मलेशिया में जहरीले कचरे के चलते अब तक कई सौ छात्रों और टीचरों को अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है. कचरे को गलत जगह डंप करने के मामले में तीन संदिग्धों को गिरफ्तार भी किया गया है.
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मलेशिया में एक नदी के पास फेंके गए जहरीले कचरे के चलते अब तक देश के 111 स्कूलों को बंद कर दिया गया है. पिछले हफ्ते देश के दक्षिणी इलाके जोहोर में एक ट्रक ने नदी के पास जहरीले कचरे को डंप कर दिया था. कचरे से उठने वाली गैसों के चलते आसपास के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों ने उबकाई और उल्टी की शिकायत की.
देश के शिक्षा मंत्री मासजली मलिक ने कहा, "स्थिति काफी गंभीर हो गई है. कचरे से उठने वाली जहरीली गैस में सांस लेने के चलते 500 से भी अधिक छात्र, टीचर और अन्य लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और स्कूलों को बंद करने के आदेश दिए गए हैं."
धरती के सबसे जहरीले जीव
कुदरत ने धरती पर मौजूद हर जीव को खाना खोजने और शिकारियों को चकमा देने के लिए खास गुण दिये हैं. जहरीले जीव भी इसी का उदाहरण हैं. एक नजर सबसे विषैले जीवों पर.
तस्वीर: picture-alliance/S. Jansen
1. बॉक्स जेलीफिश
इस जेलीफिश को सबसे विषैला जीव माना जाता है. एशिया और ऑस्ट्रेलिया के समुद्र में पाई जाने वाली बॉक्स जेलीफिश करीब करीब पारदर्शी होती है. पानी में इसे देखना नामुमकिन सा होता है. बॉक्स जेलीफिश नेमाटोसाट्स पैदा करती है. यह जहर तुरंत दिल पर हमला करता है.
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2. किंग कोबरा
अच्छे और बुरे कामों के लिए बदनाम किंग कोबरा को सबसे घातक जीव माना जाता है. फन वाला यह नाग भारत और चीन के जंगलों में पाया जाता है. कोबरा का डंक बेहद विषैला और दर्दनाक होता है. कोबरा का डंक खाने वाले जीव बहुत जल्दी दम तोड़ देते हैं. कोबरा का सात मिलीलीटर जहर एक वयस्क हाथी को भी मार सकता है.
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3. मार्बल्ड कोन घोंघा
घोंघे आम तौर पर जहरीले नहीं होते लेकिन यह बात मार्बल्ड कोन स्नेल पर लागू नहीं होती. इसका जहर दूसरे प्राणियों को पहले अंधा बनाता है, फिर सांस गड़बड़ाने लगती है, लकवा पड़ता है और अंत में मौत हो जाती है. इसके जहर की फिलहाल कोई काट नहीं है.
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4. नीले धब्बे वाला ऑक्टोपस
इस ऑक्टोपस का आकार टेबल टेनिस की बॉल के बराबर छोटा होता है. यह आसानी से मुट्ठी में आ सकता है, लेकिन ऐसा करने की जुर्रत हरगिज न करें. ऑस्ट्रेलिया, जापान, इंडोनेशिया, फिलीपींस और पापुआ न्यू गिनी में पाये जाने वाले ब्लू रिंग्ड ऑक्टोपस का जहर भी आंखों और श्वसन तंत्र को नाकाम कर देता है.
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5. डेथ स्टॉकर बिच्छू
धानी रंग और चमक वाला यह बिच्छू मध्य पूर्व एशिया और उत्तरी अफ्रीका में मिलता है. देखने में भले ही यह मामूली लगे लेकिन इसका जहर जानलेवा होता है. इसका डंक तेज दर्द पैदा करता है और कुछ ही मिनटों के भीतर श्वसन तंत्र को धराशायी कर देता है. दिल के मरीज और अलर्जी के रोगी तो इसके डंक से निढाल हो जाते हैं.
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6. स्टोनफिश
मकर रेखा के आसपास समुद्र में मिलने वाली और पत्थर सी दिखने वाली यह मछली बेहद जहरीली होती है. इसकी पीठ पर जहर होता है, जिसके संपर्क में आते ही दूसरे जीवों को लकवा मार जाता है. इसके जहर का इलाज है, लेकिन उपचार तुरंत मिलना चाहिए.
