सेलम 11 साल की उम्र में अपने गांव से भागी थी क्योंकि बड़ी उम्र के एक आदमी से उसकी शादी हो रही थी. तब उसने सोचा था कि वह आजाद हो गई है. लेकिन बेहतर भविष्य की उसकी उम्मीदें जल्द ही टूट गईं.
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सेलम (बदला हुआ नाम) ने पिछले तीन साल अफ्रीकी देश इथियोपिया के उत्तरी शहर गोंडर में देह व्यापार में बिताए हैं. अधिकारियों और साामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस शहर में सैकड़ों लड़कियां इस धंधे में पिस रही हैं और कोरोना महामारी के चलते उनकी संख्या लगातार बढ़ रही है.
सेलम ने 11 साल की उम्र में स्कूल छोड़ दिया था. इसलिए वह अपने घर लौटने की स्थिति में नहीं थी. सेलम कहती है कि उसे देह व्यापार से निकलने का कोई रास्ता नहीं दिखा. इथियोपिया में देह व्यापार की अनुमति है इसलिए बड़े हिस्से में यह काम धड़ल्ले से होता है. कम उम्र लड़कियों के साथ शारीरिक संबंध बनाना दंडनीय अपराध है. लेकिन उम्र तय करना हमेशा मुश्किल होता है.
अब 14 साल की हो चुकी सेलम ने थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को बताया, "ये काम गंदा है, लेकिन अगर ये करना छोड़ दूंगी तो फिर क्या खाऊंगी." सेलम अभी अपनी एक पड़ोसन के घर पर आराम कर रही है, जो व्यस्क है और वह भी सेक्स वर्कर है. सेलम कहती है, "मैं इससे बाहर निकलना चाहती हूं, लेकिन बाहर निकलकर करूंगी क्या."
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दुनिया के सबसे बड़े देह बाजार
हैवोकस्कोप रिसर्च इंस्टीट्यूट ने कई देशों में होने वाले देह व्यापार के आंकड़े जमा किये हैं. इसमें भारत को भी बड़ा बाजार बताया गया है. एक नजर इन देशों पर.
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12. इंडोनेशिया: 2.25 अरब डॉलर
इंडोनेशिया में देह व्यापार गैरकानूनी है. इसे नैतिक अपराध माना जाता है. लेकिन इसके बावजूद मुस्लिम बहुल इंडोनेशिया में देह व्यापार काफी फैला हुआ और संगठित है. यूनिसेफ के मुताबिक इंडोनेशिया में देह व्यापार से जुड़ी 30 फीसदी युवतियां नाबालिग है.
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11. स्विट्जरलैंड: 3.5 अरब डॉलर
स्विट्जरलैंड में देह व्यापार के अड्डे को आम तौर पर "सेक्स रूम" कहा जाता है. इसे सरकार से वित्तीय मदद भी मिलती है. यह शहर के केंद्र से बाहर होते हैं. वहां शावर, लॉकर, डेस्क और वॉशिंग मशीन भी होती है. ज्यूरिख शहर ने तो देह व्यापार के ठिकाने को शहर से दूर बसाने के लिए 26 लाख डॉलर भी दिए.
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10. तुर्की: 4 अरब डॉलर
तुर्की में देह व्यापार कानूनी है लेकिन देह व्यापार को बढ़ावा देना प्रतिबंधित है. तुर्की का अप्रावसन कानूनी देह व्यापार के लिए तुर्की आने की इजाजत नहीं देता है. लेकिन इसके बावजूद तुर्की 10वें नबंर पर है.
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9. फिलीपींस: 6 अरब डॉलर
देह व्यापार फिलीपींस में गैरकानूनी है. लेकिन सब जानते हैं कि फिलीपींस सेक्स टूरिज्म के लिए किस हद तक बदनाम है. बहुत ज्यादा गरीबी और इंटरनेट तक आसान पहुंच ने इस देश को सेक्स टूरिज्म के लिए चुंबक जैसा बना दिया है. बच्चे और नाबालिग भी इसका शिकार हो रहे हैं.
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8. थाइलैंड: 6.4 अरब डॉलर
यह देश भी सेक्स टूरिज्म के लिए मशहूर है. थाइलैंड में देह व्यापार कानूनी है. यहां खास जगहों पर ही देह व्यापार की अनुमति है. स्थानीय अधिकारी कभी कभार यौनकर्मियों की रक्षा भी करते हैं. वियतनाम युद्ध के बाद से ही थाइलैंड सेक्स टूरिज्म के लिए मशहूर हुआ.
