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महंगा पड़ा सारा पैलिन का ईमेल एकाउंट हैक करना

१ मई २०१०

अमेरिकी चुनावों में उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार रह चुकी सारा पैलिन का ईमेल एकांउट हैक किया गया. हैकिंग करने वाले 22 साल के पूर्व छात्र को अदालत ने दोषी करार दिया. छात्र ने कहा, कॉलेज की दिखावेबाज़ी के चक्कर ऐसा हुआ.

तस्वीर: AP

टेनेसी की अदालत ने डेविड केरनेल को न्याय में बाधा डालने और ग़ैरकानूनी ढंग से कंप्यूटर में सेंध लगाने का दोषी करार दिया. न्याय में बाधा डालने के मामले में उन्हें 20 साल तक की सज़ा हो सकती है. हैकिंग के अपराध में एक साल की सज़ा.

तस्वीर: AP

शुक्रवार को अदालत में यह साफ हो गया कि केरनेल ने 2008 में सारा पैलिन के ईमेल एकांउट को हैक किया. रिपब्लिकन पार्टी की पैलिन उस वक्त उपराष्ट्रपति पद की दावेदारी के प्रचार में जुटी थी. केरनेल तब टेनेसी यूनिवर्सिटी का छात्र था.

केरनेल ने पैलिन के याहू एकांउट में सेंध लगाई और कुछ बातें इंटरनेट पर सार्वजनिक कर दी. केरनेल ने उनके ईमेलों का हवाला देते हुए यह सवाल उठाया कि क्या अलास्का की गवर्नर आधिकारिक कामकाज के लिए अपने निजी ईमेल का ग़लत इस्तेमाल कर रही हैं.

अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि केरनेल ने राष्ट्रीय चुनावों को प्रभावित करने के मकसद से ऐसा किया. इसी वजह से उन्हें न्याय में बाधा डालने का दोषी करार दिया गया. बचाव पक्ष की दलील थी कि केरनेल से कॉलेज की गप्पबाज़ी और डींग हांकने की हरक़त के चलते ऐसा किया. अदालत ने इस तर्क को ख़ारिज़ कर दिया.

फ़ैसले पर सारा पैलिन ने संतोष जताया है. उन्होंने कहा, ''राजनीतिक फ़ायदे के लिए किसी की प्राइवेसी में दख़ल देना अमेरिका घटिया हरक़त मानी जाती है.''

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: एस गौड़

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