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7. ब्राजीलियन वांडरिंग स्पाइडर
इस मकड़ी को "बनाना स्पाइडर" नाम से भी जाना जाता है. बहुत से लोग इसे आम मकड़ी समझने की भूल करते हैं. बनाना स्पाइडर के सेरोटोनिन नाम का जहर होता है. यह सीधे तंत्रिका तंत्र पर हमला करता है.
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8. इनलैंड ताइपैन
वैसे तो कई सांप जहरीले होते हैं लेकिन ऑस्ट्रेलिया में पाया जाने वाला इनलैंड ताइपैन बहुत बदनाम सांप है. इसके विष में न्यूरोटॉक्सिन होता है जो 45 मिनट के भीतर इंसान को मार डालता है. लेकिन अच्छी बात यह है कि इसके जहर का इलाज आसानी से मिल जाता है.
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9. डार्ट फ्रॉग
देखने में सुंदर लेकिन उतना ही घातक. मध्य और दक्षिण अमेरिका में पाया जाने वाला यह मेंढक अपने रंग से शिकार को आकर्षित करता है. शिकारियों से बचने के लिए इसकी त्वचा में घातक जहर होता है जो दिमागी संकेतों को ब्लॉक कर देता है. इसके संपर्क में आने वाले जीवों के जिंदा बचने की संभावना बहुत कम होती है.
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10. पफर मछली
दिखने में बेहद सुंदर इस मछली को घरेलू एक्वेरियम में रखने की बिल्कुल न सोचें. जापान, चीन, फिलीपींस और मेक्सिको में मिलने वाली इस मछली के भीतर साइनाइड से भी खतरनाक जहर होता है. हालांकि लोग इसे खाते भी हैं, लेकिन पकाने से पहले बेहद सावधानी से इसकी सफाई की जाती है.
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शुरुआती रिपोर्टों में कहा गया था कि जहरीली गैसों का असर कम क्षेत्र में था, लेकिन अस्पतालों में मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते काफी सारे स्कूलों को बंद कर दिया गया है. 9 लोगों को आईसीयू में रखा गया है.
7 मार्च को कुछ छात्रों और टीचरों ने सांस लेने में तकलीफ महसूस की, जिसके चलते दो स्कूलों को बंद कर दिया गया. जब 11 मार्च को स्कूल दोबारा खोले गए, तब भी इसका असर कम नहीं हुआ और करीब 260 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.
ऐसे कचरे को डंप करने के मामले में प्रशासन ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. कुछ रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि कचरे में मीथेन जैसी जहरीली गैस थी. जर्मन समाचार एजेंसी डीपीए के मुताबिक कचरा फेंकने वाला एक संदिग्ध एक गैरकानूनी टायर रिसाइक्लिंग फैक्टरी का मालिक है. इस मामले में दोषियों को पर्यावरण संरक्षण कानूनों की अनदेखी करने के चलते पांच साल जेल की सजा हो सकती है.
नजर न आने वाला खतरा है एस्बेस्टस
एस्बेस्टस से बनी तमाम चीजें हम अपने आसपास रोजाना देखते हैं. मसलन घरों की दीवारों से लेकर छत पर डाली जाने वाली चादरों में एस्बेस्टस होता है. वहीं इसके खतरे भी कुछ कम नहीं. जानिए कितना खतरनाक है एस्बेस्टस.
तस्वीर: Imago/Westend61
क्या है एस्बेस्टस
एस्बेस्टस ग्रीक भाषा का शब्द है. इसका मतलब होता है ऐसा पदार्थ जो आग नहीं पकड़ता. यह प्राकृतिक रूप से मिलने वाले सिलिकेट का एक प्रकार है. यह पदार्थ चट्टानों में मिलता है और इसकी खानें भी होती हैं. आग न पकड़ने की क्षमता के चलते इस रेशेदार मैटीरियल का इस्तेमाल निर्माण उद्योग में खूब किया जाता था. ये सीमेंट के साथ आसानी से प्रोसेस किया जा सकता है.
