महाभियोग से बरी होने के बाद और मजबूत हो कर निकले ट्रंप?
६ फ़रवरी २०२०
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप महाभियोग के आरोपों से बरी हो चुके हैं. समीक्षकों का कहना है कि महाभियोग के मुकदमे ने रिपब्लिकन पार्टी में ट्रंप की स्थिति मजबूत कर दी है.
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अमेरिकी सीनेट ने राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को महाभियोग के आरोपों से बरी कर दिया है. हालांकि जनमत संग्रहों में महाभियोग के मुकदमे में और गवाहों को सुनने का समर्थन किया गया था, लेकिन लोगों ने राष्ट्रपति को भी भारी समर्थन दिया. सीनेट के फैसले के बाद डॉनल्ड ट्रंप ने अपने चुनावी अभियान की रफ्तार बढ़ा दी है. उनकी रिपब्लिकन पार्टी अब एकमत होकर उनके साथ है. जो लोग विरोध में थे वे मैदान छोड़ चुके हैं या अगले चुनावों में नहीं लड़ने का फैसला कर चुके हैं. चुनावी आंकड़ों और प्रतिद्वंद्वी डेमोक्रेटिक पार्टी में उम्मीदवार के चुने जाने को लेकर उथल-पुथल ने भी ट्रंप की हिम्मत बढ़ाई है.
सीनेट में रिपब्लिकन सदस्यों ने पूरे तालमेल के साथ ट्रंप को बरी करने के लिए मत दिया. अपने निर्णय के पीछे उन्होंने कई कारण गिनाए, जैसे 'ट्रम्प दोषी तो हैं लेकिन महाभियोग की जरूरत नहीं थी,' यूक्रेन के राष्ट्रपति के साथ जुलाई में टेलीफोन पर हुई उनकी बातचीत एक 'उत्तम कॉल' थी, '10 महीनों में चुनाव हैं और उनकी किस्मत का फैसला मतदाताओं के हाथ में है.' खुद ट्रंप के लिए शायद सबसे महत्वपूर्ण संदेश ये था कि अधिकतम राजनीतिक संकट के समय में भी उनकी रिपब्लिकन पार्टी उनके साथ है.
अमेरिका के इतिहास में डॉनल्ड ट्रंप से पहले किसी भी राष्ट्रपति पर दो बार महाभियोग नहीं लगा है. अगर ट्रंप दोषी साबित होते हैं, तो सांसद ट्रंप को भविष्य में दोबारा चुनाव लड़ने से रोकने पर एक और मतदान करा सकते हैं.
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दो बार लगा महाभियोग
महाभियोग एक संवैधानिक प्रक्रिया है जिसमें अमेरिकी कांग्रेस उन सरकारी अधिकारियों के खिलाफ आरोप तय करती है जिन पर किसी तरह के गैर कानूनी काम करने का आरोप लगता है. डॉनल्ड ट्रंप अमेरिका के एकमात्र ऐसे राष्ट्रपति हैं जिन पर दो बार महाभियोग लगा है.
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किस किस के खिलाफ
अमेरिका के संस्थापकों ने कांग्रेस को "राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और संयुक्त राज्य अमेरिका के सभी सरकारी अधिकारियों" को पद से हटाने की शक्ति दी है, जिसके तहत उन अभियुक्तों पर महाभियोग चलाया जा सकता है, जो "देशद्रोह, रिश्वतखोरी या दूसरे बड़े अपराध या दुराचार के दोषी माना जाते हैं."
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इसके मायने क्या हैं
सीधे शब्दों में कहें तो महाभियोग का मतलब है अदालत में अभियोग के समान आरोप होना. हालांकि, "उच्च अपराध और दुष्कर्म" की परिभाषा की व्याख्या के तरीके अलग हो सकते हैं. कभी कभी इसका मतलब यह भी होता है कि जरूरी नहीं कि अधिकारी ने कानून को तोड़ा ही हो.
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ट्रंप पर पहला महाभियोग
डॉनल्ड ट्रंप पर 18 दिसंबर 2019 को अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने महाभियोग लगाया गया था. ट्रंप पर दो मुख्य आरोप थे. पहला, 2020 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में प्रतिद्वंदी जो बाइडेन की छवि खराब करने के लिए यूक्रेन से मदद मांगी और दूसरा, संसद के काम में अड़चन डालने की कोशिश की. राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ पहले महाभियोग की कार्रवाई जनवरी 2020 में हुई.
