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महाभियोग की सुनवाई के दौरान राष्ट्पति ट्रंप क्या कर रहे थे

१४ नवम्बर २०१९

पूरी दुनिया के लोग जब अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग जांच की सुनवाई पर नजरें गड़ाए बैठे थे, तब खुद राष्ट्रपति क्या कर रहे थे?

USA Impeachment öffentliche Anhörung George Kent und William Taylor
तस्वीर: Reuters/E. Scott

ट्रंप का कहना है कि वह लोगों का काम करने में "बहुत व्यस्त" हैं और उन्होंने "एक मिनट" के लिए भी यह सुनवाई नहीं देखी.ट्रंप शुरू से ही इस कार्रवाई को एक "मजाक" मान रहे हैं. बुधवार को खुली और टीवी पर प्रसारित सुनवाई का पहला दिन था. सुनवाई खत्म होने के बाद ट्रंप मीडिया से रूबरू थे. मौका था अमेरिकी दौरे पर आए तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोवान के साथ व्हाइट हाउस की प्रेस कांफ्रेंस का. वहां ट्रंप ने कहा, "मैंने सुना, यह एक मजाक है. मैंने एक मिनट के लिए भी इसे नहीं देखा. यह ढकोसला है, इसकी मंजूरी नहीं दी जानी चाहिए."

डेमोक्रैट सांसदों का आरोप है कि डॉनल्ड ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से सैन्य सहायता की एवज में राजनीतिक मदद मांगी. आरोप लग रहे हैं कि ट्रंप ने अगले राष्ट्रपति चुनाव में उनके प्रमुख प्रतिद्वंद्वी माने जा रहे डेमोक्रैट उम्मीदार जो बाइडेन और उनके बेटे के खिलाफ यूक्रेन में जांच कराने की मांग रखी. जो बाइडेन के बेटे यूक्रेन की कई कंपनियों के बोर्ड में हैं. कई लोगों ने कथित रूप से माना है कि 25 जुलाई को यूक्रेनी राष्ट्रपति से फोन पर हुई बातचीत में ट्रंप ने इसका जिक्र किया था.

तस्वीर: Getty Images/AFP/J. Watson

सार्वजनिक रूप से पहली सुनवाई में दो राजनयिकों ने हाथ उठा कर सच बोलने की शपथ ली. इनमें एक हैं विलियम टेलर, जो यूक्रेन में अमेरिका के राजदूत रहे हैं. उन्होंने बुधवार को एक नई बात बताई कि एक स्टाफ मेंबर ने हाल ही में उन्हें बताया कि उसने ट्रंप और अमेरिकी राजनयिक गॉर्डन सोंडलैंड के बीच हुई बातचीत सुनी थी. यह बातचीत 25 जुलाई के फोन कॉल के अगले दिन की है. टेलर ने बताया कि स्टाफ के मुताबिक सोंडलैंड ने ट्रंप को फोन किया और उसने ट्रंप को "जांच" के बारे में पूछते सुना. सोंडलैंड ने राष्ट्रपति को बताया कि यूक्रेन आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं.

दूसरे गवाह हैं अमेरिका के यूरोपीय और यूरेशिया मामलों के डिप्टी असिस्टेंट सेक्रेटरी जॉर्ज केंट. केंट भी पहले ही ट्रंप की परछाईं वाली कूटनीति को लेकर अपनी गवाही दे चुके है. इन दोनों की गवाही में बंद दरवाजों के पीछे कही बातों की प्रतिलिपियां पहले ही जारी की जा चुकी हैं.

हालांकि ट्रंप इस पूरी प्रक्रिया को ही खारिज कर रहे हैं और इसे अवैध बता रहे हैं. उनका कहना है कि उन्होंने यूक्रेन के साथ डील में कोई गलत काम नहीं किया.

ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने इस सुनवाई को नहीं देखा, लेकिन दोपहर बाद उन्होंने कम से कम 30 बार ट्वीट या रीट्वीट कर इस सुनवाई के बारे में अपनी शिकायतें दर्ज कराई. यहां तक कि वह डेमोक्रैट सांसद एडम शिफ के खिलाफ तंज करने से भी नहीं चूके. ट्रंप ने पत्रकारों से कहा, "यह जबरन दोषी ठहराने की कार्रवाई है, मैं बहुत व्यस्त हूं मेरे पास इसे देखने का वक्त नहीं है. इसमें कुछ भी नहीं है. मैंने देखा कि वे ऐसे वकीलों का इस्तेमाल कर रहे हैं जो सिर्फ टीवी के वकील हैं. उन्होंने कुछ लोगों को टीवी से हटा भी दिया है. आपको पता है, मैं यह देख कर हैरान नहीं हूं क्योंकि शिफ खुद अपने सवाल नहीं कर सकते."

शिफ महाभियोग की सुनवाई की हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की इंटेलिजेंस कमेटी के चेयरमैन के तौर पर निरीक्षण कर रहे है. कैलिफोर्निया के सांसद एडम शिफ का कहना है, "राष्ट्रपति ने अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा की कीमत पर अपने राजनीतिक और निजी हितों को आगे बढ़ाना चाहा. क्या यह अब नई सामान्य स्थिति है."

