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समाज

महामारी के सन्नाटे के बीच त्योहारों का रेला

१० अप्रैल २०२०

दुनिया भर में दो अरब ईसाई गुड फ्राइडे के दिन चर्च से भी दूर हैं और अपने प्रियजनों से भी. बाकी धर्मों के त्योहार भी इस साल कोरोना की बलि चढ़ते दिख रहे हैं.

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तस्वीर: Reuters/U. Marcelino

ईस्टर के सार्वजनिक अवकाश के बावजूद दुनिया भर में लोगों से अपील की गई है कि वे घर पर हा रहें. 2020 में ईस्टर ऐसे वक्त में आया है जब दुनिया कोरोना वायरस जैसे खतरनाक संक्रमण से जूझ रही है. करीबन हर देश की इसकी चपेट में हैं. 

दिसंबर के आखिर में चीनी के शहर वुहान के सीफूड मार्केट से निकला कोविड-19 वायरस अब तक 15 लाख से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है. 94,000 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. यूएन सुरक्षा परिषद कोविड-19 को लेकर पहली बैठक करने जा रही है.

स्पेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे ईसाई बहुल देशों में ईस्टर इस बार फीका पड़ चुका है. हर देश में सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे त्योहार के चलते कोताही ना करें. 

अप्रैल: कई धार्मिक उत्सवों का महीना

दुनिया भर की कई संस्कृतियों में अप्रैल का महीना त्योहारों या धार्मिक कार्यों से भरा रहता है. 8 अप्रैल को यहूदियों का पासओवर शुरू हुआ. उसके बाद ईस्टर आया है. 13 अप्रैल को सिख धर्म का त्योहार बैसाखी है. वहीं अप्रैल के आखिर में मुसलमानों का पवित्र महीना रमजान शुरू होगा.

लेकिन फिलहाल कोरोना वायरस से कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है. कभी समृद्धि और ऋतु परिवर्तन का जश्म मनाने के लिए शुरू की गई त्योहारों की परंपरा भी संक्रमण काल में दाखिल हो चुकी है.

ओएसजे/आरपी (डीपीए, एएफपी)

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