मशहूर कलाकार एमएफ हुसैन का निधन
९ जून २०११भारत के सबसे बड़े कलाकार मकबूल फिदा हुसैन का लंदन में निधन में हो गया. उन्हें बुधवार को लंदन के अस्पताल में भर्ती किया गया था और गुरुवार अल सुबह लंदन टाइम के अनुसार दो बज कर दस मिनट पर उन्होंने आखिरी सांस ली.
1967 में उन्होंने पहली फिल्म बनाई थ्रू द आइस ऑफ ए पेंटर. इसे बर्लिन के फिल्म महोत्सव में गोल्डन बीयर का अवॉर्ड भी मिला. इसके बाद उन्होंने माधुरी के साथ गजगामिनी, तब्बू के साथ मीनाक्षीः टेल ऑफ थ्री सीटीस भी बनाई.
भारतीय चित्रकला का मजबूत स्तंभ रहे मकबूल फिदा हुसैन को अपने चित्रों के कारण भारत में गुस्सा झेलना पड़ा. 1970 के दशक में उनकी बनाई गई कुछ पेंटिंग्स पर खासा विवाद पैदा हुआ, जिसके बाद उनके खिलाफ केस भी दर्ज किए गए. भारत की कुछ अदालतों में आज भी वे मुकदमे चल रहे हैं. भारत के पिकासो के नाम से मशहूर एमएफ हुसैन ने बाद में इन मुकदमों को खत्म करने की अपील की, जो नहीं पूरी हुई. इसके बाद से वह करीब पांच साल से भारत से बाहर रह रहे थे.
2010 में उन्हें कतर की नागरिकता मिल गई. 17 सितंबर 1915 में पंढरपुर में पैदा हुए मकबूल फिदा हुसैन को 1940 के आखिर में एक चित्रकार के तौर पर नाम मिलना शुरू हुआ. मशहूर फिल्मकार और लेखक जावेद अख्तर ने उन्हें भारतीय चित्रकला में मील का पत्थर बताया है और कहा कि वह कई भारतीय युवा कलाकारों के लिए एक संस्था हैं. 1991 में उन्हें पद्मविभूषण दिया गया था.
अपने आप को विशुद्ध भारतीय कहने वाले मकबूल फिदा हुसैन को आखिरी सांस भारत में नसीब नहीं हुई.
रिपोर्टः आभा मोंढे
संपादनः ए जमाल