ऐतिहासिक सुनवाई के दौरान डेमोक्रैट और रिपब्लिकन सांसद अपनी दलीलों को पुख्ता कर रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा अमेरिकी लोगों का समर्थन हासिल कर सकें.

डेमोक्रैट सांसदों का कहना है कि बुधवार को संसद में हुई असाधारण सार्वजनिक सुनवाई से यह बात सामने आ गई है कि ट्रंप ने अपने पद का दुरुपयोग किया. उनका कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने चुन कर आए यूक्रेन के नए राष्ट्रपति के सामने प्रतिद्वंद्वी डेमोक्रैट नेताओं के खिलाफ राजनीतिक जांच के लिए कहा और इस दौरान सैन्य सहायता रोकी. डेमोक्रैट सांसदों ने इसे "घूसखोरी" और "जबरन वसूली" नाम दिया है.

उधर रिपब्लिकन सांसद इसे खारिज करते हुए कह रहे हैं कि पहले दिन की सुनवाई के दौरान ऐसा कुछ नहीं दिखा. उनका कहना है कि गवाही देने आए दो राजनयिकों ने ट्रंप की 25 जुलाई की बातचीत के बारे में सुनी सुनाई जानकारी पेश की. रिपब्लिकन सांसदों की दलील है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति पर कोई दबाव नहीं था और आखिरकार सैन्य मदद भेजी गई, हालांकि संसद के दखल देने के बाद.

विलियम टेलर तस्वीर: picture-alliance/AP/A. Brandon

खुली सुनवाई राष्ट्रपति के खिलाफ चल रही महाभियोग की जांच का हिस्सा है. अमेरिकी इतिहास में यह सिर्फ चौथी बार ऐसा हो रहा है. इस सुनवाई की तस्वीरें और वीडियो टीवी पर सोशल मीडिया पर खूब चल रही हैं और अलग अलग धड़ों में बंटे लोग अपने अपने हिसाब से इसका विश्लेषण कर रहे हैं.

25 जुलाई को ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच हुई बातचीत की प्रतिलिपी कुछ ही हफ्ते पहले जारी की गई है और इसमें ट्रंप का जेलेंस्सकी से "तरफदारी" की मांग का जिक्र है. हालांकि रिपब्लिकन सांसद इस बात पर अड़े हुए हैं कि जिन लोगों ने पहले दिन की सुनवाई में गवाही दी उन्होंने खुद उस बातचीत को नहीं सुना है. वो किसी और से सुनी बात का जिक्र कर रहे हैं.

हालांकि डेमोक्रैट सांसदों का कहना है कि उनके पास ऐसे गवाह भी मौजूद हैं जिन्होंने खुद अपने कानों से यह बातचीत सुनी है.

रिपब्लिकन सांसद केविन मैकार्थी ने बुधवार को कहा कि पहला डेमोक्रैट गवाह, "फोन कॉल के दौरान वहां नहीं था, वह कभी राष्ट्रपति से नहीं मिला, ना ही उसने चीफ ऑफ स्टाफ से बात की और वह उनका प्रमुख गवाह है."

बुधवार को पूरे दिन दोनों राजनयिकों ने एक नाटकीय लेकिन जटिल गवाही जारी रखी. उन्होंने बताया कि कैसे एक राजदूत को हटाया गया, यूक्रेन की नई सरकार उलझन में थी क्योंकि उन्हें एक "अनियमित चैनल" का पता चला था. एक छद्म अमेरिकी विदेश नीति जो राष्ट्रपति के निजी वकील रूडी गिलियानी के इशारों पर चल रहा था और जिसने कूटनीतिक और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हलकों में चिंता पैदा की.

इंटेलिजेंस कमेटी के प्रमुख एडम शिफ (बीच में).तस्वीर: AFP/O. Doulliery

बुधवार को हुई सुनवाई से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि फिलहाल यह मामला अभी बहुत दिलचस्पी वाला नहीं बन सका है. संसद में कुछ घंटों के लिए छुट्टी भी रही ताकि सांसद या तो सुनवाई टीवी पर देख सकें या फिर खुद उसमें मौजूद रह सकें. कुछ रिपब्लिकन और डेमोक्रैट सांसद वहां गए भी.

राष्ट्रपति के बेटे एरिक ने इसे "उबाऊ" कहा तो सांसदों के लिए आरक्षित सीटों की दूसरी कतार में बैठे रिपब्लिकन सांसद मार्क मीडोज ने कहा "मेरे लिए खुद को जगाए रखना बड़ा मुश्किल है." अमेरिका के लिए इससे गंभीर सवाल कोई और नहीं हो सकता कि क्या देश के राष्ट्रपति को पद से हटाया जाए. इस दिशा में महाभियोग पहला कदम है और संविधान में मौजूद इस प्रक्रिया का बहुत कम ही इस्तेमाल होता है. अमेरिकी राष्ट्रपतियों के खिलाफ अब तक केवल चार बार महाभियोग की कार्रवाई हुई है. इनमें से दो को बरी कर दिया गया और तीसरे ने बर्खास्तगी से पहले ही इस्तीफा दे दिया.

एनआर/एके(एपी)

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