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7. भारत: 8.4 अरब डॉलर
आबादी के लिहाज से दुनिया के दूसरे बड़े देश, भारत में देह व्यापार से जुड़ा कानून बड़ा उलझा हुआ है. पैसे के लिए सेक्स करना कानूनी है लेकिन सार्वजनिक जगहों पर, होटल में ऐसा करना, अड्डा चलाना या इसे बढ़ावा देना गैरकानूनी है. निजी आवास में बालिग के साथ आपसी सहमति से सेक्स करना कानूनी है.
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6. दक्षिण कोरिया: 12 अरब डॉलर
हालांकि दक्षिण कोरिया में यह गैरकानूनी है लेकिन कोरियन वुमेन्स डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट कुछ और ही कहानी बयान करती है. दक्षिण कोरिया में देह व्यापार का कारोबार 12-13 अरब डॉलर का है. यह जीडीपी का 1.6 फीसदी है. रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण कोरिया के 20 से 64 साल के 20 फीसदी पुरुष महीने में औसतन 580 डॉलर देह व्यापार पर खर्च करते हैं.
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5. अमेरिका: 14.6 अरब डॉलर
अमेरिका में आम तौर पर देह व्यापार कानूनी है. हालांकि नेवाडा राज्य के कुछ इलाकों में यह गैरकानूनी है. अमेरिका में देह व्यापार के लिए आधिकारिक तौर पर आवेदन किया जा सकता है. इस कारोबार से जुड़े लोगों को टैक्स, कर्मचारियों की हिफाजत, न्यूनतम मजदूरी, बीमा, मेडिकल जांच के नियम मानने पड़ते हैं.
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4. जर्मनी: 18 अरब डॉलर
अनुमान के मुताबिक जर्मनी में 40,000 सेक्स वर्कर हैं. यह कानूनी है लेकिन सामाजिक दशा और अधिकारों से जुड़े कई नियम हैं. यौनकर्मियों को दूसरे पेशों की तरह सामाजिक सुरक्षा मिल सकती है. देह व्यापार के लिए मजबूर करना या स्थिति का लाभ उठाना अपराध है.
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3. जापान: 24 अरब डॉलर
देह व्यापार जापान के इतिहास के साथ जुड़ा है. 1956 के एंटी प्रोस्टिट्यूशन एक्ट के मुताबिक, "कोई भी व्यक्ति यौनकर्मी नहीं बनेगा और ना ही ग्राहक बनेगा." कानूनी कमियों के चलते जापान में सेक्स उद्योग शुरू हुआ, यह उद्योग खुद को देह व्यापार नहीं कहता है.
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2. स्पेन: 26.5 अरब डॉलर
यूएन यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के मुताबिक 39 फीसदी स्पेनिश पुरुषों ने एक बार यौनकर्मी से संबंध बनाए हैं. 2009 में स्पेन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक सर्वे किया जिसमें 32 फीसदी पुरुषों ने यह स्वीकारा. यह हॉलैंड और ब्रिटेन की तुलना में 14 फीसदी ज्यादा है.
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1. चीन: 73 अरब डॉलर
दुनिया का सबसे बड़ा यौन कारोबार उस देश में होता है जहां देह व्यापार गैरकानूनी है. चीन में सरकार यौनकर्मियों के साथ अपराधियों की तरह पेश आती है. समय समय पर छापे मारे जाते हैं लेकिन इसके बावजूद चीन के मसाज पार्लरों, बारों और नाइट क्लबों में यह फलता फूलता रहा है.
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महामारी का चंगुल
जिन दर्जन भर सेक्स वर्कर्स से बात की गई, उनमें से पांच नाबालिग थीं. कार्यकर्ता और अधिकारी अमहारा इलाके में बच्चों के यौन शोषण को रोकने के लिए काम कर रहे हैं. लेकिन उनके सामने कई बाधाएं हैं जिनमें कोरोना महामारी भी शामिल है.
महिला, बाल और युवा मंत्रालय में बाल अधिकार विभाग के निदेशक किबरी हैलु अबे का कहना है कि सरकार स्थानीय अधिकारियों की मदद कर रही है. वह कहते हैं, "बच्चों की सुरक्षा के लिए कई अहम कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं." उनके मुताबिक 10 वर्षीय कार्यक्रम के तहत बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ताओं को नियुक्त किया जाएगा, हॉटलाइन बनाई जाएगी और यौन अपराधियों का रजिस्टर बनाया जाएगा.