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कैसे चलाया जाता है महाभियोग
अमेरिकी संसद के निचले सदन के पास ही "महाभियोग लगाने की शक्ति" है. हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी आमतौर पर महाभियोग की कार्यवाही के लिए जिम्मेदार होती है. सदन के 435 सदस्यों के साधारण बहुमत से आरोप लाने के लिए सदन बहस और फिर वोट करता है. इस भूमिका में, सदन एक अधिकारी के खिलाफ आरोप लाने वाली एक जूरी के रूप में काम करता है.
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आखिर में गेंद सीनेट के पाले में
संसद के उच्च सदन यानि सीनेट के पास "सभी महाभियोगों की एकमात्र शक्ति है," जिसका अर्थ है कि इसमें अधिकारी को दोषी करार देने की शक्ति है. जब राष्ट्रपति पर मुकदमा चलाया जाता है, तो सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश कार्यवाही की अध्यक्षता करते हैं.
अमेरिका के आज तक के इतिहास में अब तक कुल तीन राष्ट्रपतियों पर महाभियोग चलाया गया है. एंड्रयू जॉनसन, बिल क्लिंटन और डॉनल्ड ट्रंप. एंड्रयू जॉनसन, बिल क्लिंटन दोनों को ही सीनेट ने पद से नहीं हटाया. एक और राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने महाभियोग से बचने के लिए पहले ही पद से इस्तीफा दे दिया था.
राष्ट्रपतियों के अलावा
सदन ने 60 से अधिक बार महाभियोग की कार्यवाही की है. सिर्फ एक तिहाई मामलों में पूर्ण महाभियोग लाया जा सका है. केवल आठ अधिकारियों को अब तक दोषी ठहराया गया है और पद से हटाया भी गया है. यह सभी अधिकारी संघीय न्यायाधीश थे.
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राष्ट्रपति को पद से कैसे हटाया जा सकता है
राष्ट्रपति को पद से हटाने के लिए 100 सीटों वाली सीनेट में दो-तिहाई बहुमत को राष्ट्रपति को दोषी ठहराने के लिए वोट देना होता है. ऐसा होने पर राष्ट्रपति को पद छोड़ना पड़ता है. हालांकि यह जरूरी नहीं है कि राष्ट्रपति अदालत में भी उसी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया हो या फिर भविष्य में दोषी ठहराया जाए.
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ठीक एक दिन पहले ट्रंप ने अपने स्टेट ऑफ द यूनियन भाषण में महाभियोग का जिक्र तक नहीं किया था और दावा किया था कि उन्होंने 2016 में अपने चुनाव अभियान में किए वादों को पूरा कर दिया है. महाभियोग के आरोपों से बरी होने के बाद वे 2020 के अपने अभियान के लिए महाभियोग को ही एक हथियार बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे थे. ट्रंप ने ट्वीट किया कि वह बुधवार को अपने बरी होने पर एक वक्तव्य जारी करेंगे, जिसमें वे "महाभियोग के धोखे पर हमारे देश की जीत" पर चर्चा करेंगे. साथ ही उनके समर्थकों को निमंत्रण भी दिया गया कि वे ईस्ट रूम में उनके साथ ''जीत के जश्न'' में शामिल हों.
राष्ट्रपति और उनके साथियों ने ट्रंप पर आरोप लगाने वालों और डेमोक्रैट सांसदों को चिढ़ाने वाले भी कई ट्वीट किए. ट्रंप ने टाइम पत्रिका के एक कवर का इस्तेमाल करते हुए एक वीडियो डाला जो ये कह रहा था कि वे "हमेशा" राष्ट्रपति रहेंगे. सदन में माइनॉरिटी नेता केविन मैककार्थी ने ट्रंप को महाभियोग की धाराएं फाड़ते हुए दिखाने वाला एक वीडियो ट्वीट किया. व्हाइट हाउस के सोशल मीडिया निदेशक डैन स्काविनो ने ट्रंप को नाचते हुए दिखाता हुआ एक जिफ ट्वीट किया.
