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महामारी पर जर्मन चांसलर के भाषण से गूंज गई संसद

क्रिस्टोफ श्ट्राक
१० दिसम्बर २०२०

जर्मन संसद में चांसलर अंगेला मैर्केल का संभवतः अंतिम बजट भाषण ऐतिहासिक हो गया. डीडब्ल्यू के क्रिस्टोफ श्ट्राक कहते हैं कि यह भाषण मिसाल बन गया कि महामारी के दौरे में जिम्मेदारी कैसे ली जाती है.

जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल
चांसलर मैर्केल जर्मनी में सख्त लॉकडाउन की हिमायत कर रही हैंतस्वीर: Kay Nietfeld/dpa/picture alliance

चांसलर मैर्केल बुधवार को 16वीं और अंतिम बार संसद के निचले सदन बुंडेस्टाग में आने वाले साल का संघीय बजट पेश करने और उस पर पूछे जाने वाले सवालों का जवाब देने के लिए खड़ी हुईं. लेकिन उनका सबसे ज्यादा जोर इस बात पर था कि कोरोना महामारी को रोकने के लिए देश में सख्त लॉकडाउन लगाया जाए. उन्होंने कहा, अगर लोग "क्रिसमस से ठीक पहले दूसरे लोगों के साथ बहुत ज्यादा समय बिताएंगे, तो यह दादा दादी के साथ त्योहार मनाने का आखिरी मौका होगा." उन्होंने कहा, "निश्चित रूप से इससे बड़ी गड़बड़ होगी. हमें ऐसा नहीं करना चाहिए."

मैर्केल ने कहा कि बुधवार को 24 घंटे के भीतर कोविड-19 से होने वाली 590 मौतें एक दुखदायी रिकॉर्ड हैं. उन्होंने कहा कि वह नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस लियोपोल्डीना और दूसरे सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की इन सिफारिशों से सहमत हैं कि क्रिसमस की छुट्टियों के दौरान जर्मनी में लॉकडाउन होना चाहिए. इनमें स्कूलों को बंद करना, सामाजिक संपर्कों को सीमित करना और अब तक जो देखा गया है उससे कहीं ज्यादा अनुशासन की वकालत की गई है.

क्रिस्टोफ श्ट्राक कहते हैं कि मैर्केल के भाषण ने शक्तिशाली प्रभाव छोड़ातस्वीर: DW/B. Geilert

जर्मनी में यह तय करने का अधिकार राज्यों के मुख्यमंत्रियों को है कि महामारी को रोकने के लिए किस तरह के कदम उठाए जाएं. लेकिन मैर्केल का भाषण उन लोगों के साथ एकजुटता की घोषणा थी जो इस महामारी के चलते सबसे ज्यादा खतरे में हैं. आम तौर पर बहुत संयमित रहने वाली चांसलर के भाषण में बहुत भावुकता थी. इससे जर्मन सांसद भी हैरान थे, जिन्होंने अब तक सैंकड़ों बार जर्मन चांसलर को इसी जगह पर खड़े होकर मंद और संतुलित से भाषण ही देते देखा था. भाषण के अंत में उन्हें तालियों की गड़गड़ाहट के साथ खूब सराहना मिली, खासकर उनकी अपनी पार्टी सीडीयू और उसकी सहयोगी क्रिस्चियन सोशल यूनियन के सांसदों की तरफ से. चांसलर के रूप में अपनी लंबी पारी के समापन से पहले मैर्केल के पास इस तरह भाषण देने के अब कुछ ही मौके बचे हैं.

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जर्मनी का कोरोना वायरस बजट

बरसों से जीरो-ऋण एजेंडे को आगे बढ़ाने वाले मैर्केल के गठबंधन के पास इस बार कोई विकल्प नहीं है. संसदीय समूह के नेता राल्फ ब्रिंकहाउस ने मौजूदा बजट प्रस्ताव को "कोरोना वायरस बजट" का नाम दिया है.  

यूरोपीय संघ, जो कि मैर्केल के दिल के बहुत करीब है, वह भी लड़खड़ा रहा है. जर्मनी के पास 2020 के अंत तक यूरोपीय संघ की अध्यक्षता है, जो बारी बारी से सदस्य देशों को मिलती है. ब्रेक्जिट पर लंबी खिंच रही वार्ताओं की तरफ इशारा करते हुए मैर्केल ने कहा, "अब तक लगभग कुछ भी तय नहीं है." यूरोपीय संघ के बजट को लेकर भी यही स्थिति है क्योंकि पोलैंड और हंगरी ने अपनी वीटो पावर का इस्तेमाल किया है. यह विवाद यूरोपीय संघ को अंदर तक हिला सकता है.

66 साल की मैर्केल के लिए बुधवार एक अलग तरह का दिन भी हो सकता था. अगर महामारी नहीं होती तो वे अपने भाषण में संतुलित बजट कार्यक्रम की वकालत करतीं, देश में बढ़ते निवेश की बात करतीं, जो 2005 से बतौर चांसलर उनकी कोशिशों का नतीजा है. वह यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष के तौर पर जर्मनी के कार्यकाल की सकारात्मक समीक्षा करतीं. लेकिन यह साल कोरोना महामारी का साल है. हम तो यह भी नहीं जानते कि 2021 से कौन मैर्केल की पार्टी सीडीयू का नेतृत्व करेगा.

बुधवार को बुंडेस्टाग में मैर्केल के जोरदार भाषण से यह साफ हो गया कि वे जर्मनों के लिए लड़ रही हैं, सहानुभूति, भावनाओं और करुणा के साथ. वह कोरोना वायरस के फैलाव और महामारी के वित्तीय प्रभाव से लड़ रही हैं और वह उन हजारों लोगों की जिंदगियों के लिए लड़ रही हैं जो खतरे में पड़े हैं. वह जर्मनी के भविष्य के लिए लड़ रही हैं.

मैर्केल जर्मनी के 16 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं कर रही थीं. वह सीधे उन जर्मनों से बात कर रही थीं जो क्रिसमस के दौरान मिलने वाली गर्मागर्म वाइन के कपों के साथ सार्वजनिक जगहों पर जमा हो रहे हैं. और वह एक शक्तिशाली प्रभाव छोड़ पाईं.

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