सामाजिक कार्यकर्ता कहते हैं कि गांवों में कुछ परिवार अपनी लड़कियों को शहरों में नौकरियां करने भेजते हैं, जहां उनके लिए देह व्यापार ही पैसा कमाने का अकेला जरिया बचता है. कई लड़कियां तस्करों को पैसे देकर बेहतर जिंदगी की तलाश में सऊदी अरब या यूरोप जाना चाहती हैं.
गरीबी के चलते बढ़ता सेक्स टूरिज्म
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गोंडर में फैमिली गाइडेंस एसोसिएशन ऑफ इथियोपिया नाम की संस्था की तरफ से चलाने जाने वाले एक क्लीनिक के प्रमुख गेटाशियू फेंटाहुन कहते हैं, "उनके पास जीवित रहने का बस यही जरिया है." यह संस्था गरीब लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराती है.
गेटाशियू कहते हैं कि वेटर और घरों में नौकरानी का काम करने वाली बहुत सी लड़कियां कोरोना महामारी के कारण बेरोजगार हुई हैं. वे खाली हाथ वापस अपने गांव जाने की बजाय देह व्यापार में ही लौट रही हैं. महामारी ने दुनिया भर में बहुत से परिवारों को गरीबी में धकेला है. ऐसे में, संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि खास तौर से बच्चों पर बाल श्रम और समय से पहले उनकी शादी करने का जोखिम मंडरा रहा है.
विश्व बैंक ने चेतावनी दी है कि 2021 के अंत तक कोविड-19 की वजह से 15 करोड़ लोग बेहद गरीबी में जा सकते हैं. इसके चलते पिछले तीन साल में गरीबी को खत्म करने के लिए जितनी प्रगति हुई है, उस पर पानी फिर सकता है.
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इन देशों में कानूनी है देह व्यापार
कहते हैं वैश्यावृति दुनिया का सबसे पुराना पेशा है. लेकिन इस पेशे के बारे में खुल कर बात करने से लोग अक्सर परहेज करते हैं. कई देशों में यह कानूनी है और यौनकर्मी अन्य किसी भी पेशे की तरह सरकार को टैक्स भी चुकाते हैं.
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नीदरलैंड्स और बेल्जियम
देह व्यापार में एम्सटर्डम का रेड लाइट एरिया शायद दुनिया का सबसे मशहूर हिस्सा है. अन्य देशों से विपरीत, जहां लोग छिप छिपा कर रेड लाइट एरिया में जाते हैं, एम्सटर्डम में टूरिस्ट खास तौर से इस इलाके को देखने पहुंचते हैं. बेल्जियम में भी देह व्यापार कानूनी है.
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फ्रांस और जर्मनी
इन दोनों देशों में देह व्यापार को नियंत्रित करने के लिए कड़े नियम हैं. जर्मनी के कुछ शहरों में यौनकर्मियों को सड़कों पर ग्राहक खोजने के लिए खड़े होने की अनुमति नहीं है. वहीं फ्रांस में 2014 में नया कानून लागू किया गया जिसके तहत सेक्स के लिए पैसे देना अपराध है.
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स्वीडन और नॉर्वे
फ्रांस ने जो कानून लागू किया है, उसकी शुरुआत 1999 में पहली बार स्वीडन ने की. इसीलिए इसे 'स्वीडिश मॉडल' और 'नॉर्डिक मॉडल' कहा जाता है. नॉर्वे और आइसलैंड भी इसी कानून का पालन करते हैं. इस मॉडल के तहत ये देश यौनकर्मियों को अपराधी ना कह कर, देह व्यापार पर लगाम कसने की कोशिश कर रहे हैं.
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ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड
इन दोनों देशों में देह व्यापार को पूरी तरह कानूनी मान्यता प्राप्त है. ऑस्ट्रिया में देह व्यापार में आने के लिए कम से कम 19 साल का होना जरूरी है. महिलाओं को नियमित रूप से अपना मेडिकल टेस्ट कराना होता है और टैक्स भी चुकाना होता है. जर्मनी में भी ऐसा ही है.
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ग्रीस और तुर्की
जर्मनी की तरह ग्रीस में भी वैश्यावृति एक कानूनी पेशा है. अन्य लोगों की तरह यौनकर्मियों को अपना मेडिकल बीमा भी कराना होता है. तुर्की में भी इसी तरह के कानून हैं. वहां यौनकर्मियों के लिए खुद को पंजीकृत कराना और आईडी कार्ड बनवाना अनिवार्य है.
