मस्जिद मामले में शीला दीक्षित के खिलाफ केस
१६ जनवरी २०११जंगपुरा रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने अपने वकील आरके सैनी के जरिए दिल्ली हाई कोर्ट में केस दायर किया, जिसमें दीक्षित और इमाम बुखारी के अलावा मटिया महल के विधायक शोएब इकबाल और ओखला के विधायक आसिफ मोहम्मद खान पर भी अदालत की अवमानना का केस बनाया गया है. इन लोगों पर अदालत के आदेश की अवहेलना करने का आरोप है. दिल्ली विकास प्राधिकरण ने जंगपुरा में एक मस्जिद को यह कहते हुए गिरा दिया था कि यह सरकारी जमीन पर गैरकानूनी ढंग से बना है.
जंगपुरा एसोसिएशन का कहना है, "इन लोगों ने अपने शब्दों और कदम से अदालत की गरिमा को ठेस पहुंचाई है और उसे नीचा दिखाने की कोशिश की है, न्याय में बाधा पहुंचाई है और कानून तथा अदालत को असम्मानित किया है." एसोसिएशन का दावा है कि जंगपुरा की मस्जिद गैरकानूनी तौर पर डीडीए की जमीन पर बनाई गई थी, जहां पहले से ही एक कम्युनिटी सेंटर बनाना तय था. इसके बाद अदालत के आदेश पर बुधवार को मस्जिद गिरा दी गई लेकिन उस वक्त काफी लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और पुलिस को उन्हें तितर बितर करने के लिए लाठियां भी भांजनी पड़ीं.
इस्लाम के नियमों के तहत किसी भी गैरकानूनी या जबरदस्ती हड़पी हुई जगह पर मस्जिद नहीं बनाई जा सकती. मस्जिद सिर्फ खरीदी हुई या दान की गई जमीन पर बन सकती है.
लेकिन इसके बाद शुक्रवार को इस जमीन पर दोबारा नमाज अदा की गई. करीब 100 लोगों ने इस जगह पर डेरा डाला हुआ है और वहां एक अस्थायी मस्जिद बना दी गई है. जंगपुरा एसोसिएशन का दावा है कि यह सब दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और शाही इमाम के शह पर हो रहा है, जो प्रशासन के काम में अडंगा डाल रहे हैं.
दिल्ली हाई कोर्ट इस केस पर सोमवार को सुनवाई कर सकती है.
रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल
संपादनः ईशा भाटिया