2020 के राष्ट्रपति चुनावों के लिए हुई पहली नामांकन प्रतियोगिता आयोवा कॉकस से ट्रंप के लिए और भी अच्छी खबर आई. गिनती के दौरान हुई एक दुर्घटना की वजह से डेमोक्रैट सांसदों के बीच अफरा तफरी हो गई. किसी भी प्रत्याशी को स्पष्ट जीत नहीं मिली और ट्रंप को डेमोक्रैट सदस्यों को अयोग्य और भ्रष्ट दिखाने का मौका भी मिल गया.
महाभियोग की पूरी प्रक्रिया के दौरान, कई ऐसे रिपब्लिकन सीनेटरों ने ट्रंप का समर्थन किया जिन्होंने उनकी उम्मीदवारी का विरोध किया था और जो अब भी अकेले में उनकी आलोचना करते हैं. लम्बे समय से रिपब्लिकन राजनीतिक सलाहकार रहे स्कॉट जेनिंग्स का कहना है कि महाभियोग के मुकदमे ने ट्रंप का उनकी पार्टी में, और खासकर उनके मूल कंजर्वेटिव मतदाताओं में स्थान और मजबूत कर दिया.
कहते हैं कि दुनिया में एक जैसी शक्ल कम से कम सात लोग मौजूद होते हैं. तो चलिए आज मिलते हैं दुनिया भर के नेताओं के हमशक्लों से.
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हम साथ साथ हैं
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की सिंगापुर में मुलाकात के मौके पर उनके हमशक्ल भी वहां पहुंचे हैं. वैले यह फोटो दक्षिण कोरिया में हुए शीत ओलंपिक खेलों के समय की है जहां उन्होंने लोगों का खूब मनोरंजन किया.
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किम का जलवा
उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन की तरह दिखने वाले कई लोग इन दिनों सोशल मीडिया पर मशहूर हो रहे हैं. ये लोग अपने बाल और पहनावा भी बिल्कुल उन्हीं के जैसा रखते हैं.
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मोदी और रामदेव
भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योग गुरु रामदेव से मिलते जुलते चेहरों वाले भी कई लोग मिल जाते हैं. खास कर चुनावी मौसम में होने वाली रैलियों में उन्हें खास तौर से देखा जाता है.
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यस वी कैन
आ गए ना पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा याद. वैसे इन जनाब का नाम इल्हाम अनास है और वे इंडोनेशिया के हैं. पेशे से फोटोग्राफर हैं, लेकिन कई लोग उनके साथ फोटो खिंचवाने के लिए उतावले रहते हैं.
तस्वीर: AP
स्टालिन, क्लिंटन और मैर्केल
रूसी शासक स्टालिन, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल. तीनों एक साथ. नहीं. ये तो (बाएं से) लोथार वंडरलिश, स्टेफान टोमासी और सुजाने क्नोल हैं. तस्वीर 2005 की है.
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फिर से मैर्केल
जर्मन शहर ल्यूबेक की रहने वाली और चांसलर मैर्केल की हमशक्ल सुजाने क्नोल राजनीति में दिलचस्प भी रखती हैं. हालांकि वह मैर्केल की पार्टी सीडीयू नहीं, बल्कि सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी एसपीडी की सदस्य हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/W. Langenstrassen
व्लादिमीर पुतिन
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ताकत और दबंगई के प्रतीक हैं. वैसे यहां आप उन्हें नहीं, बल्कि उनके एक हमशक्ल को देख रहे हैं. तस्वीर रूस में 2013 में हुई वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के दौरान ली गई.
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क्वीन एलिजाबेथ?
17 जून 2000 को यूरो कप में इंग्लैड और जर्मनी के बीच फुटबॉल मुकाबला था. तभी वहां ब्रिटेन की महारानी क्वीन एलिजाबेथ की एक हमशक्ल ने पहुंच कर कई लोगों को हैरान कर दिया.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Limina
पोप जॉन पॉल द्वितीय
यह है इटली का एक स्ट्रीट आर्टिस्ट जिसने खुद को पोप जॉन पॉल द्वितीय के रंग रूप में ढाला हुआ है. यह तस्वीर अप्रैल 2014 की है जब पोप जॉन पॉल और पोप जॉन 23वें को संत घोषित किया गया था.