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ब्रिटेन और आयरलैंड
ब्रिटेन में भी यौनकर्मियों के पास अधिकार हैं लेकिन गैर सरकारी संगठनों के विरोध के चलते वक्त के साथ कुछ नियम बदले गए हैं. मिसाल के तौर पर किसी यौनकर्मी की तलाश में रेड लाइट इलाके में धीमी गति पर गाड़ी चलाने की इजाजत नहीं है. आयरलैंड में भी कड़ा नियंत्रण है.
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स्पेन और पुर्तगाल
दरअसल यूरोप के अधिकतर देश देह व्यापार को अपराध नहीं मानते. हर देश के अपने कुछ अलग नियम हैं और उन्हीं के अनुरूप स्वीकृति है. स्पेन में किसी अन्य व्यक्ति को देह व्यापार में धकेलना या उससे मुनाफा कमाना अपराध है. व्यक्ति अपनी इच्छा से इस पेशे से जुड़ सकता है.
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मेक्सिको और ब्राजील
लगभग सभी लातिन अमेरिकी देशों में देह व्यापार की अनुमति है. ड्रग्स और माफिया के लिए मशहूर मेक्सिको में मानव तस्करी भी बड़ी समस्या है. सुनियोजित रूप से सेक्स रैकेट चलाना अपराध है लेकिन फिर भी यहां ऐसा आम है.
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न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया
जहां पूरे न्यूजीलैंड में देह व्यापार की अनुमति है, वहीं पड़ोसी ऑस्ट्रेलिया के अलग अलग हिस्सों में अलग अलग कानून हैं. न्यूजीलैंड में 2003 में बदले गए कानून के बाद से बालिगों के लिए यह व्यापार कानूनी हो गया है. कनाडा में भी इसे गैरकानूनी नहीं माना जाता.
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भारत और थाईलैंड?
भारत के लगभग हर शहर में कोई ना कोई छिपा हुआ इलाका है जहां देह व्यापार चलता है. दिल्ली की जीबी रोड पूरे देश में मशहूर है. दरअसल भारत में देह व्यापार गैरकानूनी नहीं है लेकिन दलाली करना, चकला चलाना और सार्वजनिक जगहों पर ग्राहक ढूंढना अपराध है. वैश्यावृति के लिए मशहूर एशिया के अधिकतर देशों, जैसे थाईलैंड और फिलीपींस में यौनकर्म गैरकानूनी है.
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हमारी परवाह किसे है?
गोंडर और उसके पास मामेताम शहर में सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि नाबालिग लड़कियों के देह व्यापार को रोकना इतना आसान नहीं है क्योंकि लड़कियां अपनी उम्र के बारे में झूठ बोलती हैं. उन्हें अधिकारियों पर भरोसा नहीं है. इसलिए वे मदद मांगने से भी डरती हैं.
गोंडर में तैनात एक पुलिस कमांडर अलमाज लाकेयू कहते हैं कि देह व्यापार में लगी लड़कियां इसलिए पुलिस से छिपती हैं क्योंकि उन्होंने डर है कि कहीं उन्हें वापस उनके गांव ना भेज दिया जाए. वह कहते हैं, "इस तरह हमारे लिए उनकी मदद करना बहुत चुनौतीपूर्ण हो जाता है."
ईसाई बहुल आबादी वाले गेंडर में बहुत सी सेक्स वर्कर रात के समय बार और रेस्त्रां में मिलती हैं. वे खुद को वहां काम करने वाली वेट्रेस के तौर पर पेश करती हैं. लेकिन उनका असल काम अपने ग्राहक तलाशना होता है. रेस्त्रां और बार के मालिकों को भी उनकी कमाई से कमीशन मिलता है.
दूसरी तरफ, बहुत से सेक्स वर्कर गली के कोने पर खड़ी होकर ग्राहकों का इंतजार करती हैं. उन्हें एक बार किसी के साथ सोने के 100 बिर यानी (लगभग 200 रुपये से भी कम) मिलते हैं. जिन लड़कियों और महिलाओं को कोई ग्राहक नहीं मिलता, उन्हें अकसर खुले में ही रात गुजारनी पड़ती है.
कई सेक्स वर्कर्स का कहना है कि उनकी परवाह ना तो समाज करता है और ना ही अधिकारी. 19 साल की मेकदेस कहती है, "लोग हमें कूड़े की तरह देखते हैं. कुछ लोग हमारी मजबूरी और परेशानियों को समझते हैं जबकि बाकी लोग समझते हैं कि हम किसी काम की नहीं हैं."