तस्वीर: Getty Images
छोटे रेशे
इस तस्वीर में एस्बेस्टस के सूक्ष्म रेशे नजर आ रहे हैं. ये केवल तीन माइक्रोमीटर मोटे होते हैं. ये पदार्थ घुलनशील नहीं होता इसलिए फेफड़ों में लंबे समय तक बना रह सकता है. शरीर के भीतर जाने के दशकों बाद भी यह रेशा फेफड़ों के कैंसर जैसी बीमारी पैदा कर सकता है.
तस्वीर: CRB
छूना मना
तस्वीर में नजर आ रहे इस लहरदार एस्बेस्टस को काटना, तोड़ना, ड्रिल करना और जमीन में डालना महंगा पड़ सकता है. जब तक इसे छुआ न जाए तब तक इसके रेशे का हवा में घुलने का खतरा नहीं होता. लेकिन इसकी सफाई करने में भी खतरा है. बिल्डिंग पर लगी काई को हाई प्रेशर वाले क्लीनर से साफ करने का मतलब भी खुद की सेहत के साथ-साथ प्रकृति के साथ भी खिलवाड़ हो सकता है.
तस्वीर: Olaf Montag
ऐसे गमलों से सावधान
फाइबर सीमेंट या एस्बेस्टस सीमेंट से बने इस गमले को देखिए. सीमेंट और एस्बेस्टस के तत्वों को मिलाकर ऐसे बिल्डिंग मैटीरियल बनाए जाते हैं. इस गमलेनुमा बॉक्स का इस्तेमाल आप जारी रख सकते हैं. अगर आप फावड़े या रेती से काम करते हैं तो इस सीमेंट के गमले को मत खरोंचे. इससे छुटकारा पाना चाहते हों तो सबसे अच्छा रास्ता है कि इसे फेंक दें.
तस्वीर: Imago/Horst Galuschka
पाइप ब्लॉक
अगर आपके घर के एस्बेस्टस सीमेंट वाले पाइप में कचरा अटक गया है, या नाली ब्लॉक हो गई है तो साधारण प्लम्बर को बुलाने की बजाए विशेषज्ञों को बुलाइए. ऐसे मामलों में एस्बेस्टस को हटाने के सख्त नियमों को देखा जाना चाहिए, बेहतर है विशेषज्ञों को बुलाया जाए.
तस्वीर: Fabian Schmidt
जहरीला फ्लोर
इस तरह के फ्लोर-फ्लैक्स पैनल आजकल हर घर में मिल जाते हैं. इनमें से अधिकतर में एस्बेस्टस होता है. हालांकि यहां भी सुरक्षा, लैब टेस्ट के बाद ही सुनिश्चित की जा सकती है. फ्लोर पर इन पैनल को चिपकाने के लिए एस्बेस्टस युक्त पदार्थ का इस्तेमाल किया जाता है. इसलिए आप इसे निकालने की कोशिश भी न करें.
तस्वीर: Fabian Schmidt
सावधान रहें
अकसर फ्लोर कवरिंग में एस्बेस्टस यु्क्त कण होते हैं. अगर आपने फ्लोर फ्लैक्स को निकाल दिया है और आपको काला चिपकने वाला ग्लू मिला है तब भी सावधान रहिए. अधिकतर ग्लू में एस्बेस्टस मौजूद होता है. आप इसका कुछ न करें, जितना दूर रहें उतना ही अच्छा.
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एस्बेस्टस और हेयरड्रायर
एक वक्त था जब एस्बेस्टस का इस्तेमाल हेयर ड्रायर में ताप प्रतिरोधी क्षमता विकसित करने और आग से बचने के लिए किया जाता था. 1970 के पहले बने अधिकतर हेयर ड्रायर में एस्बेस्टस का उपयोग होता था. तो अगर आप अब भी पुराने हेयर ड्रायर का प्रयोग कर रहे हैं तो उसे फेंक कर नया खरीद लीजिए.
तस्वीर: Imago/United Archives International
पुराने सामान से बचे
संभव है कि तस्वीर में नजर आ रही टोस्टर की ये डिजाइन एक बार फिर फैशन में आ जाए. अगर ऐसा होता भी है तो बेहतर होगा कि पुराना टोस्टर इस्तेमाल करने की बजाय, पुराने अंदाज का नया टोस्टर खरीद लिया जाए. पुराने टोस्टर में लगे तारों में एस्बेस्टस होता था जो नए में आपको नहीं मिलेगा. (फाबियान श्मिट/एए)