंध नहीं लगते, रूसी कारोबार पर पाबंदियां नहीं लगतीं तो फिर कृपा करके कोई और काम करिए."

यह भी पढ़ेंः रूस और अमेरिका दोनों के नेता आए भारत

फ्रांस के मिलीट्री इंटेलिजेंस एजेंसी के प्रमुख ने इस्तीफा दे दिया है. गुरुवार को कई मीडिया संस्थानों में सूत्रों के हवाले से आई खबरों में कहा गया है कि उन्होंने यूक्रेन युद्ध को पहले से भांपने में नाकाम रहने को इस्तीफे का कारण बताया है.

ब्रिटेन ने रूस के एक दर्जन से ज्यादा मीडिया के लोगों और संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है. ब्रिटेन ने इन लोगों पर यूक्रेन युद्ध के बारे में दुष्प्रचार और गलत जानकारी फैलाने का आरोप लगाया है. जिन लोगों की संपत्ति और यात्रा पर प्रतिबंध लगाया गया है उनमें रोसिया टेलिविजन के एंकर सर्गेय ब्रिलेव, गाजप्रोम के मीडिया चीफ एग्जिक्यूटिव आलेक्सांद्र झारोव और क्रेमिलिन समर्थित प्रसारक आरटी के मैनेजिंग डायरेक्टर शामिल हैं.

ब्रिटेन ने रूस के कर्नल जनरल मिखाइल मिजिंत्सेव पर भी प्रतिबंध लगाया है. वह नेशनल डिफेंस कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के प्रमुख हैं और मारियोपोल के लोगों पर अत्याचारों के सिलसिले में उन पर प्रतिबंध लगा है.

एनआर/आरपी (एपी, डीपीए, रॉयटर्स)

रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से अनाज की कमी

03:24

This browser does not support the video element.

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें